हमीरपुर जनपद के विमल नर्सिंग होम में तोड़फोड़ किये जाने, डाक्टर को धमकाने, जाति सूचक शब्दों से अपमानित किये जाने और रंगदारी मांगने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट ने दो पत्रकारों को जेल भेज दिया है. इनके नाम हैं आलोक निगम और अंजनी निगम. आलोक न्यूज एट्टीन यूपी के रिपोर्टर हैं जबकि अंजनी दी पायोनियर अखबार के. मामला 20 अगस्त 2007 का है.
विमल नर्सिंग होम में सुबह 3 बजे बोलेरो गाड़ी से आलोक निगम और अंजनी निगम चार-पांच लोगों के साथ महिला मरीज सरबती को लेकर प्रकट हुए. गेटकीपर राम खिलावन ने जब तत्काल डॉक्टर न होने और मरीज को जिला अस्पताल ले जाने की बात कही तो आलोक निगम व अंजनी निगम ने जबरदस्ती गेट खोलकर मरीज को बेड पर लिटा दिया. वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी दिनेश कुमार ने बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. इस पर इन पत्रकारों ने मृतका के परिजनों के साथ मिलकर नर्सिंग होम के प्रबंधक भानुप्रकाश के साथ गाली-गलौज की. साथ ही मारपीट करते हुए जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया.
इन लोगों ने नर्सिंग होम संचालक को जान से मारने की धमकी दी. नर्सिंग होम में तोड़फोड़ भी की गई. घटना की सूचना कोतवाली पुलिस द्वारा दर्ज न किये जाने पर वादी ने न्यायालय के आदेश से मामला दर्ज कराया. न्यायालय ने इन्हें अब इन 2 पत्रकारों सहित 6 लोगों को पांच-पांच साल की सजा व प्रत्येक को 17-17 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
बताया जाता है कि आलोक निगम पर रंगदारी और ब्लैकमेलिंग जैसे मामले भी न्यायालय में विचाराधीन हैं. बताया जाता है कि पत्रकारिता के अलावा आलोक व अंजनी एमआर का काम भी देखते हैं और डाक्टरों पर अपनी दवाएं बेचने का दबाव बनाते हैं. पिछले दिनों बांदा में मौरंग की खदानों से अवैध उगाही का आडियो वायरल हुआ. इसमें भी आलोक निगम नाम के news18 यूपी के रिपोर्टर द्वारा किसी मौरंग के खदान वाले से पैसों की मांग की जा रही है. आडियो में आलोक अपने साथ आजतक, एबीपी, इंडिया टीवी, न्यूजनेशन और न्यूज़24 का नाम बताकर भी पैसे मांग रहे हैं.