अंग्रेजी के पत्रकार अरनब गोस्वामी ने हिंदी भाषी न्यूज चैनलों को धूल चटा दी. हिंदी भाषी न्यूज चैनल कूड़ा कचरा दिखाने के पीछे तर्क देते थे कि ये जनता की डिमांड है, बाजार की मांग है, टीआरपी की मजबूरी है, इसलिए दिखाते हैं. हिंदी भाषी न्यूज चैनलों के संचालकों-संपादकों के इन कुतर्कों को सिर-माथे पर रखकर अरनब गोस्वामी ने सुशांत-रिया कांड को लेकर ऐसी मुहिम चलाई कि सारे चैनल टीआरपी में फेल हो गए, अरनब का हिंदी न्यूज चैनल रिपब्लिक भारत नंबर वन हो गया. ये चैनल कई हफ्ते से नंबर वन है.
रिपब्लिक भारत पर अरनब गोस्वामी बिना आजतक का नाम लिए, सिर्फ तक चैनल कह कर आजतक की तरफ इशारा करते हुए, बार बार आजतक को बेइज्जत कर रहे हैं. गिरती साख और घटती विश्वसनीयता से परेशान आजतक चैनल को अंतत: एक सफाई पेश करना पड़ा, वीडियो फार्मेट में. मजेदार ये कि इस स्पष्टीकरण को लेकर जो कुछ शब्द-वाक्य लिखे गए हैं, उसमें भी कई गल्तियां साफ दिख रही हैं. वाक्य शुरू होते ही ‘के’ की जगह ‘ने’ लिखा गया है. ‘है’ की जगह ‘हैं’ लिखा गया है. हालांकि एक अन्य ट्वीट के जरिए इन गल्तियों को सुधार लिया गया है.
देखें वीडियो-
सुशांत को न्याय दिलाने के वास्ते सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय संतोष सिंह कहते हैं-
आजतक की सफाई भी मजेदार है. इसमें अपने पाप की स्वीकारोक्ति है. इस मामले में आजतक को सफाई देनी पड़ रही है, यही आजतक के बिके होने का सुबूत है. मुम्बई पुलिस के हवाले से शम्स ताहिर ने सुशांत की मौत को बार बार सुसाइड बताया. CBI की जांच की घोषणा सन्दिग्ध हालात में मृत्यु के लिए ही हुई तो भी उसे सुसाइड ही बताया. रिया चक्रवर्ती से PR इंटरव्यू किया. सुशान्त को नशेड़ी और रिया को पाकसाफ बताया. CBI के हवाले से भी सुसाइड बताया तो CBI को खबर का खंडन करना पड़ा. रिया के यहां छापे में कुछ भी न मिलने की बात की जब तक वह जेल न पहुंच गई. सुशान्त मामले में शुरू से ही बिके हुए थे आजतक वाले. हर समय वही सुसाइड का राग..चाहे मुम्बई पुलिस के हवाले से या cbi के हवाले से..बार बार झूठ. दूसरे चैनल को जिम्मेदार मत ठहराओ. जनता अब शिक्षित है. अब जब तुम जान गए कि लोग और एजेंसी तुम्हारे बहकावे में नही आएंगे तो यह सफाई दी जा रही है.
आजतक वाले ट्वीट पर आईं कुछ प्रतिक्रियाओं को देखें-
Tamacha Padega
October 11, 2020 at 11:07 am
boycott aajtak..aab aage bole to tamacha padega