Ravish Kumar : पिछले कुछ वर्षों से और ख़ासकर पिछले दिनों चाणक्य नीति के नाम अनाप शनाप चीजें कहीं गईं। कौटिल्य को कुटिल बना दिया गया। आज टेलिग्राफ ने चाणक्य नीति के एक सुंदर सूत्र वाक्य को छापा है।
सरकारें गिरा कर किसी को फँसा कर लुभाकर राज चलाना चाणक्य होना नहीं है। गोदी मीडिया अमित शाह को चाणक्य कहने लगा था।
ऐसा नहीं है कि अमित शाह में संगठन चलाने का कौशल और खूबियाँ नहीं है लेकिन कुटिलता के क्षणों में उन्हें चाणक्य बता कर मीडिया ने उनको ही बदनाम किया है।
अमित शाह अमित शाह हैं। अमित शाह चाणक्य नहीं हैं। चाणक्य चाणक्य है।
टूटा फूटा अनुवाद है-
उचित प्रशासन की जड़ में आत्म अंकुश होता और आत्म अंकित की जड़ में होती है विनम्रता…

Dayanand Pandey : एक बात जान लीजिए कि भारतीय मेधा में सिर्फ़ एक ही चाणक्य हुए हैं। शेष लोग समय-समय पर चाणक्य होने का दंभ जीते रहे हैं। दंभ ही जीते रहेंगे। लेकिन कभी भूल कर भी चाणक्य का नाखून भी नहीं छू सकेंगे।
याद रखिए चाणक्य सत्ता बनाते-बिगाड़ते ज़रुर हैं पर सत्ता का स्वाद नहीं चखते। सत्ता का भोग नहीं करते। व्यवस्था बदलते हैं चाणक्य। तपस्वी होते हैं चाणक्य। कुटिया में रहते हैं। सादगी से रहते हैं।
आप दीजिए गालियां लेकिन वह चंद्रगुप्त बनाते हैं। एक पिछड़ी जाति के व्यक्ति को भी सम्राट बना देने की कला जानते हैं। याद कीजिए तुलसी को। वह वानर कहे जाने वाले हनुमान को भी भगवान बना कर प्रतिष्ठित कर देते हैं। लिखते हैं श्रीरामचरित मानस लेकिन स्थापित कर देते हैं हनुमान को।
सो चाणक्य हों या तुलसी दास एक ही होते हैं। ऐसे तमाम लोग एक ही होते हैं। अनन्य होते हैं। कॉपियर, कॉपियर होते हैं। मास्टर्स, मास्टर्स।
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार और दयानंद पांडेय की एफबी वॉल से.
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Comments on “गोदी मीडिया अमित शाह को चाणक्य कहने लगा था, टेलीग्राफ ने आइना दिखा दिया : रवीश”
Chanaky ke samay par log Adarsh Wadi aur naitik mulyo par jeene wale hote the aaj wo hote to unlock BHI tum log Amit Shah hi kahte.
एकदम सत्य है
सता के लालच को चाणक्य के रूप में स्थापित करना
अच्छी बात नहीं है
रवीश जी ने बढ़िया धोया.
चाणक्य ने आज के भ्रष्ट तथाकथित चाणक्यों को ही उस समय अपनी नीतियों से सबक सिखाने के कारण ही चाणक्य कहलाये गये थे
Ravish g tention mat legiye. Khel jld badlega chill
national geographic channel me kabhi kabhi dikhaten h ki kuch kutto ke jhund bhi sher par bhari par jate h