Yashwant Singh : हफ्ते भर बाद जब दिल्ली पहुंचा हूं तो पता चला है कि यहां ग्रेटर नोएडा इलाके में एक सेक्स रैकेट चर्चा में है जिसमें सिर्फ दो ही नहीं बल्कि कई पत्रकार भाई लोग शामिल हैं लेकिन इनका नाम कोई नहीं खोल रहा है. अखबार वाले भी सिर्फ दो पत्रकार शब्द लिख रहे हैं और टीवी वाले तो खैर बिरादराना एकता के कारण सेक्स रैकेट में शामिल टीवी पत्रकारों व चैनलों का नाम खोलने से रहे. ऐसे में सदा की तरह दायित्व भड़ास का.
एफआईआर की कापी में साफ साफ दोनों पत्रकारों का नाम लिखा है. एक इंडिया टीवी का है. दूसरा समाचार प्लस से जुड़ा रहा है. अब किसी को मिर्ची लगे तो लगे. क्या किया जा सकता है. उगाही और दलाली में दिन-रात लिप्त मीडिया मालिकों को आजकल तलाश भी ऐसे ही लोगों की रहती है जो उन्हें बेशुमार धन से लेकर खूबसूरत तन तक मुहैया कराने का माद्दा रखते हों. जय हो MSM यानि मेन स्ट्रीम मीडिया की. बाकी बुरा तो ये सोशल मीडिया, न्यू मीडिया और वेब ब्लाग वाले हैं न. तभी तो आपमें से कई कहते हैं- ”यशवंतवा तो बहुतै बुरा है भाई!”.
हां सर. आपके महान धंधे की पोल खोलने वाला भला अच्छा कैसे हो सकता है. आप ठहरे MSM. यानि मेन स्ट्रीम मीडिया वाले. आप ठहरे शासन-प्रशासन की पूंछ. आप ठहरे उगाही करने वालों के सरदार. आप ठहरे कोठाबाजी के संरक्षक. आप ठहरे भ्रष्ट नेताओं की लंगोट. ऐसे में आप के अंदर अहंकार तो आएगा ही कि भला कोई हम पर उंगली कैसे उठा सकता है, क्योंकि आपके पास तो सब चीज का ठेका है, खेल से लेकर शासन तक, देह से लेकर धन तक. आप बहुत जल्दी पलटवार करते हैं और बहुत तेज करते हैं, साथ ही बहुतों को आदेशित कर कराते हैं, क्योंकि आप को जो बवासीर है, उससे बड़ा आपका अहंकार है. तो हम नीच टाइप न्यू मीडिया वाले, सोशल मीडिया वाले, वेब-ब्लाग वाले जरूर आपके कोप के शिकार होने के पात्र हैं, क्योंकि हम सब बहुतै गिरे टाइप कुकृत्य करते हुए आपके शांत संगठित गिरोहबाजी के इलाके के बारे में भुन्न-भुन्न करते हुए अचानक हुआं हुआं करने लगते हैं जिससेे आपकी मसाज जनित रेशमी नींद स्खलित हो जाती है और आप चिंचियाते हुए चिड़चिड़ा जाते हैं, तदोपरांत कुकुरभौंभौं करने के लिए तत्पर हो जाते हैं. और तब्बे आप जो मिले उससे कहते फिरते हैं: ”यशवंतवा तो बहुते नीच है भाई!”. 🙂
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Bhadas4media : ये नया दौर है… रंडियों की दलाली और पत्रकारिता का कारोबार, दोनों काम अब साथ-साथ करते हैं हमारे होनहार… ये मल्टी टास्किंग का दौर है… खबर दबाने से लेकर सेक्स रैकेट को सुरक्षा दिलाने तक काम काम करते हैं हमारे पत्रकार… ग्रेटर नोएडा सेक्स रैकेट में किन दो न्यूज चैनलों से जुड़े रहे टीवी पत्रकार शामिल पाए गए, उनके बारे में जानिए.
पूरा मामला इस लिंक पर है: http://goo.gl/3ZXEF4 (ग्रेनो सेक्स रैकेट में समाचार प्लस और इंडिया टीवी से जुड़े रहे पत्रकार रमन ठाकुर और गौरव गौड़ भी शामिल, एफआईआर दर्ज)
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल और भड़ास4मीडिया के फेसबुक पेज से संकलित.
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ग्रेनो सेक्स रैकेट में समाचार प्लस और इंडिया टीवी से जुड़े रहे पत्रकार भी शामिल, एफआईआर दर्ज
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Ak
July 22, 2015 at 8:29 am
जब रंडियों को साथ लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के दरबार में मत्था टेकने के लिए दलाल पत्रकार जाएंगे तो उनके सड़कछाप सुपारी रिपोर्टर भी तो यही करेंगे। फेसबुक पर सुंदर लड़कियों को देख कर नौकरी देने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। यूपी के एक रीजनल चैनल का ड्रामेबाज मालिक एंकर बनाने के नाम पर लगातार शोषण करता रहता है और पीड़ितों का पैसों से मुंह बंद करवाना इसे अच्छी तरह से आता है। सेकेन्ड हैंड लक्सरी कारों का रंगरोगन करवा कर ये माफिया खुद को स्टिंग किंग कहलवाता है। ये दलाल बालीवुड की गुजरे जमाने की अभिनेत्रियों को यहां वहां ले जा कर यही छवि बना चुका है। दूसरे पत्रकारों से भी भ्रष्ट नेता और अफसर अब कहने लगे हैं कि माल लाओ माल। बताइए ऐसे में पत्रकार कैसे ईमानदार रह पाएगा। यशवंत जी आप कुछ ईलाज करिए।
himanshu
July 23, 2015 at 9:25 am
सर बिना पूरी जांच हुए किसी पर भी अगुली उठाना गलत बात है जो वीडियो वायरल हुआ है उसे मैने भी देखा सुना है उस वीडियों में साफ साफ पता चल रहा हैं कि पत्रकार बार बार दलालों से सवाल पुछकर किसी का नाम बुलवाने की कोशिश कर रहे हैं और पूरे वीडियो में दलालों ने यह कही भी नहीं कबुला कि जिन दो पत्रकारों का नाम इस मामले में उछाला जा रहा है वो दोनों पत्रकार किसी भी तरह का कोई भी सरक्षण इस रेकेट चलााने वालों को देते थे। मुझे तो इसमें किसी की सोची समझी साजिश लगती है जो की उनहे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।