-यशवंत सिंह
छियासठ साल की उम्र में क्या कोई इंसान ज़िन्दगी की ऐसी नयी पारी शुरू कर सकता है जो, उसकी तमाम बीती उपलब्धियों को बौना कर दे और यह साबित कर दे कि मालिक की इस दुनिया में बिना कुर्सी, बिना ताकत और बिना जुगाड़ के भी कोई कारनामा किया जा सकता है? ज़्यादातर का जवाब यही होगा, “नामुमकिन सा है !” लेकिन ऐसा दुनिया में हुआ, भारत में हो रहा है और आगे भी होते रहने के आसार हैं।
भाई लोग जानते हैं, अपुन फ़कीरी में जीनेवाला बन्दा है। ना काहू से बैर, ना काहू की बंदगी! लेकिन यह कहानी आपके सामने पेश करने का इसलिए मन किया, ताकि कोई इससे सबक ले सके और कुछ नया करके दिखा सके।
आध्यात्मिक भजनों के लिए मशहूर गायक अंकित बत्रा ने इसी शिवरात्रि को एक नया भजन रिलीज़ किया, “शिव शंकर रखवाला” जिसका लिंक यहाँ दिया गया है। पहले इस भजन को सुनिए और देखिये यह आपको कहाँ-कहाँ छूता है।
भजन का लिंक- https://youtu.be/VfwtjOZ2rB8
इस भजन में शैव-वैष्णव-शैव की द्वैताद्वैत भावना को बहुत ही सरल तरीके से पिरोई गयी है। आपको खुद ही लगेगा कि भजन लिखने में ज्ञान, भावना और समर्पण तीनों एक साथ समाहित हैं। ज़्यादा हैरत की बात यह भी है कि गूढ़ ज्ञान को कम्यूनिकेट करने के लिए गीतकार ने किसी लफ्फाज़ी का इस्तेमाल नहीं किया है।
इस भजन के गीतकार अशोक कुमार शर्मा हैं जो उत्तर प्रदेश सरकार में गंदे धंधों, ग़लत कार्यों और सरकार को नेकनामी से ज्यादा बदनामी दिलानेवाले सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक पद से जुलाई 2015 में बेदाग़ रिटायर हुए। उन्होंने एक लाख करोड़ रुपये की बेनेट एंड कोलमैन कम्पनी के स्किलिंग सलाहकार के पद से इस्तीफा देकर आध्यात्म, धर्म, आस्था और श्रद्धा से जुड़े विषयों पर कार्य करना शुरू किया है।
फ़ोन पर ‘भड़ास’ से हुई बात में उन्होंने कुछ सवालों के जवाब में बताया कि उनके पास अगले पांच साल तक काम की कमी नहीं है। सरकार के किसी विभाग में काम करने की उनकी कोई तमन्ना इसलिए नहीं है क्योंकि “मैंने दुनिया बनानेवाले की चाकरी करने का फैसला लिया है।”
“अंकित बत्रा की योजना सनातन धर्म के साथ ही बौद्ध, जैन और सिख धर्मों के बारे में भी कुछ दुर्लभ भजन प्रस्तुत करने की है। हम लोग सूफ़ी और साईं भजनों पर भी काम कर रहे हैं। अंकित जी कुछ नए विषयों पर भी अनोखे कार्यक्रम बना रहे हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैं देश के सबसे होनहार और युवा आध्यात्मिक गायक के साथ जुड़ा हूँ।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हर माह ही अंकित बत्रा उनके लिखे कुछ भजन रिलीज़ करेंगे।
नुपुर शर्मा और आतंकवाद के मुद्दे पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, “क़ानून की जो जिम्मेदारी है, वह क़ानून जाने। मेरी दुनिया इस सबसे अलग है। मालिक को जो अच्छा लगेगा वह अपना रास्ता खुद बना लेगा और उसे कोई रोक नहीं पायेगा।”
