Jawahar Goel : कल के दिन हेयरकट करवाने की दुकान पर लोगों की चर्चा सुन रहा था। नाईयों का बहुत मज़बूती से ‘आप’ को पचास सीटें आने का दावा सुना। भाजपा यदि अपने वोटरों को वोट के दिन बाहर निकाल नही पाई तो केजरीवाल जी की ताजपोशी निश्चित है।
जी ग्रुप के मालिकों में से एक जवाहर गोयल के फेसबुक वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ चुनिंदा कमेंट्स इस प्रकार हैं…
Sarjana Sharama : Voters are secondary sir first of all delhi bjp leaders have to stip being aatam mugadh . They have to stop pulling each others legs and show ekjutta.
Sanjaya Kumar Singh : आम आदमी पार्टी ने पिछली बार सीटों की संख्या से सबको चौकाया था, इस बार उसे सिर्फ थोड़ी और मेहनत करनी है, अभी तक तो मुझे सही दिशा में बढ़ते लग रहे हैं। आप सही कह रहे हैं।
DrAmit Tyagi : Abhi log chamatkrat hain sir….main iske vipreet sochta huin
Pawan Kumar Bhoot : Aap will be below 20
Ishu Tyagi : सर पहले 70 प्रतियाशी निकलने मे मुसीबत हे ।। फिर कार्यकर्ता को मानाने में ।। फिर कही वोटर की बात आती हे ।।। विधान सभा चुनाव की तयारी कुछ नहीं हे खली टिकट की दावेदारी हे ।।।
Ramesh Paandey : Red -tapism in BJP may cause loss of Seat in New Delhi Assembly.
Shekhar Agrawal : Sorry. I do not agree.
Anuj Tripathi : 23 से 24 नही हो सकती।।
Yashwant Singh : पर एक तथ्य ये भी है कि पिछली बार बीजेपी के सपोर्टर पूरी तरह केजरीवाल के साथ थे और बड़े वोकल थे. इस बार ये बीजेपी सपोर्टर पूरी तरह केजरीवाल के खिलाफ हैं और केजरी विरोधी माहौल गढ़ रहे हैं. ऐसे में केजरी टीम को भी मोदी माहौल के बीच पिछली बार से ज्यादा सीट ला पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी…. इतना आसान नहीं है केजरी का दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ पाना… मुझे अबकी ज्यादा शक है, पिछली बार मुतमइन था…
Devendra Yadav : नाई और चाय-पान की दुकानें “प्रीपोल सर्वे” की वे जगहें होती हैं जिसकी अनदेखी अभी तक मीडिया तबका करता आया है।अक्सर मीडिया द्वारा राय ऐसे लोगों से ली जाती है जो देश का “अनिर्णायक मध्यवर्ग” कहलाता है।यही कारण है कि मीडिया के चुनावी अनुमान अधिकांशतया गलत साबित होते हैं।
Jambu Chopra Jain : pichla record bhi kayam rakh le “Aap” to bhut badi baat hogi,
Saurabh Dwivedi : भाजपा के सामने यही समस्या रही है कि वह अपने वोटर नहीं निकाल पाती है आपका चिंतन सही है अगर भाजपा किरण बेदी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर दे तो चुनाव एकतरफा जीत सकते हैं
संतोष उपाध्याय : थोड़ा कठिन ही होगा इस बार केजरी को। यशवंत जी से पिरन सहमत हूँ। वैसे जवाहर सर , दिल्ली में अक्सर लोग डालते ही हैं। जागरूकता हैं अभी इस प्रदेश में। बस यहाँ , यदि केजरी जी के साथी , थोड़ी ढंग से मेहनत कर गए , तो कुछ भी संभव है।
DrAmit Tyagi : Right Saurabh…KIran bedi will ruin all equations of opposite parties
Abhi K Sharma किरण बेदी पर निर्णय न हो पाना बताता है कि कुछ काला है दाल में..
Rajesh Jha saurav ji aap sahi hai. Kiran Bedi ka naam ho. jaise MODI Ji ka naam jaruri tha.
Tirlok Bansal दिल्ली का वोटर upper and lower में divided है। bjp को बहुत मेहनत करनी होगी ।
santosh singh
December 1, 2014 at 1:11 pm
mehanat karnewalo ka bhagwan bhi sath dete hai chahe o bjp ho ya aam admi parti ya koi bhi ho……saty pareshan ho sakta hai but har nahi sakta hai.