सीमांचल के वरिष्ठ पत्रकार कमल आनंद (71) जी नहीं रहे। सोमवार की शाम करीब 5.20 बजे कोलकाता के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। 3 अगस्त की शाम उन्हें पैरालाइसिस का अटैक आया था। इसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए कोलकाता ले जाया गया। वहां पर हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को पूर्णिया लाया गया।
श्रीनगर हाता स्थित आवास पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखने के बाद मनिहारी गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। कमल आनंद के निधन की खबर मिलते ही शहर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके आवास कौशल्या निवास पर शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी। पत्रकार, बुद्धिजीवी, समाजसेवियों समेत हर तबके में शोक व्याप्त हो गया।
मूलतः डगरुआ प्रखंड के बभनी गांव के रहने वाले कमल आनंद चार भाइयों में सबसे बड़े थे। मृदुभाषी व सामाजिक होने से शहर में उनकी काफी प्रतिष्ठा थी। 40 साल के पत्रकारिता कैरियर में उन्होंने पीटीआई समेत कई समाचार पत्रों में अपनी सेवाएं दी।
अपनी बेबाक लेखनी के कारण उन्हें पूरे सीमांचल में पत्रकारों का अभिभावक माना जाता था। वे 20 सालों तक को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रहने के साथ-साथ 7 वर्षों तक भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे। सक्रिय पत्रकारिता के दौरान वे बिहार राज्य संवाददाता संघ के महासचिव भी रहे।
वर्तमान में वे प्रेस क्लब ऑफ पूर्णिया के संस्थापक अध्यक्ष भी थे। कमल आनंद अपने पीछे दो बेटे-एक बेटी समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके बड़े बेटे प्रकाश कुमार कोलकाता में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के हाईकोर्ट ब्रांच में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि छोटे बेटे कुमार भवानंद दैनिक भास्कर मुजफ्फरपुर संस्करण के संपादक हैं।