जयपुुर : राज्य में श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्रों के कर्मचारियों के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड की सिफारिशों के क्रियान्वयन एवं वस्तुस्थिति की जानकारी के लिए एक जुलाई से जन सुनवाई कार्यक्रम चलाया जायेगा।
अतिरिक्त श्रम आयुक्त श्री सी.बी.एस. राठौड़ ने बताया कि श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्तें) और प्रकीर्ण अधिनियम के तहत नियुक्त निरीक्षकों द्वारा विशेष अभियान एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जायेगा जिसके तहत प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटा जन सुनवाई की जायेगी।
उन्होंंने बताया कि जन सुनवाई के दौरान निरीक्षकों के समक्ष उपस्थित श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारियों को उनके नियोजक द्वारा मजीठिया वेजबोर्ड अवार्ड की सिफारिशों के अनुसार देय राशि प्राप्त हो गई है अथवा नहीं इसकी वास्तविक स्थिति का आकलन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
निरीक्षकों द्वारा इस रिपोर्ट के आधार पर श्रम आयुक्त, राजस्थान के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्र कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत सूचना को उनके नियोजकों को भेजकर इस संबंध में उनके विचार भी प्राप्त किये जायेंगे और दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत सूचनाओं के आधार पर निरीक्षकों द्वारा रिपोर्ट तैयार कर श्रम आयुक्त को प्रस्तुत की जायेगी।
श्री राठौड़ ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की अनुपालना में प्रत्येक जिले के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। अधिनियम की धारा 17(1) के प्रयोजनार्थ श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी की नियोजक द्वारा देय राशि नियोजक से वसूली करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।
समाचार अंग्रेजी में पढ़ें –
Rajsthan : The labour commission will hold a ‘jansunwai’ for working journalists and non-journalists of newspaper industry from July 1 to 31 in Rajasthan, in order to review the implementation of Majithia wage board’s recommendation in the state.
The public hearing would be held every day for one hour (working days) from July 1 to 31 for journalists and non-journalists of newspaper industry, Additional Labour Commissioner C B S Rathore was quoted as saying in an official release.
Labour department’s inspector would interact with the media persons and prepare a report for submission to the Central Labour Commission to gauge whether the Majithia wage recommendations were implemented or not, and if implemented what was the line of action by the industry, it said.
Employers’ views would also be sought so that both sides of employees and employers be assessed, Rathore said.
In compliance with the Supreme Court’s order, the labour inspectors were appointed in every district of Rajasthan, he said.