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मुख कैंसर के चलते प्रतिभाशाली पत्रकार अभय सर्वटे का निधन

अभय सर्वटे

Dr-Manoj Pamar : दुखद खबरः- अभय सर्वटे नहीं रहे.. मेरे प्रिय मित्र, हरदिल अजीज, जिंदादिल इंसान, जाने-माने संस्कृतकर्मी, और वरिष्ठ पत्रकार अभय सर्वटे का अभी कुछ देर पहले आगरा के एक निजी अस्पताल में कार्डिअक अरेस्ट के चलते दुखद निधन हो गया।

पिछले कुछ साल से वह मुख से कैंसर से पीड़ित थे लेकिन अपनी जुझारू प्रवृत्ति के कारण हर बार संकट से बाहर निकले और जीवटता के साथ जिंदगी का संघर्ष जारी रखा। ग्वालियर निवासी अभय सर्वटे लंबे समय से आगरा अमर उजाला के प्रबंधन से जुड़े हुए थे।

इससे पहले वह स्वदेश और दैनिक भास्कर में अपनी प्रबंधन कार्यकुशलता का परिचय दे चुके थे।

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कोटि कोटि नमन मेरे भाई.. बहुत याद आओगे…

हिंदुस्तान अखबार के संपादक डॉ मनोज पमार की एफबी वॉल से.

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कुछ टिप्पणियां-

Ramdin Tyagi अरे ये क्या हो गया । कुछ दिन पहले ही तो मेरी बात हुई थी।मेरे भाई ऐसे भी भला कोई जाता है. विनम्र श्रद्धांजलि।

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Prabhakar Bhadouria ये बहुत ही दुखद समाचार है जिसे मेरा मन स्वीकार करने को तैयार नहीं है।वह बहुत ही हंसमुख इंसान रहे हैं। शैक्षणिक क्षेत्र में मेरे वरिष्ठ रहे हैं और मुझे स्वदेश अखबार में दो वर्ष उनके सानिध्य में कार्य करने का अवसर मिला। उनका जाना मेरे लिए बड़ी हानि है ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

Shailender Jain दुखद हमारे लिये अपूरणीय और निजी क्षति है मेरे सहपाठी,सहकर्मी और भाई थे।हमने एक साथ नुक्कड़ नाटक किये।दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि

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Bharat Sharma अरे, दुखद है। 2 दिन में कैंसर से दूसरी मौत की खबर सुन रहा हूँ। दोनों मेरे नज़दीकी थे। अभय भाई तो मेरे बड़े भाई के मित्र रहे, मुझसे भी साइंस कॉलेज के समय से सम्बंध थे। बड़ा भाई भी कैंसर से ही गया था। जब अभय भाई के कैंसर का पता चला तो मैं मिलने से डरता था। उनकी खबर दोस्तों से लेता रहता था। ये खबर तोड़ने वाली है, लग रहा है एक बार फिर भाई को खो दिया।

Abhay Kumar Mishra अभय जी को खेलों और कला की अच्छी जानकारी थी… स्वदेश में अक्सर मिलना होता था। बेहद सरल और विनम्र स्वभाव के अभय जी का जाना वाकई दुखद है।

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Shivmangal Singh अभय जी बहुत अच्छे इंसान थे, स्वदेश में रहते हुए उनका स्नेह मिला। बेहद दुखद खबर।

Ravi Upadhyay बेहद दुःखद , मेने उनके साथ दैनिक भास्कर एवं पीपुल्स समाचार में काम किया था , वे बहुत हँसमुख थे । ईश्वर उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की शक्ति प्रदान करे ।ॐ शांति।

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Surendra Mathur बेहद दुखद खबर अभय सरवटे जी छात्र जीवन के मेरे साथी थे इसके बाद मीडिया में आए इतनी जल्दी चले जाएंगे यह मैं कभी सोच भी नहीं सकता था इस दुख भरी खबर सुनकर वास्तव में बहुत आघात लगा है ईश्वर उनके परिवार को इस कष्ट को सहन करने की ताकत दे

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1 Comment

1 Comment

  1. Ajay gupta

    January 23, 2020 at 4:46 pm

    अभय जी से मेरी बेहद संक्षिप्त मुलाकात थी। में उनके व्यवहार से प्रभावित हुआ था। उनका इस तरह जाना दुखद है।
    अजय गुप्ता, आगरा

  2. गिरीश कुमार पाल

    January 23, 2020 at 11:29 pm

    अभय भैया आप बहुत याद आओगे।
    वीरांगना बलिदान मेले के मंच पर स्वराज की ओर के मंचन में बाबा गंगादास के रूप में आपका झकझोरने वाला अभिनय हो या स्वदेश परिसर में आपका मंद मंद मुस्कुराता चेहरा। संस्कार भारती के कार्यक्रम या संघ कार्यालय में आपके साथ बैठकर बिताया समय आज सब याद आने पर आंखें नम हो रहीं हैं। आपने सदा स्नेह दिया। एक छोटे से समाचार पत्र के प्रबन्धन से आपकी यात्रा आगरा के अमर उजाला के महाप्रबंधक तक आपने बहुत ही यशस्वी निर्णय लिए। किन्तु आज अचानक हृदयाघात से आपके निधन की सूचना ने मुझे भीतर तक हिला दिया है। ईश्वर आपको अपने हृदय में स्थान दें, और परिवार को ये हृदयविदारक दुख सहन करने की शक्ति। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति।
    भैया सच में आप बहुत याद आओगे

  3. Rajesh Shukla

    January 24, 2020 at 12:46 pm

    जब मैं पत्रकारिता का ककहरा सीख रहा था तो अभय सर्वटे जी का नाम सुना था। कुछ वर्ष बाद ग्वालियर में पीपुल्स समाचार लांचिंग के दौरान कार्यालय में उनको पहली बार देखा और मुलाकात हुई। सरल-सहज-शांतचित्त से लगे अभय जी ने मुझसे पूछा कि कहां रहते हो,कहां तक शिक्षा प्राप्त की है,मन लगाकर काम करो। कभी न हारने वाले अभय जी अंतिम समय तक लड़कर नामुराद बीमारी से हार गए। मैं उन्हें नमन करता हूं।

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