Shambhu Nath Shukla : हामिद अंसारी साहब बहुत याद आएंगे। पूरे दस साल वे भारत के वाइस प्रेसीडेंट रहे और राज्य सभा में कड़क प्रिंसिपल की तरह। सबको डांटते रहे, लड़ियाते भी रहे। मगर आज विदाई के दिन उन्हें प्रिंसिपल का चोला उतार देना था। आज भी अपने सम्मान में वक्ताओं का समय भी उन्होंने ही तय किया और बीच-बीच में हड़काते भी रहे।
सबसे बढ़िया विदाई भाषण जदयू के अली अनवर अंसारी ने दिया। उन्होंने उप सभापति कूरियन को पवनपुत्र हनुमान बताया और अंसारी साहब को भगवान राम। तुलना मार्मिक थी और भावप्रवण भी। अन्ना द्रमुक के मैत्रेयन ने तो नरेश अग्रवाल को भरे बाजार खींच दिया, यह बता कर कि सुबह नरेश तय कर देता था कि सदन चलने नहीं देना। पर नरेश पाला बदल कर सपा में चला गया और अहलूवालिया भाजपा में। बाद में नरेश जी ने सफाई भी दी पर जमी नहीं।
एनसीपी के मजीद मेमन का भाषण भी अत्यंत भावुक था और सीताराम येचुरी का भी। डेरेक पूर्ववत बंगालियों की तरह उछलते रहे। प्रधानमंत्री का भाषण बेहद संतुलित था। संजय राउत ने चुटकी भी ली और कह गए कि राज्यसभा टीवी चलता रहे। राज्यसभा टीवी वाकई है तो लाजवाब! आज के विदाई भाषण में अटलबिहारी बाजपेई और चंद्रशेखर जैसी गम्भीरता कोई वक्ता नही ला सका। न चचा मुलायम की तरह कोई चुटकी ले सका। जाइए महामहिम आप याद बहुत आएंगे। हामिद अंसारी साहब के भविष्य के प्रति मेरी भी शुभकामनाएं और उनको प्रणाम। उप सभापति कूरियन साहब की तरह मैं भी यही कहूँगा कि कल अच्छा ही होगा।
वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल की एफबी वॉल से.