Yashwant Singh : दिल्ली राज्य में कार्यरत मीडियाकर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड न दिए जाने को लेकर श्रम विभाग ने मीडिया हाउसों को धड़ाधड़ चांटे मारना शुरू कर दिया है. ऐसा दिल्ली की केजरीवाल सरकार की सख्ती के कारण हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने श्रम विभाग के अफसरों को साफ-साफ कह दिया है कि किसी का मुंह न देखें, कानूनन जो सही है, वही कदम उठाएं.
इस प्रकार सरकार से पूरी तरह छूट मिल जाने के बाद दिल्ली राज्य के श्रम विभाग के अधिकारी चोर मीडिया मालिकों के खिलाफ फुल फार्म में आ चुके हैं. शोभना भरतिया समेत कई मीडिया मालिकों के खिलाफ क्रिमिनल प्रासीक्यूशन शुरू किया जा चुका है. ये है वो लिस्ट…
1-Sobhna Bharatia & 11 other Directors/officer of HT Media Ltd (Case No. 32/1/15.
2-HT Media India Ltd (Case No. 39/1/15)
3-Statesman Ltd (Case No. 33/1/15)
4-Living Media (Case No. 34/1/15)
5-DLA Media (Case No. 35/1/15)
6-Punjab Kesri (Case No. 36/1/15)
7-Sahara (Case No. 37/1/15)
8-Good Morning India (Case No. 38/1/15)
9-Patrakar Prakashan Ltd (Case No. 40/1/15)
10-Amar Ujala, Rajni Maheshwari, Tanmay Maheshwari (Case No. 41/1/15)
11-UNI (Case No. 30/1/15)
12-Pariwartan Bharti (Case No. 31/1/15)
मीडिया मालिकों से भय न खाकर मीडियाकर्मियों को न्याय दिलाने के लिए सख्त रुख अपनाने वाले केजरीवाल और सिसोदिया को थैंक्यू कहना तो बनता है. काश ऐसा ही तेवर-सरोकार बाकी पार्टियों के नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री रख पाए होते. इस प्रकरण के बारे में विस्तार से जानना चाहेंगे तो संबंधित खबर का लिंक नीचे कमेंट बाक्स में दे रहा हूं. http://goo.gl/dlVxPx
Yashwant Singh : एक टेप सुनवा रहा हूं. दैनिक भास्कर का बंदा एक व्यापारी को विज्ञापन के लिए किस कदर धमका रहा है.. व्यापारी ने बस गलती ये कर दी है कि उसने छोटा सा विज्ञापन राजस्थान पत्रिका अखबार को दिया, भास्कर को नहीं. इसी के बाद भास्कर वाला बंदा व्यापारी को धमकाने हड़काने में जुट गया. आपको गुंडों डकैतों लफंगों द्वारा दी जाने वाली धमकी और भास्कर वाले मीडियाकर्मी की धमकी के बीच कोई फर्क नज़र आए तो बताइएगा… http://bhadas4media.com/print/7422-vigyapan-ke-liye-dhamki
Yashwant Singh : धर्म के नाम पर भारत के हिन्दू-मुस्लिम सार्वजनिक स्थानों पर ऐसी चिरकुटई करना कब बंद करेंगे? अबे करना हो तो अपने घर के बेडरूम या टॉयलेट या किचन या किसी अन्य कमरे में करो। ये सड़क तुम्हारे धर्म या तुम्हारे भगवान् या तुम्हारे खुदा की बपौती नहीं है। कृपया चिरकुट लोग इस पोस्ट को लाइक न करें। याने कि जो लाइक न करेंगे वो खुद ब खुद चिरकुट मान लिए जाएंगे। सेंट्रल मुंबई में कल आधी सड़क पर जुमे की नमाज़ हुई और आधी पर गणपति जुलूस निकला। आप अगर नमाज़ नहीं पढ़ते और गणपति जुलुस नहीं निकालते तो आप इस सड़क पर चलने के हकदार नहीं हैं। पब्लिक प्लेस पर इन तमाशों पर फ़ौरन पाबंदी लगनी चाहिए। एक नमाजी अगर गणपति वाले पर पत्थर मार दे या एक गणपति वाला एक नमाजी पर पत्थर मार दे तो हो गया होता एकता का कथित मिसाल। धर्म को निजी कर्म ही बनाए रखना चाहिए। जहां यह पब्लिस प्लेस पर कब्जा करेगा, वहां खुराफातियों को धर्म की राजनीति करने का मौका मिल जाएगा और आप सबको अच्छी तरह पता है कि धर्म की राजनीति करने के लिए क्या क्या किया जाता है ताकि लड़ाई झगड़ा दंगा फसाद हो।
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से संकलित उनके कुछ पोस्ट.
manjeet
September 29, 2015 at 9:54 am
chalo dehli my sarkar naam ki chij hy kaash media person ka bhala ho jay varna desh ki jawani ko ulta latka dia hy in tathagat media houso ny