प्रति श्री यशवंत जी
संपादक, भड़ास मीडिया,
आदरणीय सर,
सादर चरण स्पर्श
सर मैं आशीष दीक्षित होशंगाबाद दैनिक भास्कर में रिपोर्टर के पद पर हूं। सर मैं आपसे अपनी परेशानी शेयर करना चाहता हूं। सर एक घटनाक्रम के बाद मेरा तबादला दूसरे जिले में कर दिया गया और तबादला आदेश कैंसिल कराने के बाद से ही लगातार स्थानीय संपादक द्वारा मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। सर मैं इतना परेशान हो गया हूं कि मैंने नौकरी छोड़ दी है। मैं कोर्ट में याचिका दाखिल कर रहा हूं। इसकी जानकारी अपने आला अधिकारियों को दे चुका हूं। सर पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा मैं आपको दे रहा हूं।
सर 24 सितंबर को एक घटना का कवरेज करने के दौरान मैं देहात थाने गया था। इसी दौरान मेरा विवाद वहां तैनात एक पुलिसकर्मी से हो गया। टीआई की मौजूदगी में ही सिपाही ने अपनी बंदूक दिखाते हुए मुझे धमकी दी और अपशब्द कहे। सर इसके पूर्व भी देहात थाने में कुछ पत्रकारों का विवाद हो गया था। इसी बात को लेकर पुलिस जवान पत्रकारों से चिढे हुए थे। सर देहात थाने में हुए विवाद की जानकारी मैने व अन्य साथियों ने एसपी को दी, उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसके बाद मैं अपने ऑफिस आ गया जहां अपने सिटी चीफ और डीएनई को जानकारी दी। कुछ देर बाद पत्रकारों ने ऑफिस के नीचे आने को कहा और विवाद का कारण पूछते हुए थाने चलने को कहा। मैने कोड ऑफ कंडेक्ट का हवाला देते हुए थाने जाने से मना किया। कुछ पत्रकारों से विवाद न बढ़ाने की बात को लेकर बहस भी हुई, लेकिन सभी लोगों ने थाने चलने को कहा। सभी पत्रकार साथी थाने पहुंच गए। मैं करीब 10 मिनट बाद थाने पहुंचा था, तब तक थाने में पत्रकारों व टीआई एचसी पांचाल की बहस हो चुकी थी। नाराज साथी थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए। मेरे वहां पहुंचते ही मुझे भी धरने पर बैठा दिया गया। सर मैं धरने पर नहीं बैठना चाहता था, लेकिन मुझे वहां बैठना पड़ा। मेरे भास्कर ऑफिस के साथी रिपोर्टर भी वहां आ चुके थे।
सर पत्रकार धरने पर बैठे रहे। रात 11 बजे एएसपी अमृत मीना थाने आए और पत्रकारों से ही अपशब्द कहते हुए कुछ पत्रकारों को कोने में ले गए। पत्रकारों ने धरना समाप्त कर दिया। रात 12 बजे मेरे संपादक अतुल गुप्ता का फोन आया। वे भी मुझसे अपशब्द कहने लगे। सर बाद में पता चला कि अतुल जी ने धरने से हटने की बजाए मेरी फोटो पत्रकारों से वॉटसअप पर मंगवा ली और अपने वरिष्ठ अधकिारियों को दे दी। सर धरना समाप्त होने के बाद सभी लोग वापस चले गए। एक सप्ताह बाद स्टेट सेटेलाइट एडीटर नरेंद्र सिंह अकेला ने घटनाक्रम की जानकारी ली। मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया। बातचीत के दौरान उन्होंने संपादक अतुल गुप्ता जी की जानकारी ली। मैने अतुल जी के बारे में बता दिया की वो शहर से बाहर हैं। सर मुझे यह जानकारी नहीं थी कि श्री अकेला जी अतुल जी के बारे में क्यों पूछ रहे हैं। उन्होंने अतुल जी की शिकायत मेल करवाई। मैं अपने आला अधिकारी का आदेश नहीं टाल सकता था सो मैने मेल कर दिया। सर अतुल जी मुझसे व्यक्तिगत द्वेष रखते हैं। यह बात यहां सभी को पता है। सर शहर में अतुल जी की इमेज ठीक नहीं है। रुपए लेकर खबरें रोकने की जानकारी आला अधिकारियों को है। सर अतुल गुप्ता जी के कहने पर एएसपी अमृत मीना ने मेरे खिलाफ रिपोर्ट तैयार कराई और उन्हें दे दी थी।
