उत्तर प्रदेश : सुलतानपुर में अमर उजाला लांच होने पर रमाकांत तिवारी को ब्यूरो चीफ बनाया गया था। इनके कार्यकाल के दौरान से रिपोर्टर व कैमरामैन पदों पर ब्राह्मण बिरादरी के लोग तलाशे जा रहे हैं। इधर बीच कानाफूसी कर ब्यूरो चीफ ने होनहार कैमरामैन पंकज गुप्ता की छुट्टी करवा दी। इसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। अमर उजाला लांच के समय यानि सात साल पहले पंकज गुप्ता को सुलतानपुर में कैमरामैन पद पर नियुक्त किया गया था। अपने अच्छे काम के चलते पंकज ने चंद दिनों में ही अमर उजाला को एक नया मुकाम दिला दिया, लेकिन यहां के ब्यूरो चीफ शायद ब्राह्मण को ही ज्यादा पसंद करते हैं।
अमर उजाला आफिस में 11 लोगों की नियुक्ति है, जिसमें सभी रिपोर्टर ब्राह्मण हैं। शेष दो विनय सिंह और अमर बहादुर हैं जिनमें एक प्रसार देखते हैं और दूसरे विज्ञापन। एक हफ्ता पहले जब ब्यूरो चीफ को ब्राह्मण कैमरामैन मिल गया तो पंकज गुप्ता के खिलाफ झूठी शिकायत कर उन्हें हटवा दिया गया। सूत्रों का कहना है कि ब्यूरो चीफ अपने बिरादरी के हर रिपोर्टर का गलत सही कामों में सहयोग करते हैं। लोेकसभा चुनाव के दौरान तो इन पर कई आरोप लगे थे। ऐसे ही एक मामले में पूर्व मंत्री अमिता सिंह ने दफ्तर पहुंचकर इन्हें खरी-खोटी सुनाई थी। पंकज गुप्ता को हटाए जाने के बाद अब रमाकांत तिवारी ने विजय तिवारी को अपना कैमरामैन नियुक्त करवा लिया है।
Comments on “अमर उजाला को चाहिए ब्राह्मण पत्रकार”
ये रमाकांत तिवारी का खेल नहीं है. पंडितो को अमर उजाला मे भरने का बीड़ा श्रीमान अशोक पाण्डेय दद्दा ने उठाया था. इसीलिए तो उन्हें बहार का रास्ता दिखाया गया था. रमाकांत, इंदुभूषण पाण्डेय उसी का हिस्सा है. आज भी खेल खेल रहे है. जबकि लखनऊ के संपादक दोनों के आचरण के बारे में खूब जानते है. फिर भी उन्हें पल रहे है.
अरे भाई रमाकांत जी तो बहुत बड़े खिलाडी है
इन्हे तो खाऊ कमाऊ खिलाऊ के साथ साथ ब्राह्मण ही चाहिए
संपादक महोदय इनकी इनकम के बारे में जाँच कर लीजये सायद आप से ज्यादा सम्पति इनके पास मिलेगी
धन्यबाद
🙁 🙁 🙁 😥 😕 😮 :zzz 😛 😛 🙄 :sigh:
रमाकांत नाम का पत्रकार एक समय था जो एक एक पैसे के लिए
लिए मोहताज था अस्थानीय विधायक इसकी हर सम्भव मदद करते थे
लयहां तक की बेटी की शादी विधायक ने कराइ थी आज एहि व्यक्ति करोरो में खेल रहा है
सबसे अहम बट फिर वही आती है की क्या ब्राह्मण होना ही इस व्यक्ति के लिए वरदान है ?
मित्रो आप सभी से एक सवाल ये भिउ ह इस देश में ब्राह्मण जाती ही हर बड़े पायदान पैर है हमारा देश आपसी भाई चारा के नाम से जाना जाता है। इसकी सुरुवात भारत जी आजादी क साथ हो गई थी जवाहर लाल से सुरु हुई थी रही बात पंकज गुप्ता अच्छे इंसान है जब इन्होने
लावारिस बच्ची को अपना लिया तो ये गलत काम कैसे कर सकते है ? 😀 😀 😀 😆 🙂 8) 8) 8) 😥 😥 😥 😥 😥 😥 😥 😥 😥
ब्यूरोब्यूरो चिफो का यह न्य खेल नही है 2008 से फैजाबाद जिले में बिकापुर तहसील के रिपोर्टर को भी नए ब्यूरो चीफ धीरेन्द्र सिंह ने लखनऊ में शिशिर से मिलकर झूठे आरूप में बिना जाँच पढ़ताल किए हटवा दिया।जब्कि हटाया गए kk mishra कानपूर व इलाहबाद से भी जुढ़े थे। यह तो हमेशा जातिवाद होता है। मालिकान भी सब जानते है। इसीलिए अख़बार की साख भी गिर रही है।
रमाकांत को दूसरे लीडिंग अख़बार के बूयरो से सबक लेना चाहिए। अमर उजाला लांच होने के बाद से ही रमाकांत सुर्ख़ियो में आ गए की इन्हे सिर्फ ब्राह्मण स्टाफ चाहिए। पंकज गुप्ता को कैमरा मन से हटकर विनोद तिवारी को रखने के बाद मामला और भी गरमा गया है। यह खबर जब भड़ास पैर लगी तो तमाम तरह के कमेंट आने लगे। इसके बाद तो वमानो इनकी पोल ही खुलनी सुरु हो गयी। नाम न छापने की शर्त पर कुछ पत्रकारों का कहना है की चपरासी पद पैर एक ब्राह्मण था उसके प्रदेश चले जाने के बाद अभी कोई चपरासी किया गया क्योकि अभी तक रमाकांत जी को ब्राह्मण चपरासी नहीं मिला हा। कुछ पत्रकारों को उनके गुर्गे सक की न निगाह से देखते हुए धमकी देना सुरु कर दिए है की शायद इन्होने भड़ास पैर खबर लगवा दी है। सवाल ये खड़ा होता है की समाज का चौथा अस्तम्भ ऐसा करेगा तो ऊँगली उठेगी ही इसमें कैसे किसी की गलती।
nice RAMAKANT JI