अरविंद शेष-
एम्स का सर्वर हैक करने, डेटा ले लेने के बाद दो सौ करोड़ की फिरौती की मांग में फिरौती की मांग का कोई खास महत्त्व नहीं है! इसमें असली घटना यही है कि एम्स का सर्वर हैक किया गया! उसके बाद इधर के महाविज्ञानी लाचार बैठे हुए हैं!
इसको सिर्फ छौंक माना जा आ सकता है! अगर ऐसा हो सकता है तो कल बैंक, बैंक खाते और उसकी पूरी रकम हैक या गायब हो सकती है! अभी ही छोटे-बड़े पैमाने पर हो ही रहा है! इस तरह की हरकत से कौन महकमा बचेगा? सरकार?
तो क्या आने वाले वक्त में हैकर्स या कोई और देश इस ‘विज्ञान’ के जरिए किसी और देश और उस देश के लोगों के सब कुछ (चिप आधारित शरीर सहित सब कुछ) को कंट्रोल करेंगे?
डिजिटल वर्ल्ड बनाती सरकारों और इससे मोहित या फिर गाफिल लोगों ने इससे बचने के लिए क्या विकल्प रखा है? (नहीं बचेंगे!) या फिर क्या कंट्रोल्ड लाइफ और कंट्रोल्ड माइंड्स को ही जिंदगी और स्वतंत्रता मान लिया गया है?
संजय कुमार सिंह-
एम्स, दिल्ली का सिस्टम और डेटा कई दिनों से हैकर्स के कब्जे में है। इसपर खबर जैसी होनी चाहिए नहीं हो रही है। कई दिनों बाद आज भड़ास4मीडिया में इससे संबंधित खबर है। खबर के अनुसार हैकर्स ने 200 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी है।
लेकिन ज्यादा चिन्ता की बात यह है कि यहां कई जाने-माने लोगों का इलाज होता रहा है और सिस्टम में सबके स्वास्थ्य से संबंधित गोपनीय जानकारी होगी। ऐसी जानकारी भी है जो मांगने और जरूरी होने पर भी सार्वजनिक नहीं की गई। ऐसे में इस मामले का महत्व समझा जा सकता है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में देश के गृहमंत्री अमित शाह इसी अस्पताल में भर्ती थे और तब उनकी बीमारी से संबंधित कई जानकारी आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई थी। उनके दाखिल होने के समय और उस समय सार्वजनिक जानकारियों को लेकर कई सवाल उठे थे।
बाद में खबर के सिलसिले में जिन पत्रकारों ने ठोस जानकारी पाने की कोशिश की उन्हें निराशाा ही हाथ लगी। और उनकी बीमारी से संबंधित जो अटकलें थीं उनकी आज तक ना तो पुष्टि हुई है और ना उनका खंडन हुआ है।
RAJSHEKHAR
November 29, 2022 at 11:00 pm
बैंक का काम करने का जो प्लेटफार्म है उसे हैक करना लगभग असंभव है।