सर 6 अक्टूबर को मेरो तबादला होशंगाबाद से 600 किमी दूर रतलाम जिले में कर दिया गया। मेरे पत्नी गर्भवती हैं और उसकी स्थिति नहीं है कि मैं उसे छोड़कर जा सकूं। इस बात हवाला देते हुए मैने एचआर हेड इंदौर से तबादला आदेश निरस्त करने की गुहार लगाई। नेशनल स्टेटेलाइट एडीटर ओम गौड़ ने मुझे भोपाल बुलाया और उसके बाद उन्होंने मुझे डांट फटकार लगाते हुए आगे से गलती न करने का कहते हुए तबादला आदेश कैंसिल कर दिया। मैंने इसकी जानकारी अतुल जी को दी। उनके पास भी ओम सर का मेल आ चुका था।
सर होशंगाबाद आफिस में अतुल जी ने कई व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए मुझे अपशब्द कहे। उनका कहना था कि वो मेरी इज्जत का पंचनामा बनाएंगे। सर उन्होंने काम को लेकर कोई बात ही नहीं की और व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए मुझे सब एडीटिंग करने का आदेश दिया। सर मैं तैयार हो गया। इसके बाद उन्होंने माफीनाम लिखकर देने को कहा। इसके लिए भी तैयार हो गया, लेकिन सर उनका कहना था कि माफीनामा मेल पर नहीं बल्कि कागज पर लिखकर पूरे ऑफिस के सामने देना होगा। सर इस बात के लिए जब मैं तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने वहां से जाने का कह दिया।
सर इसकी जानकारी मैंने अगले दिन इंदौर में एचआर हेड को मेल के जरिए दी। इस बीच दीपावली की छुट्टी पड़ने के कारण कोई प्रक्रिया नहीं हो सकी। सर 3 नवंबर को भोपाल एचआर के अविनाश कोठारी जी आए और दिनभर अतुल जी के साथ ही शहर में घूमते रहे। बात करते रहे। शाम को मुझे ऑफिस में अतुल जी की बात मानने के लिए दबाव बनाने लगे। सर मैने अविनाश जी से कहा कि मैं नौकरी दैनिक भास्कर की करता हूं, न कि अतुल जी की। इस पर दोनों अधिकारी मुझ पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने लगे।
सर इस घटनाक्रम की जानकारी मैने मुख्य संपादक नवनीत गुर्जर और ग्रुप एडीटर कल्पेश याग्निक को मेल के जरिए दे दी है। सर अतुल जी ने मेरा जीना हराम कर दिया है। मेरे ही कुछ साथी घर के आसपास घूमते रहते हैं। सर मैने नौकरी छोड़ने के लिए मेल कर दिया है। सर मेरी कोई मदद नहीं कर रहा है। मैं इतना परेशान हूं कि कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या करूं। मैं पिछले 2010 से होशंगाबाद कार्यालय में हूं। क्राइम बीट पर काम कर रहा था। सर अतुल जी छत्तीसगढ़ के भिलाई एडीशन में संपादक थे, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने विद्रोह कर दिया था जिसके बाद वापस होशंगाबाद भेज दिया गया। इनके आने के बाद 12 कर्मचारियों ने भास्कर से इस्तीफा दे दिया है। सर अतुल गुप्ता का तानाशाह रवैया है। सर मैं नौकरी नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि एक माह से घर पर बैठा हूं। घर पर बुजुर्ग मां हैं। उन्हीं की पेंशन से घर चल रहा है। एक पांच साल की बेटी है। पत्नी गर्भवती है। दो माह बाद डिलेवरी का समय है। सर अतुल गुप्ता से बहुत डर लग रहा है। सर मैंने अपनी पूरी परेशानी आपको बता दी है। सर भास्कर प्रबंधन ने मेरा तबादला तो निरस्त कर दिया, लेकिन हालात यह हो गए कि मैंने नौकरी छोड़ दी।
प्रार्थी
आशीष दीक्षित
09827624022
09425643544
होशंगाबाद
bhawani joshi
November 20, 2014 at 7:12 pm
tu patrakaar hai ki hinjra….crime beet dekhta hai aur phati hai teri..laga saale atul ke do ya kisi bhai ko bol
ravishankar rai
September 19, 2017 at 5:32 pm
सर जी मेरा आप से निवेदन है कि पचमढ़ी में पचमढ़ी केन्ट के खिलाफ कोई पत्रकार लिखना नहीं चाहता है ।मैं उन्हें खबरे देता हूॅ,प्रमाण सहित।पर वो प्रभावशील व्यक्तियों के डर से खबरे छापते नहीं है।ऐसे में मैं क्या करूँ मेरा मार्गदर्शन करें।
रविशंकर राय पचमढ़ी
मो:9424436506 /9479442148