कृष्णन अय्यर-
“इंडिया रेटिंग्स”, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, ने अडानी की रेटिंग “स्टेबल” से घटा कर “नेगेटिव” कर दी है.. इंडिया रेटिंग्स ने अडानी के क़र्ज़ पर फ़िक्र ज़ाहिर किया है और आइंदा अडानी अपने ब्यापार में कैसे पूंजी डालेगा इसपर भी अंदेशा जताया है..
“Fitch रेटिंग” ने भी कुछ दिनों पहले अडानी के क़र्ज़ के ब्याज पेमेंट को ले कर फ़िक्र ज़ाहिर किया था..आइंदा कई और रेटिंग एजेंसीयां अडानी की रेटिंग को घटा सकती है..
“CARE रेटिंग” ने भी अडानी की रेटिंग घटा दी है..CARE को भी अडानी के ब्यापार की कमाई, क़र्ज़ और क़र्ज़ के ब्याज पर शक है..रेटिंग को “स्टेबल” से “नेगेटिव” किया गया है..
पिछले दिनों में CARE, FITCH, इंडिया रेटिंग, मूडीज, S&P जैसी विश्व की बड़ी रेटिंग एजेंसी ने अडानी के क़र्ज़ और उसके ब्यापार को “नेगेटिव” बताया है..
दुनियाभर में विदेशी संस्थानों ने अडानी के शेयर/बॉन्ड की क़ीमत शून्य मान कर उन्हें गिरवी रखने से मना’ कर दिया है..
दुनियाभर की एजेंसियां आगाह कर रही है कि अडानी एक बड़ा ख़तरा बन चुका है..
2024 में अडानी को लगभग 2 अरब डॉलर के क़र्ज़ को भुगतान/तक़सीम करना है..अडानी का कहना है कि क़र्ज़ तए वक़्त पर तक़सीम हो जाएगा..
एकबार मान लेता हूँ कि अडानी तए वक़्त पर क़र्ज़ तक़सीम कर देगा..पर 2024 में अडानी को 4 अरब डॉलर के क़र्ज़ की ज़रूरत पड़ेगी
- 2 अरब डॉलर भुगतान के लिए
- 2 अरब डॉलर व्यापार के लिए
अगर ख़ुद के पैसे से क़र्ज़ तक़सीम कर दिया तो व्यापार कैसे चलेगा? और अडानी के किसी भी व्यापार में “इतना मुनाफ़ा” नहीं है कि बिना क़र्ज़ लिए क़र्ज़ की तक़सीम कर दे और व्यापार भी चला ले..