लखनपुर (जम्मू) के एजेंटों द्वारा अमर उजाला समाचार पत्र के पत्रकार अनिल शर्मा पर किए गए केसों को अदालत ने खारिज करते हुए अनिल शर्मा को बरी कर दिया है। इससे पहले दो माह पूर्व दो अन्य इसी तरह के मामलों को लेकर कोर्ट अनिल शर्मा के हक में फैसला सुना चुकी है। दरअसल वर्ष 2011 में लखनपुर में अमर उजाला के पत्रकार अनिल शर्मा द्वारा एजेंटों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर कटाक्ष किया गया था और खबर ‘भरने से ज्यादा जेब में पैसा रखते हैं एजेंट’ शीर्षक से छापी थी।
इसके बाद एजेंटों को इस पर मिर्च लगनी शुरू हो गई। उन्होंने पत्रकार को हटाने के लिए जम्मू में अमर उजाला कार्यालय में शिकायत की। इसके बाद अमर उजाला ने बिना तथ्य जांचे अनिल शर्मा को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जम्मू के उस समय के समाचार संपादक रविंद्र श्रीवास्तव ने एजेंटों से सेटिंग करते हुए एजेंटों द्वारा किए गए केसों से अमर उजाला का नाम तक हटवा दिया। करीब सात सालों से अनिल शर्मा अकेले ही केस लड़ते रहे। एजेंट डीसी कठुआ के पास भी अनिल शर्मा की शिकायत करने गए थे। डीसी ने जांच करवाई थी। इस्तगासा भी दो बार तहसीलदार के समक्ष किया था। अनिल शर्मा को मेंटली टार्चर किया गया।
प्रमुख केसों में सुरेंद्र सिंह एंड कंपनी के सुरेंद्र सिंह और फ्रेंडस एंड कंपनी के रवि गुप्ता ने सभी एजेंटों को एकत्रित कर उनसे एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए कि अनिल शर्मा एजेंटो को ब्लैकमैक करता है और पैसे की डिमांड करता है। इनसे अलग अलग केस करवाए थे ताकि अनिल शर्मा को प्रताडित किया जा सके। अमर उजाला से छुट्टी के बाद अनिल शर्मा को किसी भी समाचार पत्र से जुडने नहीं दिया गया। इसके लिए एजेंटों ने साजिशें रची। आठ केस कुछ एजेंटों ने वापिस ले लिए थे जबकि अन्य चल रहे थे। गत दो माह पूर्व इन्हीं केसों में एजेंट दिलीप टाक, राकेश शर्मा के केस से अनिल शर्मा को कोर्ट ने बरी कर दिया। इसके बाद अब अन्य केसों में भी अनिल शर्मा के हक में कोर्ट ने फैसला सुनाया। अनिल शर्मा की ओर से वकील अरविंद गुप्ता ने बेहतरीन तरीके से केस लडकर अनिल शर्मा को इंसाफ दिलाया। अनिल शर्मा से संपर्क 9419244462 के जरिए किया जा सकता है।
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आखिर सच्चाई की ही जीत हुईं एजेंटों ने झूठा केस बनाकर अनिल शर्मा को प्रताडिंत किया यही नहीं अमर उजाला ने भी अपने तेरह साल पुराने साथी अनिल शर्मा को बाहर निकाल दिया। यह केस अनिल शर्मा द्वारा जीते जाने पर धोखाधडी करने वाले एजेंटों और अमर उजाला के मुंह पर तमाचा है। कठुआ जिला में जिस टीम ने अमर उजाला को बुलंदियों तक पहुंचाया। उन्हें संपादक रविंद्र श्रीवास्तव और उदय सिन्हा ने तहस नहस करने में कोई कसर नहीं छोडी।
अनिल शर्मा को केस जीतने पर बधाई । अब अमर उजाला प्रबंधन को भी संपादक रविन्द्र श्रीवास्तव और उदय कुमार पर भी कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने बिना किसी कसूर के अनिल शर्मा को वाहर का रास्ता दिखाया!