-हिमांशु शरण-
स्वयंघोषित ईमानदार पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह का हाल मीडिया जगत में दिखाई दे रहा है वो आने वाले दिनों के विनाश की तस्वीर पेश कर रहा है…वो विनाश जिसमें जनता के हक की बात नहीं होगी बल्कि जनता का हक मारने वालों से पैसे लेकर जनता को ही गलत ठहराया जाएगा जो अभी से शुरू हो चुका है…अगर यही हाल रहा तो रेप पीड़िता की खबर नहीं चलेगी बल्कि कहां से रेप पीड़िता के नाम पर चैनल को सूटकेस मिलेगा उसका गुणगान किया जाएगा…अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर वो ढोगी पत्रकार ईमानदारी का रोना रो रहे हैं जिनके रिश्वत लेते और ब्लैकमेल करते स्टिंग तक वायरल हुए हैं…आज वो ईमानदारी का पाठ रहे हैं…
जो खुद सवालों की लिस्ट पहले भेजकर नेताओं का पेड इंटरव्यू करते रहे हैं…उससे भी गजब बीजेपी का स्वरूप दिखता है जो अर्नब को देशभक्त और ईमानदार की संज्ञा दे रही है जबकि रिपब्लिक टीवी से पहले अर्नब योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी को चिल्ला चिल्लाकर गालियां देता था और उनको दिमागी तौर पर बीमार बोलता था…
अर्नब गोस्वामी मामले पर सुधीर चौधरी जैसे कथित ईमानदार पत्रकार ने भी आवाज उठाई जबकि सुधीर चौधरी पर खुद एक महिला शिक्षिका फर्जी सेक्स रैकेट चलाने के नाम पर बदनाम करने के मामले में कोर्ट के चक्कर काट चुके हैं…और सुधीर चौधरी फेक न्यूज के जनक माने जाते हैं…गजब की बात ये हैं एक ढोंगी दूसरे ढोंगी के लिए रो रहा है…अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में हुई…
अर्नब ने जिस शख्स से अपना स्टूडियो बनवाया था उसका पैसा नहीं दिया और डिप्रेशन में उस शख्स ने सुशाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली…अर्नब पर कई आरोप लगाए लेकिन तत्कालीन महाराष्ट्र की देवेद्र फणनवीस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की…मामला बंद हो गए अब फिर से उस मामले की फाइल को ओपन किया गया तो बवाल मचने लगा…
बवाल भी वही ढोंगी मचा रहे हैं जो खुद उगाही के मामले में तिहाड़ जेल में रहकर आए हैं…जिनके ऊपर फर्जी स्टिंग करने के मामले कोर्ट में सच साबित हुए और उनकी वजह से चैनल भी बंद हो गए…लेकिन टीवी पर रोज खड़े होकर देश के लोगों को बरगलाने का काम ये मीडिया के दुश्मन कर रहे हैं और मीडिया के लोग इनकी सच्चाई पर बोलने की बजाय अपनी नौकरी बचाने के लिए इन जैसे मदारियों का समर्थन कर रहे हैं…
अगर यही हाल रहा तो फिर देश के असल मुद्दे बहस का हिस्सा नहीं होंगे…खुद अपनी अपनी करतूतों और अपनी अपनी पसंदीदा पार्टी को सही गलत साबित करने का काम मीडिया चैनल करते दिखाई देंगे…जो अर्नब के लिए आंसू बहा रहे हैं ये वही पत्रकार हैं जो अपने चैनल में महिलाओं पर होने वाले शोषण के किस्से चुटकी लेकर सुनते हैं और उनपर चूं तक नहीं करते ऐसे में महिला वर्कर नौकरी छोड़ देती है या किस्मत का लिखा मानकर सब बर्दाश्त करते हुए काम करती रहती है…और ऐसे कई उदाहरण देखने को भी मिलते हैं…
अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाने वाली बीजेपी का ढोंग तो इतना जबरदस्त है कि यूपी में खबर लिखने पर पत्रकारों पर FIR होती है, उत्तराखंड में पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाता है और पुण्य प्रसून वाजपेई, अभिसार जैसे पत्रकारों के करियर तबाह कर दिए जाते हैं और सब बीजेपी के कहने पर होता तब लोकतंत्र शायद मजबूत हो रहा होता हैं…लेकिन एक ढोंगी पत्रकार जो कल तक बीजेपी को गालियां दे रहा था, मोदी और योगी को पागलखाने भेजने की बात करता था, आज उसकी गिरफ्तारी पर विलाप किया जा रहा है…
Himanshu Sharan
TV Journalist
विजय श्रीवस्तवा
November 6, 2020 at 6:08 pm
तमीज हो तो वो भी सुनो जो सुप्रिम कोर्ट ने कहा।सत्य बोलो खिसियानी बिल्ली की तरह खम्भा मत ओछो, नही तो भड़ास के सहारे अपनी भड़ास निकालो।
प्रश्न-अर्णव को पुलिस इतनी बड़ी फ़ोर्स के साथ गिरफ्तार करने काहे गई?
उत्तर- इतनी बड़ी फ़ोर्स लेके ना जाते तो पब्लिक वही कूट डालती।