‘मन की बात करने वाले, हमारे मन की कब सुनोगे…’ जैसे नारे लगाते हुए देश भर के सैकड़ों कैजुअल एनाउंसर्स दो दिन तक दिल्ली में आंदोलनरत रहे. उन्हें रोकने के लिए तगड़ी किलेबंदी की गई थी. उन्हें गिरफ्तार कर संसद मार्ग थाने ले जाया गया. इस दौरान वे नारेबाजी करते रहे.
दिल्ली में गत दो दिनों से जमे हुए ऑल इण्डिया रेडिओ कैजुअल अनाउन्सर एंड कम्पीयर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने नरेंद्र मोदी से निराशा हाथ लगने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाक़ात की और नियमितीकरण के अपने मुख्य मांग से अवगत कराया. यूनियन पदाधिकारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया कि वो कांग्रेस पार्टी की ओर से कैज़ुअल उद्घोषकों का मुद्दा लोकसभा में जोर-शोर से उठाएं. उन्हें ये भी बताया गया कि अभी तक वर्तमान सरकार के सैंकड़ों सांसदों ने कैजुअल उद्घोषकों के मामले को लोकसभा में उठाया है पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि उनका यह कदम आकाशवाणी को निजीकरण से बचा सकता है जिस की चर्चा आजकल जोरो शोरों से हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर गंभीरता दर्शाते हुए इस पर विस्तृत रूप से चर्चा के लिए कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत को अधिकृत करते हुए निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में एक पत्र ड्राफ्ट कर सम्बंधित मंत्रालय और सीधा केंद्र सरकार को भेजा जाए.
प्रतिनिधिमंडल द्वारा कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत से इस मुद्दे पर विस्तृत रूप से चर्चा कर बताया गया कि किस तरह नियमितीकरण में भेदभाव किया गया, न्यायालय के आदेश के खिलाफ विभाग ने सर्वोच्य न्यायालय में अपील की ताकि कैजुअल कर्मियों का जीवन बर्बाद किया जाय. कांग्रेस सरकार के दौरान दो-दो संसदीय समिति की सिफारिशों को भी नहीं माना गया. पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान भर्ती किए गए कई वर्षों के अनुभवी लोगों को बाहर करने तथा भारत की सांस्कृतिक धरोहर आकाशवाणी को बेचने की साजिश के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गई.
चर्चा के दौरान बताए गई जानकारी को नोट कर उस पर सहानुभूति पूर्वक कार्यवाही किए जाने की बात कही गई. उन्होंने ये भी कहा कि आप के भविष्य पर कोई आंच नही आने दी जाएगी. गत दिवस संसद मार्ग पर कैज़ुअल उद्घोषकों विशेष कर महिलाओं की गिरफ्तारी पर भी उन्होंने अफसोस जताया और कहा कि देश में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है, इसकि रक्षा की जानी चाहिये।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने गये प्रतिनिधि मण्डल में आल इंडिया रेडियो कैज़ुअल एनाउंसर एंड कंपेयर यूनियन के अध्यक्ष हरि कृष्ण शर्मा (हिमाचल), उपाध्यक्ष महेश शर्मा (हरियाणा) , महासचिव डॉ शबनम ख़ानम (दिल्ली), उपाध्यक्ष संज्ञा टण्डन (छत्तीसगढ़), कोषाध्यक्ष अर्चना गोयल (दिल्ली), सचिव सुधीर मेश्राम (मध्य प्रदेश) , सचिव करताप सिंह ठाकुर (हिमाचल),मीडिया प्रभारी एवम सह सचिव नवीन भारद्वाज (हरियाणा), प्रवक्ता समीर गोस्वामी (मध्यप्रदेश),सदस्य नीता अग्रवाल (दिल्ली) शामिल थे. इस अवसर पर सभी सदस्यों ने राहुल गांधी को पुष्प भेंट किये और समय देने के लिये धन्यवाद किया.
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https://youtu.be/qg7ffOIP-bU
इस पूरे प्रकरण के बारे में दिल्ली के कैजुअल एनाउंसर अशोक अनुराग लिखते हैं-
”आकाशवाणी महानिदेशालय और प्रसार भारती हिटलर की तरह तानाशाही रवैया अख्तियार किये हुए सब कुछ देख रहा है, सुन रहा है लेकिन धृतराष्ट्र बनने का नाटक भी कर रहा है. ये अलग बात है की धृतराष्ट्र देख नहीं सकते थे लेकिन वो सुन सकते थे, लेकिन आकाशवाणी महानिदेशालय कैज़ुअल एनाउंसर का दर्द न देखती है न उसकी पीड़ा सुनती है. आज आवश्यकता है कैज़ुअल एनाउंसर की आवाज़ के साथ आप सबकी आवाज़ भी शामिल हो, आपकी आवाज़ साथ होगी तो इन्साफ़ भी मिलेगा और हक़ भी.
जब उम्मीदें हांफने लगे, सपने चीख चीख कर आपको सोने न दें तभी होती है क्रांति. आकाशवाणी में पूरी ज़िन्दगी दे चुके कैज़ुअल एनाउंसर को जिस तरह से अंडरटेकिंग और रिव्यू के जाल में फंसा कर निकाला गया और निकाला जा रहा है, वो अमानवीय और क्रूरतापूर्ण तरीक़े से आकाशवाणी के कैज़ुअल एनाउंसर और उनकी आवाज़ को कुचल देने की गहरी और घटिया साज़िश है. आवाज़ के साथ आवाज़ मिला कर, उन तक ये आवाज़ पहुंचेगी जो आज तक हमारी रेडियो की आवाज़ तो सुनी हमारी पीड़ा और हमारे अधिकार को न सुन सके न देख सके. आकाशवाणी के साउंड प्रूफ़ कमरों से निकल कर अब उदघोषकों की आवाज़ें संसद मार्ग पर आ गई हैं, सुनना तो होगा ही हमारे मन की बात.”