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सुख-दुख

कैसे कैसे लोग हाईकोर्ट में जज बना दिए जा रहे, इस न्यायाधीश ने बच्चे से ओरल सेक्स के आरोपी की सजा तीन साल घटा दी!

महेंद्र यादव-

कॉलेजियम की सिफारिश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसी साल जज बनाए गए अनिल कुमार ओझा ने बच्चों के साथ ओरल सेक्स को गंभीर अपराध नहीं माना है, और एक केस में अपराधी की सजा 3 साल घटा दी है।

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इस पर कई लोग आपत्ति कर रहे हैं, जबकि उन्हें शुक्र मनाना चाहिए था कि सामाजिक दबाव में ओझा ने बच्चों से ओरल सेक्स को कम गंभीर ही सही अपराध तो माना। जबकि उन्हें तो समझ में ही नहीं आ रहा था कि “बच्चे के साथ ओरल सेक्स करने में बच्चे या उसके परिजनों को आपत्ति क्यों है! ये सब तो शाखाओं में चलता ही रहता है। वहां तो कोई ऑब्जेक्शन नहीं करता। इसको ही क्यों आपत्ति हो गई!”

इसके पहले भी जज पुष्पा गनेडीवाला बता चुकी हैं कि कपड़े के ऊपर से लड़की के ब्रेस्ट दबाना यौन हमला नहीं है।

ओझा इसी साल मार्च में कॉलेजियम की कृपा से हाईकोर्ट के जज बने थे। 1 जुलाई 2022 तक रहेंगे। यानी बहुत कुछ नया होता रहेगा!

उधर, गनेडीवाला तो दनादन धमाल मचाए ही पड़ी हैं!

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पुष्पा जी तो यह भी फैसला दे चुकी हैं कि पॉक्सो ऐक्ट के तहत पांच साल की बच्ची के हाथ पकड़ना और ट्राउजर की जिप खोलना यौन अपराध नहीं है।

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