जबरिया रिटायर ips अफ़सर अमिताभ ठाकुर जेल से निकलने के बाद थानेदार से लेकर जेलर तक को राइट टाइम करने में जुटे हैं। जिन जिन ने अमिताभ के साथ छल-धोखा या झूठ का कारोबार किया है, उन उन को क़ानूनी दायरे में लाने में अमिताभ जुटे हैं।
जेल वालों ने तो फ़ौरन वो सब मान लिया जो जो अमिताभ ने दावा ठोंका। अमिताभ ने कहा जेल वालों ने मेरी किताबें ग़ायब कर दीं, जेल वाले बोले- किताब सब पड़ी है, ले जायिये सर!
देखें अमिताभ का ये ट्वीट_
लखनऊ जेल प्रशासन ने स्वीकार किया है कि मेरे द्वारा जेल में लिखी 03 साहित्यिक कृतियाँ व उनके द्वारा आगे नहीं भेजे गए मेरे सभी पत्र, जो जेल प्रशासन को दिया था, उनके पास मौजूद हैं, जो मैं जेल कार्यालय से ले सकता हूँ. इस हेतु आज 11 बजे लखनऊ जेल जाऊंगा व अन्य बिन्दुओं को भी देखूंगा.
उधर सीजेएम ने जेल अफसर केस में थाने से रिपोर्ट मांगी है। लखनऊ जेल के अफसरों द्वारा अपने तमाम सामान व अभिलेख गायब करने के अमिताभ ठाकुर के आरोप के संबंध में सीजेएम लखनऊ रवि कुमार गुप्ता ने 16 जून 2022 तक थाना गोसाईंगंज से आख्या मांगी है.
थानाध्यक्ष गोसाईंगंज को भेजी अपनी शिकायत में अमिताभ ने कहा था कि उनके लखनऊ जेल में रहने के दौरान उन्होंने विभिन्न प्राधिकारियों के लिए कुल 545 पत्र जेल प्रशासन को सौंपे जिनमे कुछ को छोड़ कर ज्यादातर पत्र गायब हैं. इसके साथ ही उनके कई अन्य अभिलेख व सामान भी जेल प्रशासन द्वारा उनके बार-बार अनुरोध के बाद उन्हें नहीं सौंपे गए हैं तथा गायब कर दिए गए दिखते हैं.
अमिताभ ने कहा कि उनके बार-बार अनुरोध के बाद भी जानबूझ कर उन्हें प्रताड़ित करने तथा क्षति पहुंचाने के लिए उनके सामान व अभिलेख गायन किये गए हैं. अतः उन्होंने इसके संबंध में समुचित धाराओं में एफआईआर की मांग की है.
जेल ने 400 रुपये वापस मांगे, अमिताभ ने कहा खाता दिखाओ
अमिताभ ठाकुर के लखनऊ जेल में रहने के दौरान उनका पैसा, 03 साहित्यिक कृतियाँ, तमाम पत्राचार एवं अन्य सामान जेल के अफसरों द्वारा गैरकानूनी ढंग से रख लेने तथा गायब कर देने के संबंध में उनके द्वारा लगाये आरोपों के क्रम में वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनके द्वारा लिखे गए ‘मेरी जेल डायरी’, ‘कहाँ थे, कहाँ आ गए’ तथा ‘मर्डर एक सत्य कथा’ जेल कार्यालय में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्होंने अन्य सामान अपने पास होने से इनकार किया है.
इसके साथ ही जेल अफसरों ने अमिताभ को पहले 2700 रुपये वापस किये थे लेकिन अब उन्हें पत्र भेज कर यह कहते हुए 400 रुपये वापस माँगा है कि उन्हें गलती से ज्यादा रुपये वापस कर दिए गए थे. अमिताभ ने इससे असहमति व्यक्ति करते हुए इस संबंध में जेल का खाता दिखाने की मांग की है.
अमिताभ द्वारा एफआईआर की मांग पर इंस्पेक्टर गोसाईंगंज ने कहा है कि चूँकि मामला जेल से संबंधित है, अतः जेल से रिपोर्ट मांगी गयी है तथा उसके बाद कार्यवाही होगी. अमिताभ ने इसे गलत बताते हुए तत्काल एफआईआर की मांग की है.
Virender Pal
May 24, 2022 at 12:10 pm
मुझे भड़ास पर पत्रकारों और पत्रकारिता से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त होती है और वे रोचक व तथ्यात्मक होती है, मैं भी लेखन में रुचि रखता हूं आपके साथ सहयोगी बनना चाहता हूं
गोपाल गोयल
May 24, 2022 at 3:36 pm
अपने जबरिया रिटायरमेन्ट का मुद्दा भी अदालत में चैलेंज करना चाहिए।
राजेन्द्र मिश्र
May 24, 2022 at 6:00 pm
अमिताभ ठाकुर अपनी जगह सही हैं. बदले की भावना से उन्हें जेल में डाला गया, यह तानाशाही का द्योतक है.