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अमर उजाला संवाददाता अजीत बिसारिया की स्टोरी से कांग्रेसी नाराज, भेजा संपादक को पत्र

लखनऊ अमर उजाला के संवाददाता अजीत बिसारिया ने 31 मार्च को एक स्टोरी लिखी- ‘कांग्रेस की हेल्पलाइन कहीं लाचार तो कहीं हर सम्भव मदद को तैयार’। इस खबर में अजीत बिसारिया ने लिखा कि आज़मगढ़, लखनऊ और मेरठ में कांग्रेस कार्यकर्ता मदद नहीं कर रहे हैं।

इस पर कांग्रेसियों का कहना है कि कोरोना से डरे इस खबर विहीन पत्रकार ने बिना रिसर्च किये फोन घुमाया और अपने मन से नतीजे निकाल कर अखबार में छाप दिया। कांग्रेसियों का कहना है कि आज़मगढ़ के दिनेश यादव को संवाददाता ने फोन किया।

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दिनेश कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। शहर में रहते हैं। अजीत ने फोन पर मदद मांगी कि निजामाबाद में उनको राशन चाहिए। गौरतलब है कि निजामाबाद शहर से 20 किलोमीटर दूरी पर है। दिनेश यादव ने वहां के कार्यकर्ता आशुतोष रजत नामक वालेंटियर का नाम बताया तो अजीत बिसारिया ने कहा कि उनके फोन में पैसा नहीं है और फोन काट दिया।

कांग्रेसियों का कहना है कि अजीत जी यह रिसर्च नहीं कर पाए की आज़मगढ़ से निजामाबाद कितना दूर है।

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दिनेश यादव ने अमर उजाला के संपादक को अपना खत भेजा है, जो इस प्रकार है-

सेवा में,
संपादक
अमर उजाला,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।

विषय: संवाददाता अजित बिसारिया द्वारा फर्जी तथ्यों के आधार पर खबर लिखकर मानसिक उत्पीड़न करने के संदर्भ में।

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महोदय,
पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा खंबा कहा जाता है। आपका अखबार एक सजग और सशक्त प्रहरी के तौर जाना जाता है। लेकिन 31 मार्च को लखनऊ संस्करण में संवाददाता अजीत बिसारिया झूठे तथ्य के आधार पर खबर लिखीं जोकि मेरी प्रतिष्ठा और राजनीतिक जीवन को कलंकित करती है।

तथ्य है कि संवाददाता अजीत ने मुझे फोन किया और कहा कि निजामाबाद में मुझे 2 किलो आटा और चावल चाहिए। चूंकि मेरा निवास आज़मगढ़ शहर में है तो मैंने अजीत जी को कहा कि आप आशुतोष सिंह रजत का नंबर नोट कर लें वे आपकी मदद करेंगे।

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आशुतोष रजत जी का घर निजामाबाद के पास है। इसलिए यह हमारे लिए आसान था कि रजत जी से राशन पहुंचा दिया जाए। जिसपर अजीत ने कहा कि मेरे मोबाइल में पैसा खत्म हो रहा है और फोन काट दिया। संपादक महोदय मैंने अजीत जी को दुबारा फोन किया और पूछा कि निजामाबाद में कहां राशन देना है तो अजीत जी ने तुरंत फोन काट दिया।

अजीत जी ने संभवतः किसी निजी स्वार्थ या विचारधारा से प्रेरित होकर मेरे खिलाफ खबर लिखे कि मैंने बहाना बना लिया।

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संपादक महोदय, मेरा परिवार आज़मगढ़ के प्रतिष्ठित परिवारों में से है। मेरे पिता श्री दलसिंगार यादव जी का राजनीतिक जीवन ईमानदारी के मिसाल के तौर पर जाना जाता है। इस खबर से मानसिक रूप से सदमें में हूँ और मेरा चरित्र हनन हुआ है।

आपसे मेरा निवेदन है कि फर्जी तथ्यों के आधार पर खबर लिखने वाले संवाददाता के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मुझे अवगत कराया जाए और इस खबर का खंडन भी छापा जाए।

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भवदीय

दिनेश कुमार यादव

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कांग्रेसियों का कहना है कि मेरठ में तो अजित बिसारिया गच्चा खा गए। खबर लिखने की जल्दबाजी थी या दबाव, पता नहीं। मेरठ जिलाध्यक्ष अवनीश काजला से फोन पर बोले कि हिंदुस्तान अखबार के पीछे वाली गली से बोल रहे हैं। जबकि सच्चाई है कि वहां कोई गली है ही नहीं। जिलाध्यक्ष ने इसे परेशान करने वाली कॉल समझा लेकिन काजला को नहीं पता कि अंधेरी कोठरी में बैठा अमर उजाला का पत्रकार अपनी रोशनाई से उनके राजनीतिक भविष्य का बंटा धार कर रहा है।

अवनीश ने सोशल मीडिया पर भी अपनी व्यथा साझा की है।

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अवनीश काजला ने संपादक के नाम शिकायती पत्र लिखा है जो इस प्रकार है :

प्रति,
संपादक
अमर उजाला,
लखनऊ उत्तर प्रदेश।

महोदय,

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अमर उजाला अखबार में गत दिनों लखनऊ संवाददाता अजीत बिसारिया ने एक खबर लिखी। उसमें अजीत बिसारिया ने मेरा भी जिक्र किया है। अजीत ने मुझे फोन किया था, जिसकी रिकार्डिंग भी मेरे पास है। मुझे पता था कि कोई फर्जी कॉल कर रहा है क्योंकि जो वे बता रहे थे वहां कोई घर है ही नहीं क्योंकि मैं जानता हूं हिंदुस्तान ऑफ़िस के पीछे कोई गली नहीं है।

हिंदुस्तान ऑफिस के पीछे हॉस्पिटल है और उसके पीछे रेत का पूरा प्लॉट खाली पड़ा रहता है। जहां हमारे मित्र अपना रेत डालते हैं बराबर में डॉक्टर संजय का ऑफिस है। हिंदुस्तान के पीछे गाड़ियां ठीक करने वाले गैराज हैं। मैंने इनसे एड्रेस मैसेज करने के लिए बोला तो यह बहाने बनाने लगे जब एड्रेस नहीं बताया और झूठ बोल रहा था तो मैं समझ गया था कि कोई ऐसे ही कोई फेक कॉल कर रहा है।

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इस फर्जी आधार पर संवाददाता अजित बिसारिया ने खबर लिखी। जिससे कि मेरी प्रतिष्ठा कलंकित हुई है। महोदय हम पूरी निष्ठा के साथ जितना संभव है लोगों की मदद कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की खबर ना सिर्फ मेरा मनोबल कमजोर कर रही हैं बल्कि मेरा मानसिक उत्पीड़न हो रहा है।

आपसे मेरा निवेदन है कि इस फर्जी खबर का खंडन छापने की कृपा करें।

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द्वारा
अवनीश काजला
जिला अध्यक्ष
कांग्रेस पार्टी मेरठ

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1 Comment

1 Comment

  1. डा. गिरीश

    April 3, 2020 at 12:12 pm

    अजीत बिसारिया यह अक्सर करते रहते हैं। किसी का बचाव तो किसी को बदनाम करना उनका पुराना शगल है। कई बार मैं भी उनके इन कार्यों के बारे में अमर उजाला संपादकीय को बता चुका हूँ।

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