पुलिसिया गुंडई के शिकार गाजीपुर के सोशल एक्टिविस्ट और फिजियोथिरेपिस्ट डा. अविनाश सिंह गौतम
पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में डा. अविनाश सिंह गौतम बतौर फिजियोथिरेपिस्ट कार्यरत हैं. डाक्टर साहब सोशल एक्टिविस्ट भी हैं, इसलिए वह जनसरोकार के मुद्दों पर सक्रिय रहते हैं. अन्याय और जुल्म के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के मोर्चा में शामिल रहते हैं. पिछले दिनों शहर के सीओ कमल किशोर ने अपने गर्दन के दर्द और स्पेंडलाइटिस के इलाज के लिए डाक्टर अविनाश सिंह गौतम से संपर्क किया. डाक्टर साहब ने उनके गर्दन की मसाज के साथ-साथ उचित दवा और निर्देश दिया. सीओ साहब को गर्दन के मसाज से इस कदर राहत मिली कि वह डाक्टर अविनाश सिंह गौतम को गाहे बगाहे फिजियोथिरेपी और गर्दन के मसाज के लिए बुलाने लगे.
डाक्टर साहब ने शुरू में तो इसे मरीज को राहत मिलने का मामला मानकर उनकी इच्छा अनुसार फिजियोथिरेपी और गर्दन मसाज करते रहे. लेकिन जब सीओ साहब अपनी पुलिसिया अकड़ में डाक्टर के दिए गए टाइम पर क्लीनिक में आकर मसाज कराने की जगह अपनी सुविधानुसार रात-बिरात बुलाने लगे तो डाक्टर साहब ने मना कर दिया. सीओ से डाक्टर ने कहा कि वह क्लीनिक के टाइम पर आएं और इलाज कराएं. लेकिन सीओ साहब हड़काने लगे कि मेरी सुविधा के हिसाब से मेरे आवास पर आओ और इलाज करो. डाक्टर ने इस धमकी को अस्वीकार कर दिया. सीओ अपने गनर और सिपाहियों से फोन कराने लगा कि सीओ साहब बुला रहे हैं. डाक्टर ने फोन उठाना बंद कर दिया. इसके बाद सीओ कमल किशोर का पारा गरम हो गया.
सीओ साहब ने ऐलान कर दिया कि वह डाक्टर को सबक सिखाएंगे. बस, क्या था. एक रोज आधी रात दल बल के साथ डाक्टर अविनाश सिंह गौतम के घर छापा मार दिया. डाक्टर को खींचकर गाड़ी में लादकर कोतवाली ले जाया गया. पूरे घर में सीओ ने तांडव किया और महिलाओं को गंदी गंदी गालियां दी. बिना महिला पुलिस लिए सीओ ने आधी रात एक सम्मानित डाक्टर के घर में घुसकर जो तांडव किया, उससे पूरे मोहल्ले के लोग जग गए. मोहल्ले वालों ने पुलिस के इस बर्ताव और दबंगई का विरोध किया तो पुलिस वाले खिसकने लगे. कोतवाली ले जाए गए डाक्टर अविनाश सिंह गौतम से सीओ कमल किशोर ने मारपीट की. उनके साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया गया. बाद में जब शहर के गणमान्य लोग कोतवाली पहुंचने लगे और सीओ के इस घटिया बर्ताव की निंदा करने लगे तो पुलिस बैकफुट पर आई. सीओ, एसओजी इंचार्ज समेत जितने भी पुलिस वाले थे सब दारू पिए हुए थे. दारू के नशे में सीओ सिटी कमल किशोर और अन्य पुलिस वालों ने गाजीपुर शहर के एक सम्मानित डाक्टर को सबक सिखाने के लिए जो नंगा नाच किया, उसकी जानकारी सुबह जब शहर के समाजसेवियों और गणमान्य लोगों को मिली तो हर तरफ पुलिस की थू थू होने लगी.
डाक्टर Avinash Singh Gautam ने इस बारे में खुद फेसबुक पर लिखा है: ”जनपद के चंद पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मुझे व मेरे परिवार को जान का खतरा है. इसके चलते मुझे व परिवार के लोगों को किसी भी फर्जी मुकदमे में फंसाया जा सकता है और हम लोगों के साथ कभी भी किसी भी वक्त कोई भी अप्रिय घटना घट सकती हैं. इसकी पूरी लिखित शिकायत मैंने कल रात्रि में अपर पुलिस अधीक्षक गाजीपुर को दे दी है. हाल फिलहाल कोई भी घटना या दुर्घटना यदि हम लोगों के साथ होती हैं तो उसकी पूरी जिम्मेदारी मेरे द्वारा दिये गये प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद पुलिस अधिकारियों की होगी. पुलिस वालों के अमानवीय व्यवहार के सम्बंध में विस्तृत लेख शाम को आप तक साक्ष्य के साथ संप्रेषित करूँगा.”
गाजीपुर के समाजसेवी Umesh Srivastava इस घटना के बाद फेसबुक पर लिखते हैं: ”पुलिस वालों से सावधान, रात को किसी भी समय co city ghazipur किसी के घर छापा मार सकते हैं. अगर आप इनका सेवा / इलॉज नहीं करेंगे तो मुकदमों का धौंस देकर जबरन कराएंगे इलाज. इसलिए सभी लोग रहें सावधान.”
डाक्टर अविनाश के साथ सीओ सिटी कमल किशोर के बेहूदा हरकत की जब चहुंओर निंदा होने लगी तो अब सीओ सिटी कमल किशोर यह सफाई देते फिर रहा है कि डाक्टर अविनाश के घर किसी अपराधी के रुकने की सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस दल वहां पहुंचा. लेकिन सूचना गलत निकली. सीओ सिटी कमल के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि आधी रात को एक सम्मानित डाक्टर को जबरन गाड़ी में ठूंस कर कोतवाली ले जाने का मकसद क्या था और डाक्टर से मारपीट क्यों की गई. कहने वालों का कहना है कि यूपी में जंगलराज का जो आलम है उसमें पुलिस वाले बेलगाम है और वह खुद को खुदा से कम नहीं समझ रहे हैं. इन्हीं करतूत और हरकत के कारण आने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की साइकिल पंक्चर होने की पूरी संभावना है.
गाजीपुर से भड़ास के विशेष संवाददाता सुजीत कुमार सिंह प्रिंस की रिपोर्ट. संपर्क: 09451677071
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Ravi Kumar
July 27, 2015 at 6:42 pm
हम भी पुछ लिये बोले आफ़ीस में आ के हमसे बात किजिये कल अच्छे समझायेंगे.