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फाइनेंस कंपनी ने एक विकलांग और बेरोजगार पत्रकार का जीना किया मुहाल, पढ़िए पूरी कहानी

दिल्ली : अक्सर देखने में आया है कि बड़े से बड़े उद्योगपति लोन लेकर फरार हो जाते हैं और फाइनेंस करने वाली कंपनियां उनका कुछ नहीं कर पाती लेकिन जब एक आम नागरिक फाइनेंस करवाता है और हर महीने वक्त में ईएमआई देता है लेकिन मजबूरी में अगर उसकी एक ईएमआई रुक जाए तो फाइनेंस कंपनियां दबंगई और धमकियों पर उतारू हो जाती हैं और पीड़ित कई बार आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठा लेता है।

एक ऐसा ही मामला दिल्ली से सामने आया है। जहां एक बेरोजगार पत्रकार को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी इस कदर परेशान कर रहे हैं कि मजबूरी में उसने अब मीडिया के सामने मदद की गुहार लगाई है। पीड़ित का नाम हिमांशु है। जिसने फोन लिया था। फाइनेंस कंपनी के रिप्रजेंटेटिव ने झूठ बोलकर फोन फाइनेंस करवाने पर कई फायदे गिनवाए और कार्ड थमा दिया।

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कार्ड जब बनाया गया तो वादा किया गया था कि हर मीहने की 15 तारीख तक आपको अपनी ईएमआई देनी होगी और अगर 15 तारीख तक ईएमआई नहीं आती तो आपसे बाउंस चार्ज लिया जाएगा, लेकिन फाइनेंस कंपनी के इस झूठ का पर्दाफाश ठीक अगले ही महीने की 3 तारीख को तब हो गया जब ईएमआई न मिलने पर कंपनी ने वादा तोड़ा और 15 तारीख की बजाय 2 तारीख से ही बाउंस चार्ज लगाना शुरू कर दिया। ऐसे में हर महीने ईएमआई के अलावा 1000 रुपए ज्यादा कंपनी ने हिमांशु से वसूल किए।

पीड़ित की माने तो हर महीने उसे 2 तारीख से फोन पर ईएमआई पेय करने की धमकी दी जाती और ईएमआई न देने पर लीगल नोटिस घर पर आकर जबरन वसूलने का डर दिखाया जाता। पीड़ित हिमांशु हर महीने की 15 तारीख तक बाउंस चार्ज के साथ ईएमआई पेय करते रहे क्योंकि उनकी सैलरी हर महीने 15 तारीख को ही आती थी और कंपनी के बाउंस चार्ज को लेकर उन्होंने फाइनेंस कंपनी को कभी शिकायत नहीं की। जिससे कंपनी के हौसले बुलंद होते गए।

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हद तो तब हो गई जब सितंबर महीने की ईएमआई हिमांशु नहीं दे पाए क्योंकि इस बीच उनकी नौकरी किसी वजह से छूट गई थी। साथ ही घर में और भी कई दिक्कतें थीं। फाइनेंस कंपनी के रिप्रजेंटेटिव हिमांशु को हर रोज कॉल करके पहले तो ईएमआई जल्द से जल्द देने की बात करते रहे। इस बीच हिमांशु ने भी वादा किया कि वो जल्द ईएमआई दे देंगे लेकिन किसी वजह से पैसे नहीं हो पाए और ईएमआई वो नहीं दे पाए।

ईएमआई न देने की सूरत में हिमांशु ने फाइनेंस कंपनी के रिप्रजेंटेटिव को अगले महीने 2 ईएमआई एक साथ देने की बात की। इस बात पर कंपनी का रिप्रजेंटिट भड़क गया और हिमांशु को धमकाने लगा। दरअसल हिमांशु विकलांग हैं तो उसने कहा कि मुझे कुछ वक्त दो मैं आपका पैसा पेय कर दूंगा लेकिन फाइनेंस कंपनी की तरफ से पहले तो धमकियां दी गई बाद में कंपनी कर्मचारियों ने हदें पार कर दीं।

