Connect with us

Hi, what are you looking for?

आवाजाही

सहारा मीडिया में उपेन्द्र राय द्वारा कांट्रैक्ट पर रखे गए सभी 89 लोग टर्मिनेट

सहारा मीडिया ग्रुप (राष्ट्रीय सहारा और सहारा समय न्यूज चैनल) से एक बड़ी खबर आ रही है. उपेन्द्र राय ने अपने छोटे से कार्यकाल में संपादक से लेकर यूनिट हेड, डिप्टी न्यूज एडिटर, विशेष संवाददाता, प्रमुख संवाददाता आदि पदों करीब 89 लोग भर्ती किए थे जिन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है. इन दिनों सहारा प्रबंधन उपेंद्र राय से सख्त नाराज चल रहा है क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए, उलटे अपनी ब्रांडिंग खूब कर ली और अपने खास लोगों को जमकर ओबलाइज कर दिया.

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>सहारा मीडिया ग्रुप (राष्ट्रीय सहारा और सहारा समय न्यूज चैनल) से एक बड़ी खबर आ रही है. उपेन्द्र राय ने अपने छोटे से कार्यकाल में संपादक से लेकर यूनिट हेड, डिप्टी न्यूज एडिटर, विशेष संवाददाता, प्रमुख संवाददाता आदि पदों करीब 89 लोग भर्ती किए थे जिन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है. इन दिनों सहारा प्रबंधन उपेंद्र राय से सख्त नाराज चल रहा है क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए, उलटे अपनी ब्रांडिंग खूब कर ली और अपने खास लोगों को जमकर ओबलाइज कर दिया.</p>

सहारा मीडिया ग्रुप (राष्ट्रीय सहारा और सहारा समय न्यूज चैनल) से एक बड़ी खबर आ रही है. उपेन्द्र राय ने अपने छोटे से कार्यकाल में संपादक से लेकर यूनिट हेड, डिप्टी न्यूज एडिटर, विशेष संवाददाता, प्रमुख संवाददाता आदि पदों करीब 89 लोग भर्ती किए थे जिन्हें टर्मिनेट कर दिया गया है. इन दिनों सहारा प्रबंधन उपेंद्र राय से सख्त नाराज चल रहा है क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए, उलटे अपनी ब्रांडिंग खूब कर ली और अपने खास लोगों को जमकर ओबलाइज कर दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सभी टर्मिनेट लोग कांट्रैक्ट पर एक-एक साल के लिये भर्ती किए थे. हर साल इन लोगों का कांट्रैक्ट रिन्यूवल होना था. भर्ती के बाद कई लोग चौथे माह में तो कई छठें व कई नौवें माह में काम कर रहे थे. तीन दिन पूर्व अचानक इन सभी को टर्मिनेट करके एक-एक माह का एडवांस चेक देकर सभी को रजिस्टर्ड पत्र भेजकर सूचित कर दिया गया है. साथ ही इन सभी को कार्यालय आकर हिसाब करके शेष भुगतान लेने को कहा गया है.

यहां ध्यान देने योग्य बात है कि उपेन्द्र राय ने अपने कार्यकाल में सहारा मीडिया ग्रुप में सेवानिवृत्त के बाद कांट्रैक्ट पर तैनात 60 वर्ष से ज्यादा के 85 लोगों को एक साथ टर्मिनेट करके इसी जगह पर अपने खास लोगों की तैनाती कर दी थी. लेकिन बदले माहौल में मैनेजमेंट उनके उल्टे सीधे कार्यों की नये सिरे से समीक्षा कर रहा है. इसी क्रम में उनके द्वारा लाए गए लोगों को हटा दिया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. mini

    July 1, 2016 at 2:56 pm

    सहारा मैं हमेशा ऐसा ही होता रहा है …. मुछो की लड़ाई मैं बेचारा नीचे वाला स्टाफ ही मारा जाता है..

  2. सहाराकर्मी

    July 2, 2016 at 12:06 pm

    प्रिय यशवंत जी,
    आपकी यह सूचना भ्रामक है। सहारा से उपेन्द्र राय के समय रखे गए 89 लोगों में ज्यादातर अभी कार्य कर रहे हैं। इनमें आधे से भी कम लोग हटाए गए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि वो भी वे लोग है जो उपेन्द्र राय के कहने पर रखे गए थे। ज्यादातर भर्ती यहां के मठाधीशों ने की थी और उन्हे बचा लिया गया है। उपेन्द्र जी जब तक थे हम लोगों को उम्मीद थी की तनख्वाह मिलेगी। लेकिन अब उनके जाने के बाद सहाराश्री पर ही निगाहे टिकी हैं। किसी और से उम्मीद नहीं है। सब सहारा को अपने-अपने तरीके से बेचनें में लगे हैं। हम लोग मूकदर्शक बने खुद को ठगा जाता देख रहे हैं। इसके पहले 21 लोगों को भी टर्मिनेट करके वर्तमान प्रबंधन अपनी दादागीरी दिखा चुका है।

  3. पूर्व सहाराकर्मी

    July 3, 2016 at 2:40 am

    सहारा मैनेजमेंट में अँधा कानून चलता है। मनोज मनु और विजय राइ जैसे लोग नोएडा कैम्पस के भस्मासुर हैं जिन्हें उपेन्द्र राय ने ही प्रमोट करके बड़ा पद दिया था। सहारा मीडिया प्रबन्धन के फैसलों में कानाफूसी और बदल लेने की खुंदक की अहम भूमिका होती है। सवाल है उपेन्द्र राय यहां आए ही कैसे? अगर उपेन्द्र राय के लोगों को हटाना जरूरी है तो सबसे पहले मनोज मनु और विजय राय को हटाना चाहिए। तभी नोएडा कैम्पस में राजनीति ख़त्म होगी और काम का माहौल बनेगा।

  4. हिंदुस्तान.

    July 4, 2016 at 5:43 am

    दुर्योधन को जैसे पुत्र मोह ले डूबा वैसे ही उपेन्द्र राय ओ भूमिहार मोह ले डूबा. खैर मनाईये कि सहाराश्री समय को भांपते हुए उन्हें बहार का रास्ता दिखा दिया . नहीं तो सहारा में महाभारत होने से कोई रोक नहीं सकता था. अरे भाई , पब्लिक सब कुछ जानती है. अपने लोगों को लोगों यानी की स्वजतिये को मेवा खिलावो और योग्य को भरोसा देकर चुतिया बनाओं की रणनीति कितने दिनों तक चलेगी. भरोसा देकर धोखे में रखना पाप ही है , जनाब. एक न एक दिन पर्दाफाश होना ही था. उपेन्द्र जी , आप ही बताईये , कितने लोगों को भरोसा देकर आपने धोखे में रखा और वैसे लोगों के १८००० रुपये बढ़ने की सिफारिस कर दी जो आपके जाति के हैं. ए कैसा इंसाफ है.

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement