सरहदी इलाके के निर्भीक पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित को दुर्भावना से झूठे मुकदमे में फसाने के मामले ने पूरे राष्ट्र के पत्रकारों के साथ आम जन को आक्रोशित कर दिया है। नेताओं के चाल व चरित्र पर सवाल उठाने पर पत्रकार का झूठे मामले में जेल भुगतने का यह सरहदी इलाके का पहला मामला है। 16 से 18 मार्च 2017 में यही सतपाल मलिक पूर्व केंद्रीय मंत्री के हैसियत सामाजिक कार्यक्रमों के आए, सबने आदर सत्कार किया।
बिहार के राज्यपाल बनने के बाद 19-20 नवम्बर 2017 को पहली बार सतपाल मलिक बाड़मेर आए, सबने पलक पावड़े बिछा कर स्वागत किया। पुनः 16- 18 मार्च 2018 को बिहार के राज्यपाल को हैसियत से बाड़मेर आए और कई जलसों में शिरकत कर चले गए। इसी मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में भारत पाक की सरहद के शांत जिले बाड़मेर में कश्मीर के मुश्लिम युवक द्वारा हिन्दू युवती को भगा लव जाने का माल सामने आया, जिसने युवती के परिजनों द्वारा दर्ज मुकदमे के कारण लव जिहाद का मामला बन कर चर्चित हुआ।
इसी दरमियां बिहार के महामहिम सतपाल मलिक व हिन्दू युवती को भगा ले जाने वाले कश्मीर के युवक की नजदीकी को दरशाती एक फोटो सामने आई, जिसके कारण सतपाल के बाड़मेर दौरों पर सवाल उठने आरम्भ हो गए। फिर आमजन में यह सवाल उठने लगे कि जिस स्व. गंगाराम चौधरी के जीवित रहते यह व्यक्ति बाड़मेर नही आया, वो आजकल बाड़मेर के दौरों के दौरान इस परिवार से नजदीकी क्यो दिखा रहा है? जनता के जेहन में दूसरा सवाल यह भी उठा को बाड़मेर में सतपाल मलिक की जाति के सोनाराम, हेमाराम, हरीश जैसे स्थापित नेता है, उनसे नजदीकी की बजाय प्रियंका से इतनी नजदीकी क्यों दिखा रहे है?
ऐसे ही सम सामयिकी कई सवाल मेरे पत्रकार साथी दुर्गसिंह ने मीडिया व सोशल मीडिया में उठाये थे, जिसकी बदौलत पहले उन पर जानलेवा हमला हुआ और आज फर्जी मुकदमे में जेल में है। कल हमारे पत्रकार साथी इसी नेत्री के पास इस मामले में सहयोग मांगने गए थे, तब इसी नेत्री ने एक और मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी देकर सबको हड़का कर वापिस भेज दिया था।
आज शिव विधायक व जसवंतसिंह जी के पुत्र मानवेन्द्रसिंह व बाड़मेर के विधायक मेवाराम जैन ने अपने बयान जारी कर दुर्गसिंह के मामले में निष्पक्ष जांच की तो नेत्री भी खुद को पाक साफ जाहिर करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आ गई। जब आपके दिल मे न्याय का इतना ही सम्मान था तो कल जब पत्रकार मिलने आये तब आप न्याय दिलाने पूर्ण सहयोग का वादा कर लेते।
खैर देर आए, दुरस्त आए।
अब तो बिहार के राज्यपाल से एक अपील कर दो को दुर्गसिंह निर्दोष है, (जैसा की आज भास्कर ने परिवादी का बयान छाप दिया है) उसको विलम्ब किए बिना रिहा किया जाए। यह तो महामहिम के अधिकार क्षेत्र में है।
लेखक सबल सिंह भाटी राजस्थान के युवा पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.
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