Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

यादव सिंह प्रकरण : यूपी में ‘ठाकुर’ और ‘सिंह’ दहाड़ रहे, मीडिया समेत बाकी बने घुग्घू,!

लखनऊ (उ.प्र.) : आईपीएस अमिताभ ठाकुर हों या आईएएस सूर्य प्रताप सिंह, इन दोनो जुझारू वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों ने उत्तर प्रदेश में वो कर दिखाया है, जो उम्मीद मीडिया और राजनीतिक विपक्ष से, कथित ईमानदार संगठनों से, जुझारू लेखकों और पत्रकारों से की जानी चाहिए थी। उनके साथ साथ इन वर्गों के लोग हैं जरूर, लेकिन पीछे-पीछे, चुप-चुप। उनमें न उतना साहस दिख रहा है, न उतनी इच्छा शक्ति कि वे सत्ता के कोप का सामना कर सकें। मीडिया तो अपनी गंदी आदत के अनुसार हर उसके साथ हो ले रहा है, जो उसे विज्ञापन दे दे। ये कैसी नीचता की पराकाष्ठा है। सीबीआई के शिकंजे में फंसे यादव सिंह प्रकरण में इन सबकी भूमिका ने उनके चेहरे से पर्दा हटा दिया है। खुल्लमखुल्ला ललकार रहे, दहाड़ रहे हैं तो सिर्फ ठाकुर और सिंह…

लखनऊ (उ.प्र.) : आईपीएस अमिताभ ठाकुर हों या आईएएस सूर्य प्रताप सिंह, इन दोनो जुझारू वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों ने उत्तर प्रदेश में वो कर दिखाया है, जो उम्मीद मीडिया और राजनीतिक विपक्ष से, कथित ईमानदार संगठनों से, जुझारू लेखकों और पत्रकारों से की जानी चाहिए थी। उनके साथ साथ इन वर्गों के लोग हैं जरूर, लेकिन पीछे-पीछे, चुप-चुप। उनमें न उतना साहस दिख रहा है, न उतनी इच्छा शक्ति कि वे सत्ता के कोप का सामना कर सकें। मीडिया तो अपनी गंदी आदत के अनुसार हर उसके साथ हो ले रहा है, जो उसे विज्ञापन दे दे। ये कैसी नीचता की पराकाष्ठा है। सीबीआई के शिकंजे में फंसे यादव सिंह प्रकरण में इन सबकी भूमिका ने उनके चेहरे से पर्दा हटा दिया है। खुल्लमखुल्ला ललकार रहे, दहाड़ रहे हैं तो सिर्फ ठाकुर और सिंह…

आईपीएस अमिताभ ठाकुर लिखते हैं – ”मैं चाहता हूँ, मेरी पूरी जांच हो ताकि मेरी सच्चाई सामने आ सके। मैं यह भी चाहता हूँ, यादव सिंह और गायत्री प्रजापति की पूरी जांच हो ताकि बड़े-बड़े रसूखदारों की सच्चाई सामने आ सके। यदि मैंने गलत किया, मुझे न बख्शा जाए। यदि इन सत्ताधारी नकाबपोशों ने गलत किया तो उन्हें न बख्शा जाए। मैंने अपनी निजी हैसियत से प्रदेश सरकार को पत्र भेज कर यादव सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी का खुले तौर पर विरोध किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर की पीआईएल में 16 जुलाई 2015 को मामले के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार से कहीं बहुत आगे बढ़ कर राज्य सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण में भ्रष्टाचार का उदाहरण मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए, जिस पर कार्यवाही भी शुरू हो गयी। इसके बाद सरकार ने तकनीकी पहलुओं पर मात्र सीबीआई जाँच रोकने की याचिका दी, जिसमे बड़े-बड़े अधिवक्ताओं पर लाखों रुपये खर्च होंगे, जो राजकोष का अपव्यय है। तत्काल इस प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। साथ ही निकट भविष्य में इस गैर-जरुरी याचिका में हुए अपव्यय के लिए उत्तरदायित्व नियत करने के लिए कोर्ट जाना होगा।”

Advertisement. Scroll to continue reading.

गौरव पांडेय अपने एफबी वाल पर लिखते हैं – ”जिस यादव सिंह के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश देते हुए टिप्पणी की थी कि इस व्यक्ति ने व्यवस्था और सरकार को अपना दास बना लिया है, उसी यादव सिंह को सीबीआई से बचाने के लिए यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। हाईकोर्ट का कथन सच साबित हुआ, नहीं तो कोई भी सरकार इतनी गंभीर टिप्पणी के बाद शायद ही किसी व्यक्ति विशेष की पैरवी करती। इसके बाद तो सब कुछ साफ हो जाता है कि सरकार और यादव सिंह के नापाक रिश्ते कितने घनिष्ठ हैं। तो जांच की जरूरत ही क्या, जब यादव सिंह ही सरकार हैं !”

यादव सिंह प्रकरण पर ही प्रकाश सिंह अपने एफबी वाल पर लिखते हैं – ” युवा सपाई दिन-रात अखिलेश भैया करते-करते थक नहीं रहे, उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए गांव-गांव साइकिल चला रहे, वही अखिलेश सरकार प्रदेश के महाभ्रष्ट अधिकारियों में टॉप पर बताये जा रहे यादव सिंह को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची है। अखिलेश सरकार को हाईकोर्ट द्वारा यादव सिंह की करायी जा रही सीबीआई जांच चुभ रही है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर अखिलेश सरकार यादव सिंह की सीबीआई जांच क्यों नहीं चाहती है, जिसके पास से इतना कालाधन मिला हो, उसे बचाने वाली सरकार ईमानदार कैसे हो सकती है, उसके हाथों में प्रदेश सुरक्षित कैसे हो सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

”आज देश में जब बहुत से जरूरतमंदों को सीबीआई जांच नसीब नहीं हो पा रही है, वैसे में जब यादव सिंह की जांच हो रही है तो उसमें अड़ंगा क्यों डाला जा रहा है। इससे तो फिर उत्तर प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों व नेताओं का मनोबल सातवें आसमान पर चला जाएगा। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी बसपा भी यादव सिंह मामले में मौन धारण किये बैठी है।” 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement