झारखंड के दुमका जिले के हंसडीहा थाना अंतर्गत धनवै गांव में एक विवाहिता किरण लाल की हत्या गत 4 मई को कर दी गई. इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई.
हत्या दुमका जिले में हुई पर गोड्डा प्रभात खबर में ब्यूरो चीफ के रूप में काम करने वाले लड़की के भैसुर नीरज किशोर लाल ने पत्रकारिता का धौंस जमा कर शव को जिंदा बताकर गोड्डा जिला सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया.
कुछ ही देर के बाद उसे मृत कहकर गोड्डा में पोस्टमार्टम करा दिया. फिर लाश को चुपचाप जला दिया. लड़की का परिवार हंसडीहा में ही रहता है.
मामला दुमका जिले का था पर पत्रकारिता का धौंस जमा कर गोड्डा में मामले को रफा दफा करने के लिए शव को दुमका न ले जाकर गोड्डा ले जाया गया. यह आरोप लड़की की मां चाचा सभी लगा रहे हैं. इनका कहना है की प्रभात खबर खुद को ‘अखबार नहीं आंदोलन’ की बात करता है, पर हत्या के षड़यंत्र में शामिल होने के आरोपी पने पत्रकार नीरज किशोर लाल को बचा रहा है.
लड़की की मां पद्मा देवी, चाचा पीतांबर साह ने कहा हमें न्याय चाहिए और ऐसे लोगों को तुरंत प्रभात खबर हटाए. प्रभात खबर गोड्डा ब्यूरो चीफ नीरज किशोर लाल की तुरंत गिरफ्तारी हो. मारने का सारा षड्यंत्र इसी ने रचा है.
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पढ़ें आरोपी पत्रकार का पक्ष…. नीचे दिए शीर्षक पर क्लिक करें-
Shahnawaz Hassan
May 14, 2020 at 3:45 pm
यशवंत जी, आत्महत्या मामले में Suicidal Note सबसे बड़ा साक्ष्य होता है, उसमें आत्महत्या करने वाली ने स्वयं क्या लिखा है वह सबसे बड़ा साक्ष्य होता है। आत्महत्या के बाद FIR में परिजनों द्वारा पत्रकार का नाम जोड़ा गया है जब कि पत्रकार निरभ किशोर गोड्डा में रहते हैं और आत्महत्या का मामला हंसडीहा का है।पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है।गोड्डा के दो पत्रकार इस मामले में पत्रकार निरभ का नाम शामिल करने का षड्यंत्र रच रहे हैं इसकी सूचना पहले ही मिल गयी थी।एक पक्ष की शिकायत के आधार पर खबर बनाने से हम पत्रकारिता के CODE OF CONDUCT का भी उल्लंघन करते हैं। दोषी को तबतक दोषी नहीं कहा जासकता जबतक की न्यायलय उसे दोषी नहीं मानता, हम पत्रकार न्यायधीश की भूमिका नहीं निभा सकते। दोनों पक्षों की बात सामने आनी चाहिये थी।एक पक्ष की बात को सुनकर खबर बनाना उचित नहीं।
अखिल भारतीय वैश्य मोर्चा
May 17, 2020 at 7:59 pm
प्रभात खबर है या निशिकांत खबर
गोड्डा प्रभात खबर के पत्रकार नीरभ किशोर लाल के पक्ष में लिखे आलेख के संबंध में कहना चाहता हूं की झारखंड में प्रभात खबर है या सांसद निशिकांत खबर । इसमें लिखा गया है कि निशिकांत दुबे और प्रदीप यादव की लड़ाई में निरभ किशोर लाल का नाम हत्या के केस में जोड़ा गया है। यह सरासर ग़लत है। यह घोर आश्चर्य है कि अखबार में भी किसी सांसद और विधायक की पकड़ इतनी मजबूत है की जो इसके पक्ष में लिखे , उसको प्रभात खबर में रखवा सकता है और जो विपक्ष में लिखे उसको हटवा सकता है। इसे लिखने का तात्पर्य है कि निरभ किशोर लाल की तरफ से निशिकांत दुबे पैरवी कर रहे हैं और उसे अखबार में रखने के लिए प्रबंधन को मजबूर कर रहे हैं। तथा उसके बाद केश से भी नाम हटाने की बात भी निरभ के परिवार के लोग सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कहीं जा रही है। वे लोग कह रहे हैं कि सांसद निशिकांत दुबे केश को खत्म करवा देंगे।इसमें सच्चाई क्या है, यह तो आने वाला समय बतायेगा।
हम वैश्य मोर्चा के लोग मांग करते हैं की किरण लता के परिजनों को न्याय मिले और दोषियों को किसी भी शर्त पर नहीं बचाया जाए। पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने का मौका दिया जाए। अगर सांसद निशिकांत दुबे आरोपी पत्रकार निरभ किशोर लाल को बचाते हैं तो बैश्य मोर्चा इसके खिलाफ आंदोलन करेगा और इनके किसी भी कार्यक्रम का संतालपरगना में सामुहिक बहिष्कार करेगा। प्रभात खबर अगर जांच होने तक प्रभात खबर के निरभ किशोर लाल को नहीं हटाता है तो पीड़िता की मां पद्मा देवी न्याय को लेकर देवघर प्रभात खबर कार्यालय के सामने धरना देगी। इसके साथ देवघर, दुमका, गोड्डा का सारा वैश्य परिवार खड़ा रहेगा।
अखिल भारतीय वैश्य मोर्चा दुमका
नोट- महाशय, इसके साथ मेल पता गुप्त रखा जाय। आलेख प्रकाशित होने पर मेल पता तथा नाम गुप्त रखने की कृपा करें, क्योंकि दूसरे के मेल एड्रेस से इसे भेजा जा रहा है। केवल अखिल भारती वैश्य मोर्चा दुमका लिखा जाए