Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

ईटीवी के सैय्यद हुसैन अख्तर सम्मानित किए गए

Syed Husain Afsar : मेरे लिये यह इन्तेहाई ख़ुशी की बात है कि मेरे शागिर्द सय्यद हुसैन अख्तर (ETV) को उनकी भरपूर मेहनत और सच्ची रिपोर्टिंग का इनाम मिला है. पिछले पार्लियामेंट के चुनाव में इलाहबाद और उसके आसपास के बहुत से शहरों से अपने चैनल के लिये तलाश करके अच्छी और अनूठी खबरों से न केवल etv चैनल की TRP में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा किया बल्कि सय्यद हुसैन अख्तर ने अपने काम की सलाहियत और अपनी गिरफ्त का लोहा भी मनवा लिया….

<p>Syed Husain Afsar : मेरे लिये यह इन्तेहाई ख़ुशी की बात है कि मेरे शागिर्द सय्यद हुसैन अख्तर (ETV) को उनकी भरपूर मेहनत और सच्ची रिपोर्टिंग का इनाम मिला है. पिछले पार्लियामेंट के चुनाव में इलाहबाद और उसके आसपास के बहुत से शहरों से अपने चैनल के लिये तलाश करके अच्छी और अनूठी खबरों से न केवल etv चैनल की TRP में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा किया बल्कि सय्यद हुसैन अख्तर ने अपने काम की सलाहियत और अपनी गिरफ्त का लोहा भी मनवा लिया....</p>

Syed Husain Afsar : मेरे लिये यह इन्तेहाई ख़ुशी की बात है कि मेरे शागिर्द सय्यद हुसैन अख्तर (ETV) को उनकी भरपूर मेहनत और सच्ची रिपोर्टिंग का इनाम मिला है. पिछले पार्लियामेंट के चुनाव में इलाहबाद और उसके आसपास के बहुत से शहरों से अपने चैनल के लिये तलाश करके अच्छी और अनूठी खबरों से न केवल etv चैनल की TRP में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा किया बल्कि सय्यद हुसैन अख्तर ने अपने काम की सलाहियत और अपनी गिरफ्त का लोहा भी मनवा लिया….

 

Advertisement. Scroll to continue reading.

रियासत के सरबराह अखिलेश यादव साहब ने लखनऊ के ताज होटल में उनको सम्मानित किया… मुझे उम्मीद है आइन्दा भी वह अच्छी रिपोर्टिंग और सख्त मेहनत दिखाते हुवे इनाम से सम्मानित किये जाएंगें… मुबारक हो…

सै. हु. अफसर के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ashok varma

    October 1, 2014 at 7:41 pm

    . आप सायद उससे ठीक से परचित नही है। वो जिधर भी रहा उसने पत्रकारों में हिन्दू और मुस्लिम की रेखा खीचने का काम किया है। एक नंबर का चापलूस है उसे तो पत्रकारिता की जगह धार्मिक प्रचार के लिये लगाना चाइये।

  2. Sandeep K Tiwari

    October 2, 2014 at 9:04 am

    अशोक जी हम आप से परचित नहीं हैं फिर भी आप के कमेन्ट पर प्रातक्रिया व्यक्त कर दे रहे हैं…..अपने धर्म के प्रति लगाव स्वाभाविक और उचित बात है और उसके विषय में चर्चा करना भी सही है…..आप जिस व्यक्ति के बारे में लिखे हैं विगत दो वर्षो से उनको हम भी जानते पर आज तक हमने उनके अंदर ऐसा कोई व्योहार नहीं देखा और रही धर्म प्रचारक बनाने की बात तो ये तो हर इंसान के सौभाग्य की बात है जिसको उसका धर्म इस लायक समझता है |हमको पहले स्वयं में ये काबिलियत पैदा करनी चाहिए की हमारे लिए लोग कुछ सोचे और उस पर चर्चा करे श्री सय्यद अख्तर आज जिस मुकाम पर खड़े हैं उसका कारन उनकी मेहनत और लगन है न की उनकी कट्टरता….रही हिन्दू मुस्लिम में लाइन खीचने की बात तो आप अपनी मानसिकता और विचारधरा बदलिए क्युकी आप की अभिव्यक्त बता रही है की आप की सोच क्या है .

  3. Gyaani Guru

    October 2, 2014 at 9:11 am

    mansik vikkriti se bahar nikal kr agar aap sochenge to aap ki samajh me aa jayega ki kisi ko itai asaani se khyati aur samman nahi prapt ho jati hai ashok ji apni vichaar dhara pariwartit kar lijiye sambhawataa aap bhi is yogya ho jaye ki sarvjanik taur par sammanit kiye ja sake dusaro par kaatksh karan utana he asaan hai jitana swayam ke liye kuchh achchha prapt kar sake…..filhaal kaun kya sochata hai ye uski apni mansikta hai Syed Sir hamari taraf se aap ko bahut bahut Badhaee……

  4. atul sharma

    October 2, 2014 at 9:23 am

    अशोक जी, हम पत्रकार हैं और हमारा कार्य समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करना है न कि स्वयं सांप्रदायिक और धर्मांद्व होना है। यह कार्य नेताओं को करने दो और समाज की तरह देश को बांटने दो, जहां तक सवाल सैययद हुसैन अख्तर ka है तो मैं कह सकता हूं कि वह अपने पेशे के प्रति पूरी तरह से वफादार हैं, खबर हिंदू की हो या फिर मुस्लिम की निष्पक्ष तरीके से दिखाते हैं। यह मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि उस वक्त में अमर उजाला झांसी में था और वह ईटीवी झांसी में थे। कई साल के दौरान मैने कभी नहीं पाया कि उन्होंने किसी धर्म विशेष के प्रति को विद्वेष रखा हो या फिर अपनी कौम की खातिर पत्रकारिता के सिद्वांतों के विपरीत गए हों।

  5. tanzir ansar

    October 2, 2014 at 11:55 am

    सय्यद हुसैन अख्तर के साथ काम करने का 3 साल का अनुभव मेरा भी है ।और इन तीन सालों में मैंने ये कभी महसूस नहीं किया की वो खुद कोई फिरकापरस्त इंसान है या उनकी ज़ेहेनियत इस तरह की है। उनके मेरठ से जाने के बाद भी सभी उनके मिलने वाले वो चाहे मुस्लिम हो या ग़ैर मुस्लिम सभी उन्हें याद करते है। जिन साहब ने अख्तर भाई पर फिक़परस्त होने का इलज़ाम लगाया है मेरे ख्याल से उनका अख्तर भाई से कुछ पर्सनल इशू रहा होगा।

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement