अगर अब भी तुम्हारे में दम है भाजपाइयों तो उठाओ उधर वालों को। प्रिंट , क्विंट , NDTV सबके पास उठाने भर का मसाला है। Pandora box is now open! Kick within a week!
उठाओ इनको अपने राज्यों में। तुम्हारे पास सत्ता नही है या नामर्द हो? भारत के इतिहास में कब किसी राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार का ऐसा हैरेसमेंट हुआ है? तुम ऐसे ही नामर्द बने रहोगे तो तुम्हारे लिए खड़ा कौन होगा? कैसे बनाओगे इकोसिस्टम फट्टूओ?
कौन लड़ेगा तुम्हारे लिए? या बस ट्विटर ट्रेंड चलाओगे वो भी सालों हम लोगो के भरोसे जिसे तुम कुछ नही समझते। तुम्हारा IT सेल हमारे टांझ के बाल के बराबर है , हम वो लोग हैं जो तुम्हे सोशल मीडिया पर जिंदा रखते हैं!
डूब मरो चुल्लू भर पानी में!
एक साधारण सा प्रश्न भाजपाइयों से पूछिए, इनके नेताओ से पूछिए। अगर अर्नव ने पालघर में संतों की निर्मम हत्या को सोनिया गाँधी से जोड़ कर प्रश्न किया और ये गुनाह है तो गुजरात दंगों में मोदी को जोड़ कर प्रश्न किसने किया? क्या वो भी गिरफ्तार होंगे क्योंकि मोदी के खिलाफ सबूत किसी न्यायालय में नहीं दिए जा सके कि वो सीधे इन्वॉल्व थे?
क्या अमित शाह को आये दिन क्रिमनल गुंडा कहने वाली ये जमात इसको प्रूफ कर पायेगी कोर्ट में?
क्या वो पत्रकार गिरफ्तार हुए? योगी जी को सांप्रदायिक मानने वाले ये लेफ्ट लिबरल पत्रकार क्या किसी एक दंगे में योगी जी के खिलाफ सबूत दे पाएंगे?
मोदी जी, अमित शाह जी, योगी जी, इन तीनो के खिलाफ प्रिंट, क्विंट, इंडिया टुडे ग्रुप और NDTV ने जो किया है, कोई भी मीडिया कंपनी और उसके ओनर सबूत दे सकेंगे कि वो किस आधार पर ऐसा कहते हैं?
क्या उन्हें 2014 के बाद कभी गिरफ़्तार किया गया? क्या सोनिया से उसका असली नाम पूछना गुनाह है?
अर्नव प्रो BJP है तो रविश क्या हैं? रविश कुमार तो कुत्ते मरने तक का आरोप मोदी पर डालते आये हैं, क्या इन्हें कभी पुलिस इंट्रोगेट करेगी?
सीधी बात है सोनिया गाँधी इसमें सीधे इन्वॉल्व हैं, मुंबई पुलिस की इतनी औकात नहीं है कि वो अर्नव का इन्टरगेशन करें। ऐसे तो कोई पत्रकार कुछ कह ही नहीं सकेगा क्योंकि उसे पहले कोर्ट जाना होगा।
राजनीति छोड़ भी दें तो भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ा हमला आज हुआ है, वो भी तब जब दिल्ली में नरेंद्र मोदी बैठे हैं।
आज भारत मे इटैलियन माफिया ने अपना असली रूप दिखाया है, वो बहुत अंदर पेनिट्रेट हो चुके हैं। ये इतने सेक्युलर हैं कि ये शिवेसना के साथ सरकार बना कर इतने बड़े मीडिया आर्गेनाईजेशन के मालिक को गिरफ्तार कर सकते हैं।
ज्ञात रहे, अर्नव केवल एक न्यूज एंकर नहीं है!
भारत में आज जो हुआ है ये होना शर्मनाक है और आगे जो होगा वो और भी अधिक विंध्वसकारी होगा.
साँप के बिल में हाँथ डाल के साँप नहीं पकड़ते, उसे बीन बजा के बाहर निकालना पड़ता है, सोनिया गाँधी इटली की हैं. बीन बजाना नहीं जानती, पर भारत सपेरों का देश है! हम अगर इनके सांपों को निकाल कर नाच न नचवा सके तो शर्म होगी कि इन्होंने कभी हमें संपेरों का देश कहा था!
शिवेंद्र शुक्ल राइट विंग के लोकप्रिय युवा फेसबुक लेखक हैं.
मूल ख़बर-
Ek Indian
April 27, 2020 at 11:16 pm
Achcha Gyan baghare ho mahashye.waise arnab ko kuchch nahi hoga ye sab dikhawti hai.Bjp ne abhi rassi me dhil de rakhi hai jab rassi wapas khichne lagegi to ……to……aaap khud sanjhdaar ho.
राहुल
April 28, 2020 at 1:16 pm
वाह आखिर सोनिया गांधी एक माफिया है जो मोदी के नाक के नीचे उनके पालतू आदमी की पर्सनली सुरक्षित मरवा सकती हैं अब ये ऐसे करने से पहले इस घटना को याद रखेगा ।
Bhavi menaria
April 28, 2020 at 1:55 pm
sir, gat do din se kai patrakar bahut khush he, unhe to is karan nind bhi nahi aa rahi hogi. arnab se jalne vaale sekdo patrakar he or agar koi or hota to ye patrkar ekta or abhivyakti ki aazadi ki baat karte hue toot padte. bade bade patrakar maante he apne aap ko ab kaha gai unity ki baate. aap dekh lo jaise hi mamla darj hua ye toot pade arnab par. koi poorane mamle bata raha to koi chugli kha raha. pani pee pee kar alochna kar rahe mujhe to nahi lagta ki ye log journalist he
ab agar koi kisi or ke liye kuchh bolega to or mukdame darj honge. samay fir badlega
Bhavi menaria
April 28, 2020 at 1:58 pm
arnab ne galat kiya to unhe saza milegi lekin kam se kam kuchh log khud hakam ban kar faisla to nahi sunaae. ab to kal koi kisi par tippani karega or turant mamla darj hoga