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सुख-दुख

भड़ास वाले यशवंत ने दिल्ली को अलविदा कहा

Yashwant Singh : अलविदा दिल्ली। 9 साल का साथ आज ख़त्म। पैकिंग कम्प्लीट। रात में रवानगी। अब पूरा देश मेरा। केरल से लेकर कासगंज तक रहेगा डेरा, बारी बारी। दिल्ली में आज आखिरी दिन विदा देने राहुल पूनम राजीव आदि साथी पहुंचे। सबका आभार। लेकिन हे दिल्ली वालों, ये मत बुझना कि यहाँ से गया तो चला ही गया। आऊंगा, भले ही मेहमान की तरह। दिल्ली में हर राज्य के बने भवन सदन गेस्ट हाउस निवास जो हजारों की संख्या में हैं, सब मेरे हैं। इतने सारे दोस्त साथी मित्र भाई दिल्ली में हैं कि रहने के दिन कम पड़ जाएंगे, जगह नहीं। इसलिए जाने का मतलब ये नहीं कि मूंग दलना बंद होगा या कम होगा। पर अब फिक्स हो कर नहीं बैठेंगे। पूरा भारत दबा के घूमना है। काम जब अपना ऑनलाइन है तो शरीर के मोबाइल रहने में कोई प्रॉब्लम नहीं। और, कई दफे शरीर की सचेत या निष्प्रयोज्य मोबिलिटी आत्मा चेतना को झकझोरने जगाने का काम करता है। कुल मिला कर अज्ञात नए के लिए के लिए तन मन से प्रस्तुत हूँ।

Yashwant Singh : अलविदा दिल्ली। 9 साल का साथ आज ख़त्म। पैकिंग कम्प्लीट। रात में रवानगी। अब पूरा देश मेरा। केरल से लेकर कासगंज तक रहेगा डेरा, बारी बारी। दिल्ली में आज आखिरी दिन विदा देने राहुल पूनम राजीव आदि साथी पहुंचे। सबका आभार। लेकिन हे दिल्ली वालों, ये मत बुझना कि यहाँ से गया तो चला ही गया। आऊंगा, भले ही मेहमान की तरह। दिल्ली में हर राज्य के बने भवन सदन गेस्ट हाउस निवास जो हजारों की संख्या में हैं, सब मेरे हैं। इतने सारे दोस्त साथी मित्र भाई दिल्ली में हैं कि रहने के दिन कम पड़ जाएंगे, जगह नहीं। इसलिए जाने का मतलब ये नहीं कि मूंग दलना बंद होगा या कम होगा। पर अब फिक्स हो कर नहीं बैठेंगे। पूरा भारत दबा के घूमना है। काम जब अपना ऑनलाइन है तो शरीर के मोबाइल रहने में कोई प्रॉब्लम नहीं। और, कई दफे शरीर की सचेत या निष्प्रयोज्य मोबिलिटी आत्मा चेतना को झकझोरने जगाने का काम करता है। कुल मिला कर अज्ञात नए के लिए के लिए तन मन से प्रस्तुत हूँ।

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Yashwant Singh : आज रात दिल्ली पहुँच जाऊँगा। हफ्ते भर तक का दिल्ली प्रवास रहेगा। भड़ास का दरियागंज ऑफिस बंद करना पड़ रहा है। 10 अक्टूबर आखिरी दिन होगा। पहली वजह आर्थिक संकट। दूसरी वजह दिल्ली से ऊब। तीसरी वजह किसी खूंटे से न बंध कर रहने की इच्छा। चौथी और आखिरी वजह भारत भ्रमण की परियोजना। सो हे मित्रों बाबा भड़ासानंद के दिल्ली में दर्शन मिलन का पुण्य लाभ 10 अक्टूबर तक ले लो। और हाँ, 7 अक्टूबर को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन करवा रहा हूँ। एक योद्धा किस्म की महिला एक मीडिया हाउस की पोल खोलेगी। उस प्रेस कांफ्रेंस में आप सभी सोशल मीडिया के साथी आमंत्रित है, बतौर न्यू मीडिया एक्टिविस्ट। आपके खाने पीने का उचित प्रबंध रहेगा। 10 अक्टूबर के बाद भारत भ्रमण के लिए कोई आवारा बंजारा तैयार हो तो बताए।

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सन्डे को दरियागंज के फुटपाथ से एक बुक (स्वामी ब्रह्मदेव : क्वेश्चन एंड एनस्वर्स) खरीद कर टुकड़े टुकड़े में कई दिनों से पढ़ रहा हूँ। किताब पर 30 रुपये खर्चा हुआ। आनंद लाखों का मिल रहा है। कई पन्ने अदभुत हैं। जैसे एक ये अंश: There is a force of patience. Do you know where patience lives? Have you ever tried to see patience? Patience live in silence, and it is a secret, one of the biggest secrets of Nature. When we say life, do we know what the process of life is? Where does life come from? Life comes from silence; Life comes from patience. Silence and patience. There is no place on earth where there is no life. Sometimes try to see Nature, all of her, all the trees, all the forests, everything is full of life. Go close to a tree and look, try to see the life, to feel how life is growing in silence, with a lot of patience and with a lot of silence. All Nature is growing and what happens? That you forget about it, you lose contact with your patience and with your silence and you stop growing. They are connected, that is why you must try to establish your connection with patience and with silence. If there is not a total sincerity, your foundations will be very weak. Grow your willpower and your patience. The foundations of our life must be based on patience. We must see how much of it we have. To receive the Divine we need mountains of patience and, sometimes, at the last moment, when things are going to come, we lose patience. The power of patience is the one that has the highest speed of progress, it increases your speed of evolution. To have patience is to put time on your side.

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सुप्रभात मित्रों. आज भड़ास पर नेता से लेकर पत्रकारों तक के रिश्वत मांगते हुए कई टेप अपलोड किए गए हैं. यूपी में जी मीडिया तो राजस्थान में समाचार प्लस के संवाददाताओं के टेप हैं. वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष टिकट देने के लिए दो लाख रुपये मांग रहा है, उसका भी टेप है. प्रिंट मीडिया के पत्रकार किस तरह घपलों-घोटालों में शामिल हैं और इसे ढंकने के लिए तत्पर रहते हैं, इससे संबंधित तीन टेप हैं. कुल मिलाकर आज भड़ास पर टेप डे है. सारे टेप एक एक कर सुनें और आज के दिन व आने वाले दिनों के मंगलमय होने की कामना करें. लिंक ये हैं: (1) http://goo.gl/Yhofn1 (2) http://goo.gl/Lva4WH (3) http://goo.gl/PKIOPa

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. purushottam asnora

    October 11, 2015 at 8:18 pm

    bahut khoob, yayawary mubarak.

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