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सुख-दुख

लखनऊ में दलाल पत्रकारों की भीड़ के बीच अनूप गुप्ता होने का मतलब

Yashwant Singh : लखनऊ के जांबाज़ पत्रकार Anoop Gupta दिल्ली आये तो मुझे भी कुछ पल उनके साथ गुजारने का मौका मिला। अपनी मैगजीन ‘दृष्टांत’ के जरिये दलाल पत्रकारों, करप्ट मीडिया मालिकों और भ्रष्ट नौकरशाहों में खौफ का पर्याय बन चुका ये शख्स वर्तमान दौर में साहसी पत्रकारिता का प्रतीक है। करीब आधा दर्जन बार इन्हें मारने की कोशिशें हो चुकी हैं। दर्जनों मुकदमे झेल चुके हैं और यह क्रम जारी है।

Yashwant Singh : लखनऊ के जांबाज़ पत्रकार Anoop Gupta दिल्ली आये तो मुझे भी कुछ पल उनके साथ गुजारने का मौका मिला। अपनी मैगजीन ‘दृष्टांत’ के जरिये दलाल पत्रकारों, करप्ट मीडिया मालिकों और भ्रष्ट नौकरशाहों में खौफ का पर्याय बन चुका ये शख्स वर्तमान दौर में साहसी पत्रकारिता का प्रतीक है। करीब आधा दर्जन बार इन्हें मारने की कोशिशें हो चुकी हैं। दर्जनों मुकदमे झेल चुके हैं और यह क्रम जारी है।

कभी कोबरा पोस्ट में अनिरुद्ध बहल के साथ खोजी पत्रकारिता कर चुके अनूप आने वाले दिनों में अपना प्रोडक्शन हाउस खोलने से लेकर दिल्ली में ऑफिस बनाकर सरोकारी मीडिया कर्म के विस्तार की योजनायें बनाये हुवे हैं। कई स्पेशल स्टोरीज पर काम कर रहे अनूप अपनी मैगजीन के अगले अंकों में कई बड़े और तगड़े खुलासे करने वाले हैं। कईयों को नंगा करने वाले हैं। लखनऊ के पत्रकार जिन भ्रष्ट अफसरों की जी हुजूरी करके अपना पापी पेट पालते हैं, उन दैत्यकार किस्म के अफसरों को औकात दिखाने में अनूप ने देर नहीं लगाई। इस जुझारू पत्रकार को मेरा सलाम और शुभकामनाएं। अनूप भाई, आपके युद्ध में मेरा जब जैसा इस्तेमाल समझ आये, बेहिचक कर लेना। भड़ास टीम आपके साथ है। बजाते रहॊऒऒऒऒ …….

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भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. कुंवर समीर शाही

    December 26, 2014 at 6:26 am

    बहुत अच्छा प्रयाश

  2. Manohar Gaur

    December 27, 2014 at 4:08 pm

    Sachmuch Anup ji bahut achchha kam kar rahe hain. Hamara Salam….

  3. सुधी समाज

    December 28, 2014 at 12:14 pm

    अनूपजी का काम वास्तव में सराहनीय है, किन्तु लखनऊ में लोग इस बात की चर्चा अधिक करते सुने जाते हैं कि पिछले काफी दिनों से खुद इनका शाही खर्च किस स्रोत से चल रहा है? क्या इन्होंने कोई साइड बिजिनेस कर रखा है? इस पर भी रोशनी डाली जाती तो यह साक्षात्कार सचमुच विश्वसनीय होता !

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