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छात्र के करियर से खिलवाड़ करने वाले राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी और आर्यभट्ट इंजीनियरिंग कॉलेज को हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया

राजस्थान हाइकोर्ट की जयपुर पीठ ने छात्र के भविष्य से खिलवाड़ करने पर राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा और आर्यभट्ट इंजीनियरिंग कॉलेज चाचियावास अजमेर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। छात्र गिरीश मीणा के जीवन से कॉलेज और यूनिवर्सटी ने किया खिलवाड़। माननीय उच्च न्यायलय ने प्रथम दृष्टया कॉलेज व यूनिवर्सिटी की लापरवाही मानते हुए दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर कोर्ट 29 जुलाई 2015 को हाईकोर्ट जयपुर में तलब किया।

राजस्थान हाइकोर्ट की जयपुर पीठ ने छात्र के भविष्य से खिलवाड़ करने पर राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा और आर्यभट्ट इंजीनियरिंग कॉलेज चाचियावास अजमेर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। छात्र गिरीश मीणा के जीवन से कॉलेज और यूनिवर्सटी ने किया खिलवाड़। माननीय उच्च न्यायलय ने प्रथम दृष्टया कॉलेज व यूनिवर्सिटी की लापरवाही मानते हुए दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर कोर्ट 29 जुलाई 2015 को हाईकोर्ट जयपुर में तलब किया।

 

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गिरीश मीणा पुत्र श्री जीवतराम मीणा, अजमेर ने वर्ष 2010 में आर्यभट इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर में बी-टेक इलेक्ट्रिकल में दाखिला लिया था। गिरीश मीणा ने 2012 में चतुर्थ सेमेस्टर के विषय इलेक्ट्रो मेग्नेटिक फील्ड की लिखित परीक्षा दी थी। लेकिन परीक्षा में कॉलेज ने लापरवाही करते हुए छात्र के सेशनल मार्क्स नहीं भेजे और छात्र की परीक्षा में अनुपस्थिति दिखाई। जबकि सेशनल मार्क्स की परीक्षा गिरीश मीणा ने उसी वर्ष कॉलेज में दी थी। साथ ही उसी वर्ष इसी पेपर के लिखित परीक्षा में छात्र गिरीश मीणा के 25 नंबर भी आये। वर्ष 2012 में गिरीश मीणा ने सेशनल और लिखित दोनों पेपर दिए थे लेकिन गिरीश मीणा को लिखित में पास कर सेशनल में अनुपस्थित कर फ़ैल घोषित कर दिया गया।

वर्ष 2013 में छात्र गिरीश मीणा के इसी पेपर के जो उसने वर्ष 2012 में दिया था उसके सेशनल परीक्षा के नंबर कॉलेज ने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा को नही भेजे। वही छात्र गिरीश मीणा के आर्यभट कॉलेज ने वर्ष 2014 में जिस सेशनल परीक्षा में गिरीश मीणा को 2012 में अपसेन्ट दिखाया था, उसके नंबर यूनिवर्सिटी को वर्ष 2014 में 18 नंबर के साथ भेज दिए। लेकिन फिर से यूनिवर्सिटी ने इसी पेपर के लिखित परीक्षा में छात्र को फ़ैल घोषित कर दिया।जबकि लिखित परीक्षा में छात्र के 2012 में 25 नंबर आये थे।

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छात्र गिरीश मीणा के 2012 में सेशनल नंबर 16 थे तथा लिखित परीक्षा में 25 थे। दोनों नंबरो को जोड़कर छात्र गिरीश मीणा के 41 नंबर हो गए और छात्र उक्त परीक्षा में इन नंबरो के आधार पर पास हो गया। कॉलेज कहता है कि उन्होंने सेशनल मार्क्स यूनिवर्सिटी को भेज दिए और यूनिवर्सटी कहती है कि सेशनल मार्क्स हमे प्राप्त नही हुए। लेकिन विश्व विधालय व् कॉलेज की धांधली के कारण आज तक छात्र को बेवजह हैरान व् परेशान होना पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज से परेशान छात्र मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त चल रहा है।

