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भिवानी में गिर रहा अमर उजाला का सरकुलेशन, 18 महीने में ही सातवीं बार सर्वे

भिवानी (हरियाणा) : जिले में एक बार फिर अमर उजाला ने अपना सातवां सर्वे शुरू कर दिया है। केवल 18 महीनों हुए रिलांचिंग के, और सातवीं बार सर्वे कराया जारहा है। 

<p>भिवानी (हरियाणा) : जिले में एक बार फिर अमर उजाला ने अपना सातवां सर्वे शुरू कर दिया है। केवल 18 महीनों हुए रिलांचिंग के, और सातवीं बार सर्वे कराया जारहा है। </p>

भिवानी (हरियाणा) : जिले में एक बार फिर अमर उजाला ने अपना सातवां सर्वे शुरू कर दिया है। केवल 18 महीनों हुए रिलांचिंग के, और सातवीं बार सर्वे कराया जारहा है। 

हालत यह है कि दैनिक भास्कर जहां अपनी खबरों के दम पर पाठकों के बीच अपना वर्चस्व कायम किए हुए है, वही अमर उजाला को अपनी कमजोर टीम के कारण बार बार सर्वे का सहारा लेना पड़ रहा है। खास बात यह है कि लाख प्रयासों के बाद भी अमर उजाला, दैनिक जागरण को भी नहीं पछाड़ पा रहा है। बताया जा रहा है कि अमर उजाला में  लीड़ न्यूज तक दूसरे छोटे कस्बों से आ रही हैं जबकि अधिकतर खबरें हिसार या दूसरे शहरों की लगाकर डेस्क को काम चलाना पड़ रहा है। 

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इसके अलावा अमर उजाला की टीम में फूट के कारण भी खबरों का स्तर सही नहीं। सर्वे के बाद भी अखबार का सरकुलेशन नहीं रुकने के कारण अमर उजाला का रोहतक प्रबंधन अब भिवानी को लेकर काफी परेशान बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सुरेश मेहरा को बदले जाने के बाद अब भिवानी ब्यूरो चीफ की कमजोर परफोरमेंस पर भी प्रबंधन  सतर्क हो गया है। ब्यूरो चीफ को साफ चेतावनी दे दी गई है कि उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें।

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित

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0 Comments

  1. krishan

    August 1, 2015 at 12:35 pm

    bhiwani amar ujala ka bhtha betha hua he. bureau chief filed me khi jata nhi. jaaye bhi kha khi rsook bhi achhe nhi h.iske ilava keval ghas foos ki news likh skta h or kuchh aata bhi nhi h. kewal sara din logon ki chugli m nikl jata h. dhikar h amar ujala prbandn pr jisne ese logo ko bethaya jo jagarn ki esi tesi kr aaye rohtak or sirsa me.

  2. danish

    July 23, 2015 at 5:54 pm

    रोहतक का संपादक ही महान है या अइसे कह लो की आज तक इस यूनिट मे कोई अछा संपादक आया ही नहीं जो ऐसे चला सके.

  3. danish

    July 23, 2015 at 5:57 pm

    इस यूनिट मे जिसे ट्रांसफर करके लाते है उसकी रेड पीट देते है, यही कारन है की लोग छुट्टी लेकर घर पर बैठ जाते है. यहाँ कोई काम नहीं करना चाहता. तो कहा से सर्कुलेशन इनक्रीस होगा.

  4. ramu

    July 24, 2015 at 9:21 pm

    भिवानी में अमर उजाला बहुत मजबूत स्थिति में है। वहां सर्कुलेशन कम होने की निराधार खबरें। चरकी दादरी का पूर्व ब्यूरो चीफ सुरेश मेहरा उड़ा रहा। भड़ास पर भी ये खबर उसी की डाली हुई है। हकीकत ये है कि मेहरा डेढ़ साल तक दादरी में ब्यूरो चीफ रहा, लेकिन वो कभी भी वहां घर लेकर नहीं रहा। भिवानी से ही आना-जाना रहा। दिन में दोपहर को दो बजे जाता और पांच बजे वापस भाग आता। ऐसे में जिला प्रभारी धर्मेंद्र यादव ने अगर उसे डाटा तो क्या गलत किया। यादव के बार-बार कहने पर भी उसने वो कभी दुपहिया वाहन लेकर दादरी नहीं आया। आखिर में मैनेजमेंट ने उसका तबादला गुहाना कर दिया। वो भी से इस्तीफा देकर भाग छूटा। अब जहां-तहां धर्मेंद्र यादव का बदनाम कर रहा है। धर्मेंद्र यादव कहते हैं मेहरा क्या है उसके बारे में भिवानी के तमाम पत्रकारों जानते हैं।

  5. purushottam asnora

    July 26, 2015 at 1:49 am

    ye akhabar sab jagah niche jayega. malik paisa banane our sampadak noukari karne k alawa kuch nhi kar rahe hain.

  6. bajirao

    August 3, 2015 at 7:33 am

    अमर उजाला का बुरा हाल है। जिस आदमी को भिवानी में इंचार्ज बनाया वो 2008 में इस अख़बार को भिवानी में तली में बेठा गया था। इसके बाद रोहतक दैनिक जागरण में निशिकांत की जी हजूरी कर कुर्सी बचा के रखी।मगर अख़बार सिटी में में केवल गिनती का ही बचा। जो आज तक नही सुधरा हे। परेशान जागरण मैनेजमेंट ने धर्मेंदर को सिरसा भेज। लेकिन वहाँ भी यही हालत हुई। जिसके बढ़ इसको जागरण ने अख़बार से निकल दिया। एक महीना तक ये बन्दा सड़कों पर नोकरी की भीख मांगता रहा। अमर उजाला में पुरषोतम शर्मा के एक चेले ने अमर उजाला में इसका जुगाड़ बिठा दिया। अब अमर 7जल की हालत सबके सामने है। इस आदमी को तो देवेन्द्र दाँगी जेसा इंसान चाइये जो मार मार कर इसको सुधर दे।

  7. raju

    August 4, 2015 at 8:42 am

    साडी बातें देखकर ये तो साफ़ ह की धर्मेंदर यादव की भिवानी में इमेज अछि नही है। अमर उजाला को अगर अख़बार भिवानी में चलाना है तो इसको हटाना पद्देग।वास्तव में अमर उजाला की हालात भिवानी में कमजोर हे। बड़ी बात ये भी है कि धर्मेंदर अपना अख़बार सम्भालने की बजाए भास्कर और जागरण की चुगली में ज्यादा टीम खराब करता है। इतसक इलवा ये भी देखने में आया है कि सारा दिन या तो घर रहता है या किसी नेता की चमचा गिरी मे लगा रहता है। अमर उजाला प्रबन्धन से मेरी गुजारिस हे कि इस अख़बार को बचा लो। इस नालायक इंसान को हटा के किसी उत्तर प्रदेश के बंधे को लगाओ।

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