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फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों की कॉल्स से परेशान होकर जब हिमांशु ने कॉल रिसीब करना बंद कर दिया तो कंपनी की तरफ से उनको सोशल मीडिया पर मैसेज किए जाने लगे। साथ ही उन्हे सोशल मीडिया के जरिए ही पता चला की कंपनी ने उनके खिलाफ लीगल नोटिस जारी कर दिया और धमकी दी की अब हम आपको बताएंगे कि रुपए कैसे वसूल किए जाते हैं।

इस सबके बीच गौर करने वाली बात ये हैं कि हिमांशु के फाइनेंस कार्ड को कंपनी ने पहले ही महीने से परमानेंट ब्लॉक कर दिया और हवाला दिया कि आपने ईएमआई नहीं दी इसलिए आपका कार्ड ब्लॉक किया गया। सबसे बड़ी बात तो ये हैं कि कंपनी हर महीने आपसे बाउंस चार्ज भी ले रही हैं और आपको ही धमका भी रही है। साथ ही बाउंस चार्ज लेने के बाद कार्ड भी ब्लॉक कर दिया ताकि उसको प्रयोग न किया जा सके।

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जब हिमांशु ने फाइनेंस कंपनी के रिप्रजेंटेटिव से ये सवाल किए तो उनका कहना था कि हमारी यही पॉलिसी है। अब सवाल इस बात का है कि बाउंस चार्ज लेना वो आपकी पॉलिसी, कार्ड को पहले महीने ही ब्लॉक कर देना आपकी पॉलिसी और लीगल नोटिस भी एक ही ईएमआई पर जारी कर देना ये भी कंपनी की पॉलिसी आखिर में सवाल ये है कि जिसके खिलाफ इन पॉलिसी का इस्तेमाल हो रहा है उसके साथ झूठे वादे करके अपना प्रॉडक्ट बेचना कहां कि पॉलिसी है। जो कहीं न कहीं कंपनी के कर्मचारियों की फ्रॉड नीति के तहत टारगेट पूरा करने की हरकत को उजागर करता है।

सोशल मीडिया पर आए कंपनी रिप्रजेंटेटिव के मैसेज और जो ईएमआई पेय की उनकी फोटोकॉपी देते हुए बताया कि अब भी हर रोज उनको फाइनेंस कंपनीकी तरफ से धमकियां मिल रही हैं जबकि वो अपनी मजबूरी बता चुके हैं। बावजूद इसके उनको धमकाया जा रहा है जिससे वो काफी तनाव में हैं।

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हिमांशु ने बताया कि एक दिन में फाइनेंस कंपनी के रिप्रजेंटेटिव कम से कम 30 से 40 बार कॉल करते हैं और हम बार धमकी देते हैं। हिमांशु ने कहा कि वो समझते हैं कि कंपनी के रिप्रजेंटेटिव भी जॉब कर रहे हैं और उनको भी कोई ऐसा करने के लिए बोलता होगा लेकिन सवाल इस बात का है कि लीगल नोटिस और धमकियां देना कहां की समझदारी है।

इन कंपनियों के आकाओं को तब सांप सूंघ जाता है जब बड़े -बड़े उद्योगपति इनका पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं और इनके रुपयों पर मौज मनाते हैं और ये उनका कुछ नहीं कर पाते लेकिन जब कोई आम आदमी एक ईएमआई न दे पाए तो ये कंपनियां अपनी औकात पर उतर आती है और इतना प्रताड़ित करती है कि मजबूरी में कई बार परेशान शख्स मौत को गले लगा लेता है।

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हालातों का जिक्र करते हुए हिमांशु का गला बार-बार रुध रहा था। जो गवाही दे रहा था कि वो किन हालातों का सामना कर रहे हैं। बात अभी खत्म नहीं हुई कंपनी के ईमेल, सोशल मीडिया मैसेज और ईएमआई की सारी डिटेल हिमांशु ने संभाल कर रखी है और उनका कहना है कि वो हार नहीं मानेंगे। इन हालातों का डटकर मुकाबला करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे।

Ansh Yadav

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