वाराणसी। ‘इस समय आदमी के लिए सबसे बड़ा अपराध है, निरपराध होना, जो निरपराध होंगे मारे जायेंगे?’ सोचने पर विवश करने वाली कविता के इन पंक्तियों के साथ शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह के हत्या के विरोध में मंगलवार की शाम शहर के पत्रकारों, रंगकर्मियों, अध्यापकों, बुद्धिजीवियों ने संयुक्त रूप से दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क से लहुराबीर स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क तक ‘वक्त नहीं चुप रहने का’ विरोध मार्च निकाल कर हस्ताक्षर अभियान चलाया।
साथ ही हत्या आरोपी सूबे में सत्तानशीं समाजवादी सरकार के राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा की गिरफतारी की मांग के साथ ही शाहजंहापुर में न्याय के लिए अनशन पर बैठे मृतक पत्रकार के परिजनों का समर्थन किया। कहा कि बदलते परिवेश में समाज में ऐसी ताकतें तेजी से आपस में गठजोड़ कर सक्रिय होती जा रही है, जिनका चरित्र मूल रूप से मनुष्य विरोधी है। अफसोस की बात तो यह है कि ऐसी ताकतों को सत्ता कही न कही से आक्सीजन देकर मजबूत कर रही है। चूंकि ऐसी ताकतों के खिलाफ पत्रकारों, लेखकों की लेखनी मजबूत प्रतिरोध खड़ा करती है, सो पत्रकार इस समय निशाने पर हैं। मार्च गोदौलिया, गिरजाघर, नईसड़क, चेतगंज होते हुए लहुराबीर स्थित आजाद पार्क पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि जगेन्द्र मामले में अभी तक आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा की गिरफ्तारी न होना सूबे की समाजवादी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में आरोपी पुलिस वालो को निलंबित कर सरकार लोगो को दिगभम्रित कर रही है, क्यों कि सरकार का आरोपी मंत्री अभी तक कानून के शिकंजे से बाहर है। वक्ताओं ने समाज के सभी तबकों के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि ये लड़ाई सिर्फ पत्रकारों की नहीं उनकी अपनी लड़ाई हैं, क्यों कि मनुष्य विरोधी ताकतें जिस तरह से संगठित होकर हमले कर रही है, उन्हें लोकतांत्रिक तरीकों से जवाब देना जरूरी है क्योंकि खामोश रहने से ऐसी ताकते मजबूत ही होंगी।
सभा में वक्ताओं ने इस आरोपी मंत्री की फौरन गिरफ्तारी सहित मामले की सी.बी.आई जांच की मांग की। मार्च व सभा में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार आर.राजीवन, भाष्कर, आर.के.श्रीवास्तव, अधिवक्ता अजय मुखर्जी, राजेश मिश्रा, अजय रोशन, डा.के.एन.पाण्डेय, डा. रूद्रनंद तिवारी, अतीक खान, मनीश शुक्ला, प्रद्युम्मन पाण्डेय, डा.यादवेन्द्र सिंह, अंजनी तिवारी, उमाकान्त चौधरी शामिल थे।