यशवंत जी, मैं इस समय इंडिया न्यूज चैनल में सब-एडीटर के पद पर कार्यरत हूं। मेरा नाम हरेन्द्र नायक है। मैं इससे पहले अमर उजाला रोहतक यूनिट के अंतर्गत सोनीपत ब्यूरो में कार्यरत था। मुझे वहां से जबरदस्ती निकाल दिया गया। मैंने अपनी स्टोरी आपको भेजी थी। ‘रुपया और लड़की सप्लाई न करने पर अमर उजाला से मुझे निकाला’, शीर्षक से आपने वो स्टोरी छापी थी। मैं वो स्टोरी फेसबुक के जरिए तब से लेकर अब तक अपने लाखों करोड़ों दोस्तों तक भेज चुका हूं। वो स्टोरी फेसबुक पर पढ़कर अमर उजाला के वो जिम्मेदार लोग अब बौखला गए हैं।
1 सितंबर, 2014 को हमारे एक अन्य सहयोगी मिस्टर परवेज अली को उनके मोबाइल पर, सोनीपत अमर उजाला के ब्यूरो चीफ जितेंद्र सहारन ने फोन करके इंडायरेक्टली धमकी देते हुए कहा कि नायक को बोल दो कि शांत हो जाए नहीं तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। अमर उजाला उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा देगा। सर, सोनीपत के ब्यूरो चीफ जितेंद्र सहारन, रोहतक अमर उजाला के एनई अर्जुन बहादुर निराला, वहां के आरई वीरंद्र कुमार आर्य और डिप्टी एचआरडी तारिक अनेवर पहले भी मुझे मेर कार्यालय से उठवाने और मामले को तूल देने पर जान से मारने की धमकी दे चुके हैं।
इन्होंने मुझे कहीं और भी नौकरी न करने देने की धमकी दी है। सर, मैंने कोई 302 किया है क्या? अगर मुझे या मेर परिेवार को कुछ होता है तो इसके लिए इसमें जितने नाम दिए गए हैं, वे सब जिम्मेदार होंगे। अगर मेरी या मेरे परिेवार के किसी सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी जाए, या हममें से कोई वाहन दुर्घटना में मारा जाए। या हमार किसी पारिेवारिक सदस्य की या मेरी हत्या करने के बाद उसे आत्महत्या दिखाया जाए, तो ये सभी जिम्मेदार होंगे। ये लोग बहुत ताकतवर हैं। मुझे व मेर परिेवार को जबरन जहर खिलाकर या फांसी पर लटकाकर भी मार सकते हैं और उसे आत्महत्या साबित करवा सकते हैं।
मुझे या मेरे परिेवार को कुछ भी हो तो ये जिम्मेदार होंगे। अगर मैंने गुनाह किया है इनके खिलाफ मोर्चा खोलकर, तो भिजवा दो हमें जेल, कोई 302 के अपराधी नहीं है।
आपका
हरेन्द्र नायक
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