ज़ी हिन्दुस्तान का एक विज्ञापन आजकल चर्चा में है। कुछेक नामी-गिरामी चैनल के महत्वपूर्ण शो और उसके एंकर का नाम लेकर कुछ विज्ञापन आए हैं। उन्हीं विज्ञापनों की चर्चा चल रही है। जब चैनल एंकर पर केंद्रित प्रचार कर रहा है तो चैनल के कुछएंकर याद आते हैं जिनकी चर्चा इस मौके पर की जानी चाहिए। पहले भूमिका – जी टीवी एक सफल चैनल है। और चैनल का काम-धाम देखने वाले सुभाष चंद्रा वैसे तो भाजपा समर्थन से राज्यसभा सदस्य हैं पर विकीपीडिया में राजनीतिक दल के आगे स्वतंत्र या निर्दलीय लिखा हुआ है।
राज्य सभा चुनाव के लिए उनका मुकाबला कांग्रेस के आरके आनंद से हुआ था और उन्होंने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था। हालांकि, राज्यसभा चुनाव से पहले उन्होंने कंपनी के डायरेक्टर और नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। टेलीविजन मीडिया में अपने रुतबे और योगदान के कारण सुभाष चंद्रा भारतीय टेलीविजन के पितामह कहे जाते हैं। 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से जी न्यूज घनघोर भाजपाई है।
चर्चा है कि उसी ज़ी न्यूज ने तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी कि वे चैनल पर कांग्रेस के प्रवक्ता को भेजें। इससे पहले कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने जी न्यूज की टीआरपी पर एक ट्वीट किया था और उसमें लिखा था कि कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा चैनल का बायकाट है और अब चैनल ने प्रतिबंध हटाने के लिए लिखा है तो यह असल में टीआरपी के लिए है। जवाब में चैनल की तरफ से उसके स्टार एंकर सुधीर चौधरी ने मोर्चा संभाला और कहा कि चिट्ठी अभी नहीं अक्तूबर में लिखी गई थी। इससे आप मान सकते हैं कि जी न्यूज मतलब सुधीर चौधरी। पहले वे हिन्दी न्यूज के संपादक थे बाद में अंग्रेजी के भी बना दिए गए।
सुधीर चौधरी
शुरुआत सुधीर चौधरी से ही। 2003 में सुधीर ने जी टीवी छोड़ दिया था और फिर 2012 में जुड़े। उन्हें उनके सहकर्मी समीर अहलूवालिया के साथ वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और दोनों 14 दिन हिरासत में रहे। इस मामले में ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने उन्हें कोषाध्यक्ष के पद से हटा दिया था। 2018 में इस मामले में शिकायतकर्ता जिन्दल समूह ने आरोप वापस ले लिए और मामले को बंद करने के लिए लिखा। इससे पहले, अगस्त 2007 में एक निजी टीवी चैनल पर स्कूल शिक्षक उमा खुराना का फर्जी स्टिंग दिखाकर वे विवादों में घिर गए थे। रिपोर्टर प्रकाश सिंह के स्टिंग को बाद में फर्जी पाया गया था। इसके लिए चैनल पर प्रतिबंध लगा था। कहने की जरूरत नहीं है कि फर्जी स्टिंग टीआरपी बढ़ाने के लिए चलाया गया था। ये दो मामले बताते हैं कि सुधीर टीआरपी और वसूली दोनों के दोषी है। 2000 रुपए का नया नोट आया था तो उसमें नैनो जीपीएस चिप लगे होने की खबर इन्होंने की थी। इसका संबंध टीआरपी बढ़ाने या पैसे कमाने से नहीं हो सकता है।
रजत शर्मा
जी न्यूज के एक और स्टार एंकर रहे हैं – रजत शर्मा। जी हां, वही, इंडिया टीवी वाले रजत शर्मा। शर्मा ने कैरियर की शुरुआत मशहूर पत्रकार जर्नादन ठाकुर के लिए रिसर्चर के रूप में की थी और फिर मुंबई के साप्ताहिक ऑनलुकर से ट्रेनी के रूप में जुड़े और 1985 में इसके संपादक बन गए। कुछ समय इधर-उधर रहने के बाद उनकी मुलाकात ज़ी टीवी के सुभाष चंद्रा से हुई। बाद में उन्होंने रेडियो पर आने वाले एस कुमार्स का फिल्मी मुकदमा की शैली में टेलीविजन के लिए आपकी अदालत शुरू किया। अब यह उनकी पहचान है और ज़ी टीवी के विज्ञापन में इसका भी जिक्र है। वैसे तो सुभाष चंद्रा से उनकी मुलाकात विमान यात्रा के दौरान हुई थी पर कैरियर शुरू करने से पहले वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रह चुके थे। कॉलेज में उनकी दोस्ती अरुण जेटली से हुई थी जो आज तक बनी हुई है। जी न्यूज की शुरुआत करने वाले रजत शर्मा और उनकी अदालत स्टार टीवी से होते हुए अब उनकी अपनी कंपनी इंडिया टीवी पर प्रसारित होती है।
