अमिताभ ठाकुर का मोबाइल फोन पुलिस ने लौटा दिया है। गिरफ़्तारी के बाद उनका मोबाइल फोन हज़रतगंज थाने में जमा हो गया था। रिहाई के बाद भी उनका मोबाइल फोन उन्हें नहीं दिया जा रहा था। कोर्ट की मदद लेकर अमिताभ ने अपना फोन क़ब्ज़े में लिया।
फोन हाथ में आते ही अमिताभ ठाकुर अपने समर्थकों के सम्पर्क में फिर से आ गए। उन तक सैकड़ों शिकायतें रोज़ाना पहुँचने लगी हैं। अधिकार सेना का लम्बित काम भी आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। पीड़ितों द्वारा सम्पर्क स्थापित करने पर वे खुद भी उनसे जाकर मिल रहे हैं।
मतलब ये कि अमिताभ को जेल भेजना सरकार के लिए कोई रिज़ल्ट न दे पाया। उल्टे अमिताभ का क़द और दायरा दोनों बढ़ गया है। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर अधिकार सेना को राजनीतिक रूप से सक्रिय कर उत्तर प्रदेश की परंपरागत राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकते हैं।
नीचे देखिए कुछ वो खबरें जो अमिताभ ठाकुर से सम्बंधित हैं। इससे फोन मिलने के बाद अमिताभ की सक्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है-
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Adhikar Sena ke liye ek anurodh
Adhikar Sena ke sainiko ke naam sandesh
जेल ने 400 रुपये वापस मांगे, अमिताभ ने कहा खाता दिखाओ
अमिताभ ठाकुर के लखनऊ जेल में रहने के दौरान उनका पैसा, 03 साहित्यिक कृतियाँ, तमाम पत्राचार एवं अन्य सामान जेल के अफसरों द्वारा गैरकानूनी ढंग से रख लेने तथा गायब कर देने के संबंध में उनके द्वारा लगाये आरोपों के क्रम में वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनके द्वारा लिखे गए ‘मेरी जेल डायरी’, ‘कहाँ थे, कहाँ आ गए’ तथा ‘मर्डर एक सत्य कथा’ जेल कार्यालय में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्होंने अन्य सामान अपने पास होने से इनकार किया है.
इसके साथ ही जेल अफसरों ने अमिताभ को पहले 2700 रुपये वापस किये थे लेकिन अब उन्हें पत्र भेज कर यह कहते हुए 400 रुपये वापस माँगा है कि उन्हें गलती से ज्यादा रुपये वापस कर दिए गए थे. अमिताभ ने इससे असहमति व्यक्ति करते हुए इस संबंध में जेल का खाता दिखाने की मांग की है.
अमिताभ द्वारा एफआईआर की मांग पर इंस्पेक्टर गोसाईंगंज ने कहा है कि चूँकि मामला जेल से संबंधित है, अतः जेल से रिपोर्ट मांगी गयी है तथा उसके बाद कार्यवाही होगी. अमिताभ ने इसे गलत बताते हुए तत्काल एफआईआर की मांग की है.
SI भर्ती 2020-21 में भारी गड़बड़ी, निरस्त/जाँच की मांग
आज अमिताभ ठाकुर ने ईको गार्डन, लखनऊ में धरना दे रहे दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 के अभ्यर्थियों से मुलाकात की जिन्होंने अमिताभ को इस परीक्षा की तमाम गड़बड़ियों से संबंधित साक्ष्य एवं तथ्य प्रस्तुत किये.
इनसे बातचीत के बाद अमिताभ ने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए तथ्यों एवं सबूतों से प्रथमद्रष्टया इस भर्ती में भारी गड़बड़ी तथा घोटाले की आशंका जान पड़ती है. जिस प्रकार से परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने तमाम एफआईआर दर्ज किये तथा गोरखपुर में दर्ज एफआईआर में स्पष्ट रूप से परीक्षा लेने वाली कंपनी का नाम लिया गया एवं जिस प्रकार उक्त कंपनी के कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड होने के बाद भी उसे यह काम दिए जाने के आरोप हैं, उससे यह मामला काफी गंभीर जान पड़ता है. इतना ही नहीं, जिस प्रकार पीईटी परीक्षा में बहुत कम नंबर लाने वाले कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में आश्चर्यजनक रूप में भारी नंबर मिले हैं तथा अब हर रोज काफी संख्या में फर्जी अभ्यर्थी पकडे जा रहे हैं तथा उन पर एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, उससे परीक्षा की शुचिता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लग गए हैं.
अमिताभ ने कहा कि न्यायहित में इस परीक्षा को निरस्त करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जाँच करा दोषी अफसरों को दंडित किया जाना आवश्यक है. उन्होंने अभ्यर्थियों की हरसंभव विधिक सहायता का आश्वासन दिया.
SI भर्ती 2020-21 में भारी गड़बड़ी को देखते हुए FIR की मांग
आज अमिताभ ठाकुर और डॉ नूतन ठाकुर ने दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने हेतु थाना हजरतगंज में प्रार्थनापत्र दिया है.
