अविनाश पांडेय समर-
बधाई हो!
अर्नब गोस्वामी की लीक हुई चैट्स से पाकिस्तान को भरपूर फायदा हुआ है- उसके विदेश मंत्रालय ने बाकायदा बयान जारी कर पुलवामा हमला भारत के माथे मढ़ दिया है- भारत को आतंकवाद प्रायोजक बताया है!
बाकी अब दुनिया ये मान भी सकती है- अर्नब के चैट्स में झलकती ख़ुशी और फिर बालाकोट के पहले ही जानकारी सरकार गोदी मीडिया नेक्सस का भरपूर सबूत है!
वैसे इसमें लफ़्फ़ाज़ की भी भरपूर मदद है- याद है कैसे उसने बस चुनाव जीतने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से बलूचिस्तान का नाम लिया था? 2015 या 2016 में?
पाकिस्तान को तब भी भरपूर मदद मिली थी- दुनिया के सारे देश भूराजनैतिक विवादों में हर रास्ता अपनाते हैं- भारत भी कोई अपवाद नहीं है- हाँ, मानता कोई नहीं- पाकिस्तान तक आतंक फैलाने के आरोप झुठलाता रहता है!
भारत भी पाकिस्तान में आज से नहीं, दशकों से ये सब करता रहा है- आखिर आज वाले अजित जेम्स बांड डोवाल की पाकिस्तान में तैनाती कांग्रेस सरकारों ने ही की थी न? क्यों? लेकिन ये माना नहीं जाता- आतंकी हमलों की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन लेते हैं- देश नहीं!
पर लफ़्फ़ाज़ को चुनाव जीतना था- तो चढ़ गया दीवाल पर और लगा बलूचने!
परिणाम?
ये कि तब तक बलूचिस्तान की आज़ादी की लड़ाई अचानक भारत का षड्यंत्र बन गई! पाकिस्तानी सिविल सोसाइटी में जो लोग बलूच आंदोलनकारियों से सहानुभूति रखते थे उन्हें मुँह छिपाने की जगह न बची! बलूच आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तान सरकार और सेना को खुली वजह मिल गई! फिर जो कुचला तो आंदोलन अब मृतप्राय है!
और हाँ- लफ़्फ़ाज़ ने दुबारा कभी बलूचिस्तान का नाम न लिया! कभी नहीं!
अब आज वाला पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का बयान पढ़ें जिसकी सफाई देते घूम रहा है अर्नब पाकिस्तान का दलाल गोस्वामी!
पाकिस्तान का बयान यहाँ पढ़ें: