मुकेश अंबानी ने ईटीवी, आईबीएन7, सीएनएन-आईबीएन समेत कई चैनलों-मीडिया कंपनियों को खरीदने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया का मोलभाव करना शुरू कर दिया है. ताजी सूचना के मुताबिक उनकी नजर अंतरराष्ट्रीय बिजनेस अखबार ‘फायनेंशियल टाइम्स’ पर है. भारत के साथ विदेशों में भी अपना मीडिया साम्राज्य फैलाने को लेकर लालयित अंबानी के एक प्रतिनिधि ने पियरसन समूह से संपर्क साधा है. अंतरराष्ट्रीय बिजनेस अखबार फायनेंशियल टाइम्स को प्रकाशित करने वाली कंपनी का नाम पियरसन समूह है.
नेटवर्क 18 और ईटीवी पर कब्जा करने के बाद मुकेश अंबानी की नई सक्रियता चौंकाने वाली है. वह दुनिया के सबसे बड़े मीडिया मुगल बनने की आकांक्षा पाले हैं. ज्ञात हो कि एक जमाने में द संडे आर्ब्जवर और द आर्ब्जवर ऑफ बिजनेस एंड पॉलीटिक्स में भी रिलायंस समूह की हिस्सेदारी रही है लेकिन इन दोनों का प्रकाशन वर्ष 2000 में बंद हो गया था. इसी के साथ उस जमाने में मीडिया में आने की रिलायंस की कोशिशों ने दम तोड़ दिया था. ये कोशिशें नए सिरे से परवान चढ़ाई है धीरूभाई अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने. फायनेंशियल टाइम्स करीब 120 साल पुरान बिजनेस अखबार है. 1957 में इस अखबार का पियरसन ने टेकओवर किया था. वर्ष 2012 में फायनेंशियल टाइम्स और उसके डिजिटल कारोबार की कुल कीमत 98.3 अरब रुपए थी.
फायनेंशियल टाइम्स के बिकने की खबर वर्ष 2012 में भी आई थी पर कंपनी के सीईओ मारजोरी स्कॉरडीनो ने इस खबर को गलत बताया था. लंदन स्थित पियरसन समूह के पास फायनेंशियल टाइम्स कुल स्वामित्व होने के साथ-साथ जानीमानी पत्रिका द इकॉनामिस्ट में 50 फीसदी और पेंग्विन रेंडम हाऊस में 47 फीसदी हिस्सेदारी है. वर्ष 2013-14 में फायनेंशियल टाइम्स का पीयरसन समूह के कुल बिजनेस में 8 फीसदी का योगदान था. 2013-14 में फायनेंशियल टाइम्स ने 449 मिलियन पौंड का कारोबार किया था. कंपनी को 55 मिलियन पौंड का फायदा भी हुआ था.
ज्ञात हो कि मुकेश अंबानी ने नेटवर्क18 और टीवी18 ब्रॉडकास्टर्स का इस वर्ष के शुरुआत में अधिग्रहण किया था. इसके तहत समाचार चैनल सीएनबीसी टीवी 18, सीएनएन-आईबीएन, आईबीएन लोकमत और आईबीएन 7 के साथ-साथ एंटरटेनमेंट चैनल कलर्स, कॉमेडी सेंट्रल, एमटीवी अंबानी के नियंत्रण में हैं.