जनसुनवाई के माध्यम से दिए गए प्रार्थनापत्र में अमिताभ एवं नूतन ने कहा कि इस परीक्षा के अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए तथ्यों एवं सबूतों से प्रथमद्रष्टया इस भर्ती में भारी गड़बड़ी तथा घोटाले की आशंका जान पड़ती है. जिस प्रकार से परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने तमाम एफआईआर दर्ज किये तथा गोरखपुर में दर्ज दो एफआईआर में स्पष्ट रूप से परीक्षा लेने वाली कंपनी का नाम लिया गया एवं जिस प्रकार उक्त कंपनी के कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड होने के बाद भी उसे यह काम दिए जाने के आरोप हैं, उससे यह मामला काफी गंभीर जान पड़ता है. इतना ही नहीं, जिस प्रकार पीईटी परीक्षा में बहुत कम नंबर लाने वाले कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में आश्चर्यजनक रूप में भारी नंबर मिले, उससे परीक्षा की शुचिता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लग गए हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब लखनऊ सहित तमाम स्थानों पर हर रोज काफी संख्या में फर्जी अभ्यर्थी पकडे जा रहे हैं तथा उन पर एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, वे इस मामले में उत्तर प्रदेश भर्ती बोर्ड एवं परीक्षा एजेंसी सवालिया निशान लगाते है.
अतः अमिताभ एवं नूतन ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
SI भर्ती 2020-21 घोटाला: FIR हेतु पुलिस कमिश्नर को प्रा०पत्र
आज अमिताभ ठाकुर और डॉ नूतन ठाकुर ने दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने हेतु पुलिस कमिश्नर लखनऊ को धारा 154(3) सीआरपीसी में प्रार्थनापत्र दिया है.
दो दिन पहले जनसुनवाई के माध्यम से थाना हजरतगंज को दिए गए प्रार्थनापत्र में अमिताभ एवं नूतन ने कहा था कि इस परीक्षा के अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए तथ्यों एवं सबूतों से प्रथमद्रष्टया इस भर्ती में भारी गड़बड़ी तथा घोटाले की आशंका जान पड़ती है. जिस प्रकार से परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने तमाम एफआईआर दर्ज किये तथा गोरखपुर में दर्ज दो एफआईआर में स्पष्ट रूप से परीक्षा लेने वाली कंपनी का नाम लिया गया एवं जिस प्रकार उक्त कंपनी के कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड होने के बाद भी उसे यह काम दिए जाने के आरोप हैं, उससे यह मामला काफी गंभीर जान पड़ता है. इतना ही नहीं, जिस प्रकार पीईटी परीक्षा में बहुत कम नंबर लाने वाले कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में आश्चर्यजनक रूप में भारी नंबर मिले, उससे परीक्षा की शुचिता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लग गए हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब लखनऊ सहित तमाम स्थानों पर हर रोज काफी संख्या में फर्जी अभ्यर्थी पकडे जा रहे हैं तथा उन पर एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, वे इस मामले में उत्तर प्रदेश भर्ती बोर्ड एवं परीक्षा एजेंसी सवालिया निशान लगाते है.
उस पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर अब पुलिस कमिश्नर से एफआईआर की मांग की है.
चित्रकूट जेल कांड: जाँच रिपोर्ट के बाद कार्यवाही करेगा NHRC
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मई 2021 में चित्रकूट जेल में हुए कथित गैंगवार तथा एनकाउंटर के संबंध में अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर द्वारा दी गयी शिकायत को एक-सदस्यीय जाँच आयोग की जाँच के प्रचलित होने के आधार पर वर्तमान में बंद कर दिया है.
अपनी शिकायत में अमिताभ तथा नूतन ने कहा थाकि कम से कम 10 ऐसे कारण हैं, जो प्रशासन द्वारा बताई गयी घटना को अविश्वसनीय बनाते हैं. इनमे जेल में अचानक एक फर्स्ट क्लास हथियार आ जाना तथा उस व्यक्ति के पास पहुंच जाना जिसने पूर्व में अपनी हत्या की आशंक जताई हो,प्रशासन को सिर्फ पांच चुने हुए लोग ही गवाह के रूप में मिलना,अंशु दीक्षित द्वारा पूर्व में जेल में जेल प्रशासन तथा एसटीएफ के एडीजी पर अपनी हत्या की साजिश की बात कहना और उसकी मौत वास्तव में लगभग उसी तरीके से होना, मुन्ना बजरंगी के बाद यूपी में एक ही तरीके से सुश्री बार जेल में अपराधियों की संदिग्ध मौत होना,दोनों मामलों में पूर्व में ही एक ही अफसर पर आशंका जताना और चित्रकूट जेल में सीसीटीवी कैमरा ख़राब होना शामिल हैं.
इस पर जेल मुख्यालय के वरिष्ठ अधीक्षक (मुख्यालय) ने मानवाधिकार आयोग को भेजी रिपोर्ट में बताया कि शासन ने इस बारे में जाँच के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत की एक सदस्यीय समिति बनायीं है. जेल विभाग द्वारा मानवाधिकार आयोग को इस जाँच समिति की रिपोर्ट भेजी जाएगी. इन स्थितियों में इस केस को लंबित रखना उचित नहीं है और शिकायतकर्ता जाँच आख्या आने के बाद आयोग के पास आ सकते हैं.