Priyabhanshu Ranjan : दो-तीन हफ्ते से Masterstroke के वक्त Poor Signal आ रहा था। फिर मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इस्तीफा दिया। आज Masterstroke का ‘मास्टर’ बदल कर एक भाजपाई ‘मास्टरनी’ को सामने कर दिया गया। और अब पुण्य प्रसून वाजपेयी और अभिसार शर्मा को चैनल से निकाले जाने की अपुष्ट खबर मिली है। मटन-मुर्गा चबाइए, मोदी सरकार के गुण गाइए। वरना हाजमा खराब कर दिया जाएगा!
Manav : सर Narendra Modi, आपका शुक्रिया। अब ABP न्यूज़ के सिग्नल एकदम ठीक आ रहे हैं। आधे घंटे में एक बार भी ब्लैक नहीं! आपके लोकतंत्र में ये Dish TV वाले ग्राहकों की दिक्कतें समझने लगे हैं।
Santosh Manav : ABP News से मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर; पुण्य प्रसून वाजपेयी और अभिसार शर्मा निकल लिए । पत्रकारिता में अब वही टिकेंगे; जिनका चेहरा सुल्तान को पसंद होगा । लिखने- पढ़ने वाले हैरान- परेशान । हे! सुल्तान । नई सूचना है- शो Master strok भी बंद । एक news शो से डर गया सुल्तान । हे! सुल्तान । पत्रकारिता दो कौडी़ की कर दी गई। 74 की मल्लिका से भी आगे हैं सुल्तान। हे ! सुल्तान ।
Amitaabh Srivastava : एबीपी न्यूज़ के संपादक मिलिंद खांडेकर की चैनल से रवानगी के 24 घंटे के भीतर ही मास्टरस्ट्रोक के प्रस्तुतकर्ता पुण्य प्रसून वाजपेई की भी विदाई हो गयी। नादान, यथास्थितिवादी या फिर सुविधा भोगी हैं वे जिन्हें लगता है कि इमरजेंसी सिर्फ कांग्रेस के राज में लगी थी। मीडिया पर सरकार का दबाव किस हद तक बढ़ चुका है यह उसकी ताज़ा मिसाल है। सवाल एक या दो संपादकों या चंद मीडिया कर्मियों का ही नहीं है, सवाल आम लोगों की आवाज़ का है, विरोध में उभरने वाले स्वरों को दबाने की कोशिशों का है। निंदनीय है, शर्मनाक है। जो सरकार के आगे घुटने टेक चुके हैं, शरणागत हैं या सरकार के सुर में सुर मिला रहे हैं, वे सुरक्षित हैं, संरक्षित हैं। इस दौर में जनता को भी तय करना होगा वह कैसा मीडिया चाहती है। समय चुप रहने का नहीं है।
Prashant Shukla : पत्रकारों अगर अब भी गुस्सा नहीं आया है तो माफ कीजिएगा आप इस पेशे के लायक नहीं हैं Punya Prasun Bajpai, Milind Khandekar, Abhisar Sharma की एबीपी से विदाई अगर आपको नहीं झकझोरती है तो आप भक्तिकाल के उस मुहाने पर खड़े हैं जहां पर सिर्फ तानाशाहों की पूजा होती है, जहां वाक और आजाद आवाजों को इसी तरह कुचला जाता है…। बिना रीढ़ के रहने अच्छा है मैं लड़कर अपनी रीढ़ की हड्डी तुड़वा लूं…आप रेंगते रहिये…बने रहिये अमीबा…।
https://www.youtube.com/watch?v=0HJqDQm8LqA
Nehaa Gupta : अपने आपको मीडिया चैनल्स नंबर 1 कहते थकते नहीं और फिर एबीपी न्यूज़ की ऐसी हरकत.. जब इतने अनुभवी और पत्रकारिता के सूरमाओं का इनके लिए कोई मोल नहीं तो काहे का मीडिया चौथा स्तंभ.. मिलिंद खांडेकर, अभिसार शर्मा और पुण्य प्रसून बाजपेयी. मीडिया के इन कीर्तिमानों को एबीपी न्यूज़ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. मीडिया का इस तरह का आज देखकर कल बेहद खतरे में नज़र आता है जहां कुछ भी स्वतंत्र नही है और फिर कहा जायेगा भारत स्वतंत्र देश है, गलती सिर्फ मीडिया की नही है देश की सरकार सत्ता में होने का फायदा तो उठा ही रही है साथ ही देश के चौथे स्तंभ को काट रही है.
