Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

आरएसएस ने भारत के संविधान को कभी मन से नहीं माना : सुभाषिनी अली

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी वाराणसी और सत्यनारायण सिंह स्मृति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 18 मार्च को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर पराड़कर स्मृति भवन में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम पोलितब्यूरो सदस्य एवं पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश में मानवाधिकारों पर खुला और बर्बर हमला इसलिए हो रहा है क्योंकि आज जो भारतीय जनता पार्टी शासन कर रही है उसने और उसके मार्ग निर्देशक संगठन आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को मन से नहीं माना। इनका वसूल मनुस्मृति के आधार पर देश और समाज का चलाने का है कि भारत के संविधान के आधार पर।

उत्तर प्रदेश में योगी जी के आने के बाद मानवाधिकारों पर हमले बहुत ही तेजी के साथ बढ़े हैं। उन्होंने पिछले 3 सालों में उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हाथरस से लेकर शब्बीरपुर और बुलंदशहर, मुरादाबाद उन्नाव की महिलाओं और दलित बच्चियों के साथ हुए बर्बर अत्याचार और बलात्कार तथा योगी सरकार का बलात्कारियों के संरक्षण का रुख यह स्पष्ट करता है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से मानवाधिकार विरोधी सरकार है।

उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने संविधान की रक्षा करना है मानवाधिकारों को बचाना है तो हम सबको मिलकर के इस तानाशाही और मनुवादी सरकार से लड़ना होगा और साथ ही अपने अंदर के मनुवाद को भी हमें बाहर करना पड़ेगा उन्होंने कहा कि बनारस के लोग बहुत ही दृढ़ संकल्प के होते हैं और अब उन्हें यह ठान लेना चाहिए कि वाराणसी से बीजेपी और आरएसएस की को पराजित करने के लिए पूरी ताकत से एकजुट होना है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सेमिनार को संबोधित करते हुए सीपीआईएम के राज्य सचिव डॉ हीरालाल यादव ने का सत्यनारायण सिंह के संघर्षों उनके समर्पित व्यक्तित्व को याद करते हैं कहा कि 1967 में उन्होंने सीपीआईएम के उम्मीदवार के रूप में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से कामयाबी हासिल की थी। वे अनुकरणीय एवं प्रेरित करने वाली सादगी सरलता निर्भीकता और समर्पण के धनी थे। आज सत्यनारायण सिंह की विचारधारा और उनकी हिम्मत तथा समर्पण के साथ हमें काम करना होगा तभी मानवाधिकारों पर हो रहे हमलों को रोका जा सकता है।

वाराणसी के समाजवादी चिंतक विजय नारायण ने कहा कि वह सत्य नारायण सिंह को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं और इस समय जब मानवता के समक्ष बड़ी चुनौतियां खड़ी है सत्यनारायण सिंह जैसे नेतृत्व की बनारस ,प्रदेश और देश में है अत्यंत जरूरत है। प्रोफेसर मोहम्मद आरिफ़ ने कहा कि आज मानवता के अस्तित्व को बचाने का प्रश्न खड़ा हो गया है ऐसी परिस्थिति में सभी को मिलकर तानाशाही ताकतों से लड़कर उसे पराजित करना जरूरी हो गया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जनवादी लेखक संघ के डॉ महेंद्र प्रताप सिंह ने भी गोष्ठी को संबोधित किया। गोष्ठी से पहले सत्यनारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने वालों में वक्ताओं के अलावा पूर्व एमएलसी अरविंद सिंह, राकेश पाठक, दिग्विजय सिंह, सुरेंद्र यादव, विजय कुमार, इरफान बेग, संजीव सिंह, गुलाबचंद, नारायण चटर्जी, देवाशीष आदि प्रमुख थे। सेमिनार की अध्यक्षता शिवनाथ यादव और संचालन नंदलाल पटेल ने किया। अंत में कामरेड सत्य नारायण सिंह के साथी 80 वर्षीय डॉक्टर नूर उल हक को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. Versha Verma

    August 25, 2019 at 6:24 pm

    Kya baat hai …bahut bahut subhkamnaye aapko nirantar Jeevan me aise hi sikhar Ko chutee rage AAP yahi dua hi Ishwar se

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement