उपराष्ट्रपति नायडू के विश्वासपात्र थे, सूत्रों का दावा राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल ने प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर राव को बर्खास्त किया, राज्य सभा टीवी एंकर ने राव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था
नई दिल्ली। इंडियन इन्फॉर्मेशन सर्विसेज (आई.आई.एस.) के अधिकारी तथा उप राष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति से सेवानिवृत्त वेंकैय्या नायडू के नजदीकी एवं विश्वासपात्र सहायक ए.ए.राव को कोई कारण बताये बिना, एकाएक बर्खास्त कर दिया गया है।
उपराष्ट्रपति की मीडिया पब्लिसिटी का कई सालों से जिम्मा संभाल चुके ए.ए.राव कुछ साल पहले यौन उत्पीड़न के मामले में सुर्खियों में आए थे। राव राज्य सभा टीवी के इंचार्ज भी रह चुके हैं।
राज्य सभा टी.वी. की एंकर ने राव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। हालांकि राज्यसभा सचिवालय में एडिशनल सेक्रेटरी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी जॉइन्ट सेक्रेटरी से जांच कराकर अपने आप को आरोप मुक्त घोषित करा लिया था। सूत्रों का दावा है कि राज्य सभा के सेक्रेटरी जनरल ने प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर राव की बर्खास्तगी के आर्डर जारी किये थे। राव दूरदर्शन (डी.डी.) न्यूज के निदेशक भी रह चुके हैं।
राज्य सभा सचिवालय द्वारा मंगलवार को एक संक्षिप्त अधिसूचना जारी करके गजट में प्रकाशनार्थ भेज दी गयी तथा उसकी एक प्रति राव को दे दी गयी। उक्त अधिसूचना में लिखा है – राज्य सभा सचिवालय में अधिसूचना क्र. आर एस \10\3\2019\74, दिनांक 28.08.2019 के जरिये श्री ए ए राव की अनुबन्ध के आधार पर अतिरिक्त सचिव के पद पर ली जा रही सेवा 31 अगस्त 2020 अपरान्ह के बाद समाप्त की जाती है।
इससे पहले राज्य सभा सभापति को भेजी गई शिकायत में एंकर ने कहा था- एक ऐसे वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ जो खुलकर आपके साथ अपनी नजदीकी का इजहार करता हो, उसका विरोध प्रकट करना और उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत प्रस्तुत करने का साहस जुटाना मेरे लिए कभी भी आसान नहीं था।
एंकर ने आरोप लगाया था कि राव बार-बार उन्हें मैसेज करते थे तथा उनके काम में बाधा डालते थे। इसके साथ ही आपत्तिजनक एवं कामुक (सेक्सुअली कलर्ड) टिप्पणी भी करते थे।
गौरतलब है कि ए.ए.राव 2018 में उस समय खबरों में आए थे, जब वे राज्य सभा टीवी के प्रभारी थे तथा उस वर्ष अगस्त में एंकर ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय, संयुक्त सचिव स्तर के एक कनिष्ठ अधिकारी द्वारा की गई आंतरिक जांच में राव को दोषी नहीं पाये जाने के बाद, एंकर को त्याग पत्र देने के लिए बाध्य किया गया था। उस एंकर ने राज्यसभा के सभापति से भी शिकायत की थी मगर किसी के कानों पर जू नहीं रेंगा था। अब जाकर एंकर को इंसाफ मिला।
राव कई वर्षों से वेंकैय्या नायडू की मीडिया पब्लिसिटी का काम संभाल रहे थे। वेंकैय्या नायडू के राज्य सभा सभापति बनने के बाद वे राज्यसभा सचिवालय के अतिरिक्त सचिव बना दिये गये। आई.आई.एस.काडर से जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (जे.ए.जी) ऑफिसर के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद वेंकैय्या नायडू ने उन्हें पिछले साल 28 अगस्त को अऩुबंध पर अतिरिक्त सचिव के समान हैसियत वाले पद पर नियुक्त कर लिया था।
Shashipriya
September 4, 2020 at 8:11 pm
अच्छा है कीसी को तो न्याय मिला,वरना यहां भगवान मिल जाएंगे लेकिन न्याय नहीं,इतने बड़े ओहदे पर बैठे लोगों पर जब गाज गिर गई तो छोटे लोग कैसे अपराध कर के बच जाते हैं,क्या पुलिस के हाथ इतने तंग है या हाईप्रोफाइल है,समझ नहीं आता, अधिकारी आते है जांच कर खानापूर्ति कर चले जाते हैं पूछो तो पहले वाले अधिकारी के मत्थे मढ कर पल्ला झाड़ लेते हैं वाह ये कानून, वाह री व्यवस्था