Pradyumna Yadav : नरेंद्र मोदी पर सत्ता का लोभ इस तरह हावी है कि वो इसे जाते देख नीचता की सारी हदे पार करने पर उतारू हो गए हैं. उन्हें एहसास हो या न हो पर सत्ता का लोभ या कुर्सी प्रेम की बीमारी बहुत खतरनाक होती है. यह इंसान को निरंकुश , घमंडी और चापलूस-पसंद बनाती है. यह उसे सत्ता छिन जाने के भय से दिनरात डराती है. यह उसे वो सारे गलत काम करने के लिए प्रेरित करती है जो सत्ता को बनाये रखने के लिए जरुरी होते हैं. नरेंद्र मोदी अब इस सत्ता के लालच में पागल हो चुके हैं. उस पागल कुत्ते की तरह जो किसी पर भी हमलावर हो सकता है. इसी का नतीज़ा है कि आज एबीपी न्यूज से मास्टरस्ट्रोक कार्यक्रम के जनक और संचालक पुण्य प्रसून वाजपेयी और मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर को बाहर कर दिया गया है. अभिसार शर्मा जो मोदी सरकार की नीतियों के तीखे आलोचक थे उन्हें भी लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है.
बीते दिनों पुण्य प्रसून ने अपने कार्यक्रम मास्टरस्ट्रोक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ की एक महिला चंद्रमणि कौशिक और उसके समूह की कमाई को लेकर अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जो दावे किए थे, उसकी सच्चाई दिखाई थी. पुण्य प्रसून ने सबूत के साथ यह साबित किया था कि प्रधानमंत्री मोदी देश के सामने लाइव झूठ बोलते हैं. इस कार्यक्रम से न केवल भाजपा और संघ नाराज थे , बल्कि प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी गुस्सा दिखाया था. इस एपिसोड के बाद से पुण्य प्रसून को पीएमओ समेत बीजेपी के कई लोगों से लगातार धमकियां मिल रही थी. उनके प्रोग्राम के प्रसारण को रोज सिग्नल खराब कर बाधित किया जा रहा था. उन पर अपना कार्यक्रम बंद करने और चैनल छोड़ने का दबाव इतना अधिक था कि आज मजबूरन उन्हें चैनल छोड़ना ही पड़ा और उनका कार्यक्रम मास्टरस्ट्रोक हमेशा के लिए बंद हो गया.
आपको लग रहा होगा कि पागल कुत्ते को ठिकाने लगाने की बजाय देश ये सब कुछ झेल क्यों रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस पागल कुत्ते के साथ उन पालतू कुत्तों कि फौज़ भी है जो जरा सी उंगली उठाने पर आपको काट खाने के लिए तैयार रहते हैं. ये सड़े हुए और सत्ता की रेबीज़ से संक्रमित कुत्ते हैं जो सड़क-चौराहे पर आम आदमी जैसे दिखने वालों से लेकर बड़ी कोठियों और न्यूज रूम में सूटबूट में दिखने वालों के रूप में मौजूद हैं. ये भौंकते हैं तो इनके मुंह से देशद्रोही , खान्ग्रेसी, आपी , नक्सलवादी आदि गालियां निकलती हैं. ये काटते हैं तो झुंड में घेर कर काटते हैं जिसका नतीज़ा कलबुर्गी , पानसरे , गौरी लंकेश , अखलाक , पहलू , रकबर आदि घटनाओं के रूप में नज़र आता है. ये सब देखकर लगता है कि इसे रोकना अब मुश्किल है. लेकिन यह इतना भी मुश्किल नहीं है कि नामुमकिन हो. इसे रोकना है तो पागल कुत्तों के सरदार को निशाना बनाना पड़ेगा. उसे अलग थलग करना पड़ेगा. उसका मिलकर मुकाबला करना पड़ेगा. वो कोई अजर अमर नहीं है. वो भी एक दिन मरेगा. इंसान नहीं कुत्ते की मौत मरेगा. पर उसके लिए आपका इंसान बने रहना और एकजुट रहना जरूरी है.
सौजन्य : फेसबुक
https://www.youtube.com/watch?v=ZSWezgxj9ts
जितेन्द्र तिवारी
August 3, 2018 at 12:45 pm
दम तो सिर्फ संतोष मानव, अमिताभ श्रीवास्तव, प्रशांत शुक्ला के पास है। या फिर यशवंत के पास। 20 साल पत्रकारिता का ड़ंका पीटने के बाद भी अभिसार या पुण्य उनके साथ किए गए किसी पाप के खिलाफ जुबान ने खोल पाएं तो यह या तो उनका खोखलापन है या वे थे ही इस लायक
Bhavishya menaria
August 4, 2018 at 8:56 am
Aap sabhi comments karne walo ko badhai. Badi badi baate kar rahe ho tab kaha the jab majithiya maange par hajaaro patrakaro ko nokri se haath dhona pada. Aap jaise log hi apno ke dushman he
विनय कुमार पाण्डेय
August 5, 2018 at 2:55 pm
एबीपी न्यूज वालों ने इन तीनो को निकाल कर बिल्कुल ठीक किया है ये लोग पैसे खाकर वर्तमान सरकार को उसके गुण-दोष बिना देखे केवल व केवल झूठ व गंदगी फैला कर कोष रहे थे जिसके बजह से एबीपी की TRP खत्म हो गई। जय हिंद