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गुस्से में रवीश कुमार, गाली देने वालों का उनके घर तक पीछा करेंगे

कोई मेरे कमेंट में जाकर गाली देने वालों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन कर सकता है । आसानी से एक ब्लाक का पता चल सकता है जो गाली देता है । गाली और आलोचना में फ़र्क समझता हूँ । आलोचना हमेशा स्वागत योग्य है । यहाँ तक कि दो कप की तस्वीरें लगा देने पर उसी जाति ब्लाक के लोग आए और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे । 

<p><span style="line-height: 1.6;">कोई मेरे कमेंट में जाकर गाली देने वालों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन कर सकता है । आसानी से एक ब्लाक का पता चल सकता है जो गाली देता है । गाली और आलोचना में फ़र्क समझता हूँ । आलोचना हमेशा स्वागत योग्य है । यहाँ तक कि दो कप की तस्वीरें लगा देने पर उसी जाति ब्लाक के लोग आए और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे । </span></p>

कोई मेरे कमेंट में जाकर गाली देने वालों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन कर सकता है । आसानी से एक ब्लाक का पता चल सकता है जो गाली देता है । गाली और आलोचना में फ़र्क समझता हूँ । आलोचना हमेशा स्वागत योग्य है । यहाँ तक कि दो कप की तस्वीरें लगा देने पर उसी जाति ब्लाक के लोग आए और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे । 

मैंने कई लोगों को ब्लाक किया है मगर अब कमेंट मिटाऊँगा नहीं ।आज कुछ गाली देने वालों की पोस्ट का शाट लेकर उनकी मित्रता सूची में मौजूद कुछ महिलाओं के इनबाक्स में पोस्ट कर मदद माँगने का प्रयास किया है । बताया है कि इनकी भाषा देखिये । अब से गाली देने वालों का स्क्रीन शाट लेकर उनके घरों में भी पोस्ट करूँगा । फोन नंबर होगा तो फोन करूँगा । घर भी जा सकता हूँ। बड़ों का आशीर्वाद लेकर बताऊँगा कि आपके पचास साल के बेटे जो बैंक में मैनेजर हैं कितनी गंदी गाली देते हैं । 

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कम उम्र के लोगों को भी बताऊँगा कि आपके पापा कमाल की गाली देते हैं । अगर गाली देने वाले की प्रोफ़ाइल पेज पर कोई धार्मिक तस्वीर होगी तो धर्म गुरुओं को भेजूँगा । पार्टी की तस्वीर होगी तो पार्टी नेताओं के परिवारों के यहाँ टैग करूँगा और बताऊँगा । काफी बड़ा प्रोजेक्ट है । प्रयास इतना है कि इन गालियों को पारिवारिक मान्यता भी मिले । आमीन ।

रवीश कुमार एफबी वाल से

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0 Comments

  1. ज़ाकिर अली

    June 24, 2015 at 9:40 am

    इसे कहते हैं बिहारी जुझारूपन । बिहारी जब चाहे गाली को गज़ल् की तरह की तरह गाकर सुना सकता है लेकिन बिहारी संस्कारी होता है मुम्बई और दिल्ली कोलकाता में कम्प्यूटर खोल कर बैठे इन फेक आई डी धारको को बिहारी स्टाइल का जवाब बहुत भारी पड़ सकता है इसलिये बिहारियो की किसी सोंच का शालीनता से जवाब दे । इसमें आपकी और आपके आकाओ की इज्जत एकसाथ बच जायेगी

  2. NH Hali

    June 24, 2015 at 9:00 pm

    Commendable initiative……some nasty people are used to such malpractice……must be replied to in their own style….

  3. Nirbhay Yadav

    July 8, 2015 at 12:14 pm

    रवीश कुमार मेरे पसंदीदा पत्रकार हुआ करते थे….उनके अंदाजे बयां जबरदस्त हुआ करता था….इकलौता इंसान था जो कहता था कि मीडियाकर्मी लुटियन के हिसाब से रिपोर्टिंग करते हैं……पर हाय री महत्वाकांक्षा ….. ये लड़का भी गया हाथ से….. रवीश भी अब छद्म सेकुलरटा का लिबास ओढ़ करते हैं…इन्हें मस्जिद तो दिखती है लेकिन मंदिर नहीं…..डिअर रवीश कुमार वो दिन हवा हुए फन्ने मियां फ़ाख्ते उड़ाया करते थे…….आप क्या समझते हो…कि प्राइम टाइम पर कुछ भी खाक धतूरा बोलकर आ जाओगे और जनता कुछ नहीं बोलेगी ……. साहब सोशल मीडिया का जमाना है…..सबकी जबावदेही है……जो बोलकर आते हो …. उसका जवाब तो देना ही पड़ेगा अब…वर्ना कलम की ताकत सबके पास है…..आप बकवास रिपोर्ट करोगे ….तो हम भी कुछ ना कुछ लिखेंगे……इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है…आशा है आप समझ गए होंगे….और बाकि जो ठंडा गरम है सो तो हइये है ।

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