वहीं कॉलेज ने छात्र को पत्र जारी कर 2013 में सूचित किया है कि कॉलेज ने यूनिवर्सिटी को सेशनल मार्क्स भेज दिए है। जिसकी कॉपी भी गिरीश मीणा के पास है। विश्वविद्यालय व कॉलेज से हैरान और परेशान होने के पश्चात गिरीश मीणा ने हाईकोर्ट वकील कपिल माथुर के जरिये हाईकोर्ट जयपुर  याचिका दायर की। जिसमे माननीय उच्च न्यायलय ने प्रथम दृष्टया कॉलेज व् यूनिवर्सिटी की लापरवाही मानते हुए दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर 29 जुलाई 2015 को हाई कोर्ट जयपुर में दोनों को तलब किया है। यूनिवर्सिटी व् कॉलेज की इस बड़ी लापरवाही के कारण छात्र गिरीश मीणा का जीवन अंधकारमाय हो गया है।  आर्यभट इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर के पीड़ित इंजीनियरिंग स्टूडेंट गिरीश मीणा का मोबाइल नंबर 07688866516 है।

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0 Comments

  1. ramsingh

    July 28, 2015 at 6:26 am

    Rajasthan technical university kota is the corrupt university respected court should take strict action. one day I had also contact R.T.U. kota one examination section person attend the call when i asked about the examination result date that fellow shouted with high voice and stopping the marks main habit. bravery label is very high . people who r working in kota unit are very corrupt and uneducated persons.

  2. raghu

    July 29, 2015 at 6:14 am

    राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा मैं भ्रष्टाचार चरम पर है यहाँ काम करने वाले कर्मचारी इतने भृष्ट है की अगर एक एक कर छानबीन के जाय तो यह यूनिवर्सिटी रिश्वत खोरी का एक बहुत बड़ा अड्डा निकलेगा। अभी जब मैं बी.tech प्रथम सत्र के परिणाम के बारे मैं पूंछा तो वह कार्य करने वाले के महाशय जे जिस बत्त्तमीजी के साथ जबाब दिया और फ़ोन काट दिया। उन सज्जन के वर्ताव से लग रहा था वे सज्जन मीणा जाति के थे अब जब आरक्षण के आधार पर इन अकाल से पैदल लोगो को इस तरह के संस्थानी मैं नौकरी दे जायगे तो ये अपनी औखात तो दिखायेगे ही
    अब बात करे प्रशाशन की तो इस पुरे खेल मैं निजी संस्थान भी पुरे जिमेदार हमारे सामने एक उद्धरण हैं महर्षि अरविन्द कोटा का ही यहाँ प्रशाशन 60 वर्ष के चलने बोलने मैं असमर्थ रिटायर्ड व्यक्ति को अपने यास पढाने के लिए नियुक्त किया था जोकि स्टूडेंट्स को धमकी देते थे की मैं जो पढ़ा रहा हौं वही सही बरना तुम्हे बैक लागवडुंगा
    मेरा ऐसा मन्ना हैं की सम्माननीय न्यायालय को इनके खिलाफ कठोर कदम उठाना चाहिए बरना ये लोग अपने दुकाने भरते रहेंगे और स्टूडेंट्स का भविष्य अंधकार मैं चलाएगा।
    साथ ही कोटा शहर के दो प्रमुख समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका अवं भास्कर को भी इन चोरो के खिलाफ अभियान चलना चाहये परन्तु पता नहीं क्योें ये लोग भी एक समाचार प्रकाशित नहीं करे रहे वैसे ये लोग भी देश के सबसे बड़े चोर भृष्ट क्योंकि इन लोगोे ने भी तो अपने कर्मचारियों के साथ अन्याय का अलाम मचा रखा जबकि इनके मालक सबसे बड़ा गद्दार चोर भृष्ट दरवाज रांडवज हैं जब मेड्या हे भृष्ट होगा तो समाज इअं अगर इस तरह के नज़ारे हो तो कोई बड़ी बात नहीं है

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