सुहैब इलियासी
ज़ी टीवी के एक और मशहूर एंकर हैं, इंडियाज मोस्ट वांटेड के सुहैब इलियासी। सुहैब ने जी टीवी पर यह कार्यक्रम पहली बार मार्च 1998 में पेश किया था। और बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गए थे। यह कार्यक्रम फरार अपराधियों पर था और बताया जाता है कि कार्यक्रम में चर्चित होने वाले 30 अपराधी पकड़े गए। सुहैब इलियासी की लोकप्रियता (और काबिलियत का भी) डंका बजने लगा। जल्दी ही ज़ी टीवी पर यह प्रोग्राम बंद हो गया। उस समय चर्चा थी की कार्यक्रम की लोकप्रियता से घबराकर बंद किया गया है। इसके बाद यह कार्यक्रम थोड़े बदले नाम से दूरदर्शन पर भी चला। बाद में सुहैब इलियासी पत्नी की हत्या के मामले में फंस गए। इलियासी की पत्नी की मौत सन 2000 में हुई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की फिर से सुनवाई के लिए उनके ससुराल वालों की याचिका स्वीकार कर ली और 2017 में उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी। बाद में पता चला कि हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में फिर बरी कर दिया है।
सुभाष गोयल
चौथे और सबसे महत्वपूर्ण एंकर हैं स्वयं सुभाष गोयल। अखबारों के मालिक तो संपादक बन जाते हैं पर टेलीविजन चैनल के मालिक का एंकर बनना बिरला है। रजत शर्मा अपवाद हैं और वो एंकर से मालिक बने हैं। मालिक से एंकर नहीं। फिर भी कहा जा सकता है कि एंकर सफल हो तो चैनल और चैनल सफल हो तो मालिक एंकर। अब इस घाल-मेल के कई उदाहरण मिल जाएंगे पर अभी वह मुद्दा नहीं है। सुभाष चंद्र शो में वे देश भर के युवाओं से चर्चा करते हैं और भिन्न विषयों पर वार्ता करते हैं। इस शो को सच शो भी कहा जाता है जो हिन्दी में सुभाष और चंद्रा के पहले अक्षरों को मिलाकर बना है। इस शो की अवधारणा युवाओं को प्रेरित और उत्साहित करने की है। इसके तहत उनसे आईडिया शेयर किया जाता है और युवा या उभरते उद्यमियों को कारोबार के लिए प्रेरित किया जाता है। फिर भी शो का फॉर्मैट ज्ञान बांटने वाला है। इस क्रम में उनकी आत्मकथा, “द जेड फैक्टर : माई जर्नी ऐज द रांग मैन ऐट द राइट टाइम” उल्लेखनीय है। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने घर पर किया था।
अरिन्दम चौधरी
ज़ी टीवी पर समानांतर बजट पेश करने वाले अरिन्दम चौधरी की चर्चा के बिना ज़ी न्यूज के एंकर्स की विविधता खत्म नहीं होगी। समानांतर बजट मैंने कभी देखा नहीं पर इसकी चर्चा रहती थी। आईआईपीएम के साइट पर 2013 के वैकल्पिक बजट का लिंक मिला। इसे आखिरी मान सकते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट के वेबसाइट पर इसके बारे में लिखा है, डॉ. एमके चौधुरी के दिशा निर्देशन में आईआईपीएम हर साल वैकल्पिक बजट लाता रहा है। इसे आईआईपीएम के प्रकाशनों में छापा (अंग्रेजी में प्रिंटेड ही लिखा है) जाता है और भारत के अग्रणी टीवी चैनल पर हर साल प्रसारित किया जाता है। सितंबर 2014 में एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने अरिन्दम चौधरी को सेंसर किया। उनपर छात्रों को भ्रमित करने का आरोप था। अदालत ने नोट किया कि आईआईपीएम अपने संस्थान को बेल्जियम के आईएमआई से मान्याताप्राप्त बता कर प्रोमोट कर रहा था जबकि इसे अरिन्दम और उनके पिता ने ही स्थापित किया था और यह वहां मान्यताप्राप्त नहीं था। गूगल पर अरिन्दम चौधरी से संबंधित हाल-फिलहाल की कोई खबर नहीं है। एक टेड शो और एक मोटिवेशनल स्पीच के अलावा।
वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट। संपर्क : [email protected]
Jagdish verma
January 11, 2019 at 2:34 pm
Behad jaankari parak lekh…..