कोरोना काल में फ़ैली महामारी के दौरान पिछली दस मार्च को सलाहकार पद से इस्तीफा देकर अंकित बत्रा से जुड़े अशोक कुमार शर्मा आज देश के अनेक प्रमुख प्रकाशकों के सम्पादकीय सलाहकार हैं। संसार के सबसे बड़े प्रकाशन संस्थान ‘नेशनल बुक ट्रस्ट’ के लेखक हैं। बड़े देश के प्रमुख नेताओं की प्रसिद्ध जीवनियों के लेखक, संपादक और रूपान्तरकार हैं तथा राष्ट्रीय ज्योतिष परिषद के प्रमुख सचिव भी हैं। धार्मिक सीरियलों के लिए मशहूर रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर के लिए एक मेगा परियोजना पर कार्य कर रहे हैं। ‘ग़दर’ फिल्म के एसोसियेट निर्माता अशोक शीतल की अनाम फिल्म के लिरिक्स के साथ कंटेंट रिसर्च हेड के रूप में काम कर रहे हैं। ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार की फैसल फारूखी द्वारा लिखित जीवनी का उन्होंने रूपांतरण और संपादन कर लिया है तथा राजकमल प्रकाशन की एक पुस्तक-त्रयी को अंतिम रूप दे रहे हैं।
अंकित बत्रा के लिए वह पंद्रह भजन लिख चुके हैं, जो अगले हर महीने लगातार आते रहेंगे। लेखन में दिलचस्पी रखनेवालों के लिए एक सवाल का उन्होंने जवाब यूं दिया “मैं रोज़ाना रात तीन बजे से उठ कर काम करता हूँ और शाम को चार बजे से सात बजे सोया करता हूँ। लंच करता हूँ लेकिन डिनर बहुत ही कम। एक घंटा टहलता हूँ। इसके बाद एक बार रात ग्यारह बजे से तीन बजे तक नींद लेता हूँ। जिस विषय पर लिखना होता है उससे सम्बंधित सभी तरह की जानकारियों को पढ़ कर अपने नोट्स बनाता हूँ।”
“जितने प्रोजेक्ट्स पर काम करता हूँ, उनकी लिस्टिंग बना लेता हूँ। प्राथमिकताएं सेट करके, पहले का काम पहले करता हूँ। सबके पास एक दिन में 24 घंटे ही होते हैं, सो जो काम करना होता है, उससे ऊब जाने पर दूसरे रोचक काम को करने लगता हूँ। बेहद थक जाने के कारण अपने आप ही पॉवर नैप आती है ।” आश्चर्य की बात यह है कि रात में तीन बजे उठने के लिए वह कोई अलार्म इस्तेमाल नहीं करते।
अशोक कुमार शर्मा इन दिनों साजिद नाडियाडवाला ग्रुप के कार्यकारी प्रोड्यूसर विक्रम राज़दान के साथ एक वेब सीरिज परियोजना पर काम कर रहे हैं। अशोक जी राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद जी पर सर्वप्रथम जीवनी लिखने वाले शख्स हैं। वे पुलिस अफसरों को प्रशिक्षण देने के लिए अलग अलग राज्यों में जाते रहते हैं।
66 साल पूरे करने वाले अशोक जी नौजवानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इसी तीस जुलाई को उनके जीवन का 67 वां साल शुरु हो गया है। जन्मदिन की ढेरों मुबारकबाद!
Dr Ashok Kumar Sharma
July 31, 2022 at 12:43 pm
निशब्द। अभिभूत। कृतज्ञ। भावुक। कृतार्थ। आपके अनमोल शब्दों और सराहना के लिए। बेशक जो आपने कहा वैसा करूंगा। नवोदितों को मदद देने के लिए, मैं पीछे नहीं रहूंगा।
यशवंत भाई, अभी तो पार्टी शुरू हुई है!
विजय सिंह
August 1, 2022 at 5:22 pm
बहुत शुभकामनाएं
डॉ अशोक कुमार शर्मा
August 6, 2022 at 4:02 pm
आभार विजय जी