कल एक प्रोग्राम में उनके एक एंकर अशोक सिंघल ने मजमा ज़माने के लिये वह पूछ लिया जो सबके मन में है पर हर आदमी Avoid करना चाहता है क्योंकि सवाल के निशाने पर एक मंत्री तो है पर वह स्त्री भी है! नतीजे में पिटते पिटते बचे एंकर साहब और एंकर श्रेष्ठ कश्यप जी! इन्हीं महोदया ने चुनाव के ठीक पहले “आप” के आशीष खेतान को एक live कार्यक्रम में कहा था ” आपकी औक़ात क्या है ” पर खेतान ने सभ्य व्यक्ति की तरह मुस्कुराते हुए उन्हें टाल दिया था।
कश्यप संध्या बहसों में “आप” को बेइज़्ज़त करने और बीजेपी का पक्ष लेने के लिये सोशल मीडिया में बदनाम हैं । वे मोदी के साथ एक कैम्पेन चित्र में बीजेपी का झंडा फहराते हुए एक बालकनी में साथ खड़ी हुई फ़ोटो फ़्रेम में हैं जो सोशल मीडिया में आमफहम है। टीवी चैनल ” आप” की दैनिक फ़ज़ीहत का अभियान छेड़े हुए हैं पर इस बार उन्होंने एक कड़वा सवाल अपनी मेहबूब पार्टी की स्टार मंत्री से पूंछने की जुर्रत दिखाई और औक़ात बोध हो गया! इस टिप्पड़ी में यह बताने की कोशिश है कि आलोचना/निन्दा/पेड न्यूज़ के बावजूद आप” की प्रतिक्रिया और आलोचना पर बीजेपी की प्रतिक्रिया में क्या बुनियादी अन्तर है, यह नहीं कि आजतक ने कभी केजरीवाल की तारीफ़ नहीं की! इस टिप्पणी में यह बताने की कोशिश है कि आलोचना / निन्दा / पेड न्यूज़ के बावजूद ‘आपट’ की प्रतिक्रिया और सिर्फ कड़ा सवाल या हल्की-सी आलोचना पर बीजेपी वालों की प्रतिक्रिया में क्या बुनियादी अन्तर है।
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह के एफबी वाल से
Sharad Tripathi : आज ‘आजतक’ पर स्मृति की परीक्षा कार्यक्रम देखा। अच्छा लगा की स्मृति ईरानी ने दृढ़ता से जवाब दिए, तथा कार्यकुशलता दिखाते हुए विभिन्न मसलों को हल करने की दक्षता भी दिखाई। लेकिन अपने अजेंडे से लाचार आजतक का रिपोर्टर/एंकर फिसल ही गए। अशोक सिंघल ने पूछ लिया की मोदी ने (नोट करिये मोदी ने, मोदीजी नहीं) आपमें क्या देखा की इतनी कम उम्र में आपको शिक्षा मंत्री बना दिया! सुनने वाले मतलब समझ चुके थे। लेकिन स्मृति ने अशोक सिंघल को जो समझाया वो शायद उसको समझ आ गया था ये उसका चेहरा बता रहा था। ऐसी घिनोनी मानसिकता कभी बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए और तुरंत रिएक्शन देना चाहिए । जो स्मृति ने और पब्लिक ने दिया। स्मृति का जवाब बहुत कुछ कह गया जिसमे उन्होंने कहा की आप किसी पुरुष मंत्री से तो ऐसा सवाल नहीं पूछते! बड़ा दुःख तो इस अंजना ॐ कश्यप से रहा जो शांति से ऐसा बचकाना सवाल सुनती रही। बड़ी दोषी अंजना हैं! बाद में ट्वीट करके आप स्मृति को अहंकारी कह सकती हैं लेकिन आप तो घटिया लेवल की निकलीं। आजतक आज एक बार फिर शर्मसार हुआ। लेकिन ये तो क्रांतिकारी चैनल है न शर्म इसे आती नहीं।
मीडियाकर्मी शरद त्रिपाठी के फेसबुक वॉल से.
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pawan
June 2, 2015 at 1:21 pm
anjana om kashayp bjp nahi aam aadmi party ki ejent hai , ye baat poore desh ko pata hai