एक मराठी न्यूज चैनल में एक ही एंकर ऐसी है जिसे सब कुछ आता है… सब कुछ माने सब कुछ… क्योंकि वही एक एंकर है जो शाम 5 बजे का डिबेट शो करती है, उसके बाद प्राईम टाईम का 7 और 9 का बुलेटिन भी पढ़ती है। लेकिन ये चमत्कार एकाएक नहीं हुआ है। ये चमत्कार हुआ है नए बॉस के ज्वॉईन करने के बाद!
चाहे चुनाव का डिबेट हो या फिर चुनावों के परिणामों का दिन, पूरे दिन बस स्क्रीन पर मैडम ही दिखाई देनी चाहिए, वो भी खड़ी हुई नहीं बल्कि कुर्सी पर बैठी हुई… क्योंकि, मैडम को इतना टाईम खड़ा रखना उनकी शान के खिलाफ माना जाता है। अब तो ये आलम है कि, कभी बडे से बडा ब्लंडर कर देनेवाली ये मैडम अब चाहे जिस प्रोड्यूसर या सीनीयर प्रोड्यूसर को मूंह पर ही डांट देती हैं, मजाल है किसी की जो उफ्फ तक कर जाए।
अगर किसी ने मैडम के पीठ पीछे भी कानाफुसी कर दी तो समझ लो उसकी शामत आ गई। मैडम ऑन एअर चाहे जितने ब्लंडर कर दें लेकिन, मजाल है जो चैनल हेड या फिर शिफ्ट इन चार्ज कुछ बोल जाएं, अगर कुछ बोलने की हिमाकत की तो सीधे चैनल हेड के केबिन से प्रोड्यूसर को बुलावा आ जाता है बुलेटिन का प्रिंट आऊट के साथ। और फिर शुरू होता है उस प्रोड्यूसर के बुलेटिन का पोस्ट मार्टेम, ये खबर ऐसी क्यों लिखी, इस खबर को ऐसे क्यों लिया, मैडम को पढने के लिए तकलीफ न हो इसके लिए एक भी टंगट्विस्टर नहीं आना चाहिए ऐसे सख्त आदेश दिए गए हैं, फिर मैडम एंकर ने खबर की कबर ही क्यों न खोद डाली हो।
मैडम ही सारी इम्पॉर्टंट खबरें पढेंगी, उनके सामने बाकी एंकर्स या तो मनमसोस कर रह जाते हैं या फिर इंतजार में रहते हैं कि कब नया चैनल हेड आए और मैडम के बजाए उन्हें तवज्जो दे।
मान लो अगर कड़ी धूप में लोकेशन पर जाकर अगर एंकरिंग करनी हो तो किसी को भी भेजा जाता है, लेकिन, मैडम की स्क्रीन टैन नहीं होनी चाहिए, फिर चाहे खबर कितनी भी बड़ी क्यों न हो…. लेकिन, अगर खबर सच में बडी हो गई तो मैडम स्टूडियो से एंकरिंग करेंगी और फील्ड पर भेजा गया एंकर बस रिपोर्टर की तरह लाईव देता रह जाएगा…
भई जलवा हो तो ऐसा… अब कोई ये न कह दे कि महिला हैं इसलिए उनके टैलेंट पर इतना सवाल उठाए जा रहे हैं तो जनाब सोशल मीडिया पर इन मैडम के ब्लंडर्स के कई सारे वीडियोज् भरे पड़े हैं… इनमें से राज ठाकरे के इंटरव्यू का कई सारा हिस्सा तो आज भी ट्रेंड करता है… बाकी इलेक्शन के वक्त इन्होंने जो चरस बोई है वो आप उनके नाम से सर्च कर देख सकते हैं।
हालांकि, कुछ ऐसा ही जलवा इन मैडम का तब भी था जब चैनल के हेड एक अन्य शख्स हुआ करते थे… तब भी कुछ ऐसा ही हुआ करता था कि अगर मैडम का मूड खराब हुआ और वो बॉस के केबिन में गईं तो इसका मतलब उस दिन किसी न किसी की नौकरी तो गई ही गई… फिर उसे भगवान भी नहीं बचा पाता था। उस पुराने बॉस के बाद न जाने कितने बॉस बदले लेकिन, मैडम का जलवा बरकरार रहा।
हिंदुस्थान में किसी के अच्छे दिन आए हो या न हों, लेकिन, मैडम के वही अच्छे दिन तो जरूर आए हैं।
रवि देशमुख
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