दैनिक जागरण हिसार के 41 कर्मियों के टर्मिनेशन का मामला… प्रबंधन ने हाई कोर्ट, चंडीगढ़ और लेबर कोर्ट, हिसार में मुंह की खाई… कर्मचारी पक्ष की गवाही के लिए 5 जुलाई का समय तय… बार-बार अवसर देने के बाद भी जवाब न देने पर प्रबंधन का बचाव का अधिकार खत्म…
हिसार : हमारे केस के सिलसिले में आज 31 मई का दिन बहुत अहम था। हमारी नजरें न केवल हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर थीं, बल्कि हिसार लेबर कोर्ट में महत्वपूर्ण कार्रवाई होनी थी। प्रबंधन को कई मौके देने के बाद आज का दिन जवाब देने का अंतिम दिन था।
उधर प्रबंधन ने सरकार के रिफरेन्स पर स्टे के लिए हाई कोर्ट, चंडीगढ़ में केस लगा दिया था, जिसकी तारीख आज 31 मई थी। हमें उसकी जानकारी देर शाम तक मिल गई थी। दोनों जगह के लिए दो टीम बनायी गई। चंडीगढ़ में हमारे साथी विमल उपाध्याय जी भी हाई कोर्ट में मौजूद रहे। इस सारी मेहनत का नतीजा हमारे पक्ष में रहा तथा हाई कोर्ट में प्रबंधन को स्टे नहीं मिला और 23 जुलाई की तारीख लग गई।
इधर हिसार में सुबह प्रबंधन की तरफ से सचिन और एचआर कर्मी पेश हुए। उन्होंने हाई कोर्ट में केस होने का हवाला दिया तो जज ने केस को दोपहर बाद सुनने का फैसला किया। दोपहर बाद जब जज ने प्रबंधन से हाई कोर्ट की कार्रवाई पूछी तो सचिन ने बताया कि स्टे नहीं मिला। इस पर जज ने हमारी क्लेम स्टेटमेंट का जवाब मांगा। सचिन ने कहा कि हमारा वकील तो चंडीगढ़ में है, जवाब तो नहीं दे सकते। इतना सुनते ही जज ने कहा कि एक घंटे बाद आ जाना और आदेश पढ़ लेना। आखिर जज ने दोपहर बाद करीब 3.40 बजे अपना फैसला सुना ही दिया।
लगभग ढाई पेज के फैसले में जज ने केस के हर पहलू को लेकर बातें स्पष्ट की हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लेकर सरकारी पत्र और फिर सरकार की तरफ से भेजी गई संशोधित अर्जी तक का हवाला देकर प्रबंधन को जवाब देने के लिए दिए अवसरों का भी जिक्र किया गया है। उसमें प्रबंधन के वकील द्वारा पिछली तारीख को दिए बयान को भी हाईलाइट किया गया है कि अगली तारीख पर जवाब न देने पर प्रबंधन का बचाव पेश करने का अवसर खत्म हो जाएगा और इस पर उनको कोई आपत्ति नहीं होगी।
अब अगली तारीख 5 जुलाई 2018 की तय हुई है, इस दिन कर्मचारी पक्ष की गवाही होगी।
दैनिक जागरण हिसार के महाप्रबंधक कोर्टरुम में उपस्थित नही हुए, लेकिन बचते बचाते परिसर में नज़र जरूर आये।
जय हो।
दैनिक जागरण, हिसार में कार्यरत रहे बृजेश कुमार पाण्डेय की एफबी वॉल से.
Abhay kumar
June 3, 2018 at 2:31 pm
कोबरा पोस्ट ओर भड़ास मीडिया जो काम कर रहा है वो शायद मीडिया से सम्बंधित मिनिस्ट्री भी नही कर रही “लगाम लगाने का काम”जो मीडिया हाउस से बिजनैस हाउस बन चुके है,जिससे सबसे ज्यादा नुकसान हिन्दू धर्म ओर देश को हो रहा है।
मैं धन्यवाद करता हूँ अनिरुद्ध बहल का ओर भड़ास मीडिया का जो मीडिया को भी आईना दिखाने का काम कर रहे है।