मनोज उपाध्याय-
दलित पर हमले की खबर चलाने से खुन्नस खाई पुलिस ने मेरे खिलाफ FIR की है. किशन जैन नामक एक आदमी को पुलिस ने अपना मोहरा बना कर मेरे खिलाफ साजिश रची. कथित पत्रकार किशन जैन ने जब सीओ से दलित युवक पर हमले की बाइट ले रहा है तो वह भारत समाचार चैनल पर दलित युवक पर हमले की खबर चलने का जिक्र करता है.
कोई भी पत्रकार किसी चैनल का नाम लेकर किसी अफसर से बाइट नहीं लेता है. इससे साबित होता है कि किशन जैन पुलिस का दलाल है और पुलिस का मोहरा है. हर पत्रकार को पता है कि सीओ या एसपी किसी से भी बाइट लेते वक्त किसी अखबार या चैनल का नाम नहीं लिया जाता है. पुलिस चाहती है कि मीडिया हमारी गुलामी करे लेकिन वो हमसे नहीं होता है।
हम पत्रकार हैं तो हम जन सरोकार के हिसाब से चलेंगे, न कि नेता और पुलिस के इशारे पर. हमें तो पीड़ित की सुननी पड़ेगी. पीड़ित दलित युवक ने जो बताया उसी तरह मैंने खबर चलाई. पुलिस को बुरा लगा है तो मैं क्या करूं. इसमें मेरा कसूर क्या है. खबर चलाना हमारा धर्म है. चाहे पुलिस FIR कर ले, हमारा धर्म सच्चाई दिखाना है। पुलिस की गुलामी करना किशन जैन जैसे लोगों का काम है। किशन जैन ने कोई GB न्यूज़ नामक फेसबुक पर चैनल बना रखा है। वो कहीं भी रजिस्टर नहीं है। बाजार में अवैध उगाई करने के आरोप किशन जैन पर लगते रहते हैं।
जिस दलित की पिटाई से पुलिस इनकार कर रही है, उसका सीसीटीवी है. इसमें दलित को करीब 10 लोग पीट रहे हैं. ये वीडियो क्लिप वायरल भी हो रही है। ऐसे में जब भारत समाचार पर दलित युवक पर हमले की खबर का प्रसारण हुआ तो पुलिस परेशान हो गई. दलाल पत्रकार किशन जैन को आगे करके मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया.
मनोज उपाध्याय
पत्रकार
भारत समाचार
बुलंदशहर
मूल खबर-