Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

ये अंशकालिक संवाददाता तो मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई जीतने वाला है! आप कब जागेंगे?

देश भर के समाचार पत्रों में कार्यरत अंशकालिक संवाददाताओं के लिये अच्छी खबर है। समाचार पत्रों में समाचार भेजने के बदले नाम मात्र का भुगतान पाने वाले अंशकालिक संवाददाता भी मजीठिया वेज बोर्ड के तहत लाखों रुपये का बकाया भुगतान क्लेम कर सकते हैं और इसे पा भी सकते हैं। एक अंशकालिक संवाददाता अपने इसी हक की लड़ाई लड़ते हुए काफी आगे आ चुका है। मेरठ की एक श्रम न्यायालय ने इस अंशकालिक संवाददाता को समाचार पत्र का कर्मचारी मानते हुये जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने का आदेश दिया है। इस श्रम न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश को संज्ञान में लेते हुये यह आदेश सुनाया है।

ज्ञात हो कि मजीठिया वेज बोर्ड में यह पहले से ही प्रावधान है कि अंशकालिक संवाददाता भी वेज बोर्ड का लाभ लेने के हकदार हैं। पर इस प्रावधान की ज्यादा चर्चा नहीं हुई और जिन्हें पता चला उनने दावा ठोंकने की हिम्मत नहीं जुटाई। पर अब बात आगे बढ़ चुकी है। मेरठ के अंशकालिक संवाददाता संदीप नागर की लड़ाई पूरे देश के अखबारों के अंशकालिक संवाददाताओं के लिए नजीर है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिन्दुस्तान अखबार के मेरठ संस्करण के अंशकालिक संवाददाता संदीप नागर ने मजीठिया वेज बोर्ड के तहत अपना बकाया मांगते हुए श्रम न्यायालय में एक याचिका दायर की। इस याचिका पर काफी समय से सुनवाई चल रही है। श्रम न्यायालय ने अपने ताजा निर्णय में संदीप नागर को वेज बोर्ड का लाभ देने का फैसला सुनाया है। इस फैसले से देश भर के बाकी अंशकालिक संवाददाता भी मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ पाने के लिए पहल कर सकते हैं।

मेरठ के रहने वाले संदीप नागर हिन्दुस्तान समाचार पत्र में अंशकालिक संवाददाता थे। उन्होंने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के तहत अपना बकाया पाने के लिये श्रम विभाग में आवेदन किया। इस पर हिन्दुस्तान अखबार के प्रबंधन ने यह दावा किया कि संदीप नागर पेशे से एक अध्यापक हैं और वह श्रमिक की परिभाषा में नहीं आते हैं, इसलिए उन्हें वेज बोर्ड का लाभ नहीं मिल सकता। इस मामले को श्रम विभाग ने श्रम न्यायालय में भेज दिया। इसी बीच हिंदुस्तान प्रबंधन के लोग इलाहाबाद उच्च न्यायालय चले गए और दावा किया कि इस मामले को श्रमायुक्त मेरठ को श्रम न्यायालय में भेजने का अधिकार नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

संदीप नागर के एडवोकेट ने दावा किया कि शासन द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड के लिए मेरठ के उपश्रमायुक्त को अधिगृहित किया गया है और यह कारवाई वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा १७(२) के तहत सही व वैधानिक है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने निर्णय पारित किया कि श्रम न्यायालय मेरठ को वाद सुनने और निर्धारित करने का पूरा अधिकार प्राप्त है। इसके बाद श्रम न्यायालय मेरठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुये पाया कि वादी संदीप नागर का मुख्य व्यवसाय टीचिंग जरूर है पर वह हिन्दुस्तान प्रबंधन द्वारा दी गयी शर्तों के अनुसार समाचार पत्र प्रेषित करने और उसके बदले पांच हजार रुपये भुगतान पाते रहे हैं। इस बात का उल्लेख हिंदुस्तान प्रबंधन ने भी किया है।

श्रम न्यायालय ने कहा कि इससे स्पष्ट है श्रमिक और सेवायोजक के मध्य एक संबंध था व सेवायोजक द्वारा लिये गये कार्यों का भुगतान भी वादी को किया जाता है। श्रम न्यायालय ने सेवायोजक द्वारा उठायी गयी सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए फैसला श्रमिक के पक्ष में दिया। इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 23 जनवरी को रखी गयी है। यह आदेश पीठासीन अधिकारी श्रीराम सिंह ने दिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उम्मीद है कि अंशकालिक संवाददाता संदीप नागर के पक्ष में आये इस निर्णय से देश भर के समाचार पत्रों में कार्यरत अंशकालिक संवाददाता भी जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ पाने हेतु क्लेम करने के वास्ते साहस का संचार कर सकेंगे। वो कहा भी गया है- सोया सो खोया, जागा सो पाया, जीता वही दांव जिसने लगाया!

शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५

Advertisement. Scroll to continue reading.
2 Comments

2 Comments

  1. दीपक

    January 10, 2019 at 12:39 pm

    मैं दैनिक जागरण में ब्लाक रिपोर्टर पे काम करता हूँ। जागरण की तरफ से हमे कुछ भी नही दिया जाता। खबरों में संवादसूत्र- से खबरे छापी जाती है। ये क्या मामला है।

  2. अभिषेक पाठक

    August 22, 2020 at 8:47 am

    मेरा नाम अभिषेक पाठक है हमें भरपूर मात्रा में राशन नहीं मिल रहा है कोटेदार अंगूठा लगवा करके राशन कभी मिलता है और कभी नहीं मिलता हैं और कभी मिलता है कभी कम मात्रा में मिलता है मेरा घर मऊ जिला के दौलसेपुर गांव में है

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement