साधना समूह किसी चिड़ियाघर से कम नहीं है. यहां एक से एक कांड होते रहते हैं. मालिक बस पैसे के लिए मुंह खोलते हैं अन्यथा चुप्पी ही साधे रहते हैं. यही कारण है कि साधना समूह में कार्यरत दो पत्रकारों पंकज वर्मा और ब्रजमोहन सिंह की लड़ाई रोज नए रंग ले रही है लेकिन साधना के मालिक मस्त हैं. साधना के दो पत्रकारों के बीच आपस में हो रहे इस जूतम पैजार को लखनऊ के मीडिया वाले मजे लेते हुए देख रहे हैं. नई सूचना ये है कि पंकज वर्मा ने ब्रजमोहन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है. पंकज की मान्यता भी बहाल कर दी गई है.
साधना प्लस न्यूज चैनल के पत्रकार अपूर्व जायसवाल समेत ब्यूरो चीफ ब्रज मोहन और मनोज गुप्ता पर हजरतगंज कोतवाली में लूट की एफआईआर दर्ज हुई है. वरिष्ठ पत्रकार पंकज वर्मा का आरोप है कि सूचना विभाग में उनके साथ इन लोगों ने मारपीट कर चेन और कागजात लूट लिए. पंकज की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.
उधर, ब्रजमोहन के पक्ष का कहना है कि पंकज वर्मा ने पेशबंदी में फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज कराया है. इनका कहना है कि पंकज वर्मा जिन राकेश गुप्ता को साधना प्लस का मालिक बता रहे हैं, उनका कंपनी से कोई लेना देना नहीं है और इनके खिलाफ सीबीआई ने एक मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इनके खिलाफ 28.02.19 को हज़रतगंज कोतवाली में आईपीसी 419, 420 का मुकदमा दर्ज कराया गया है. ब्रजमोहन के पक्ष का कहना है कि सूचना विभाग से पत्रकार के तौर पर मान्यता हासिल कर सिर्फ अपना सरकारी आवास बचाने में जुटे पंकज की मान्यता संपादक बृजमोहन सिंह के पत्र के आधार पर निरस्त व दोबारा वापस हुई, जिसे सूचना निदेशक के पत्र में उल्लेखित किया गया है. इसी बात से खिन्न होकर पंकज वर्मा ने फर्जी मारपीट व लूट का मुकदमा लिखाने की घिसीपिटी व पुरानी साजिश रच दी. सूचना विभाग में लगे सीसीटीवी ने साबित कर दिया है कि मामला फ़र्ज़ी दर्ज कराया गया है.
देखें संबंधित दस्तावेज…..
संबंधित खबरें…