अमर उजाला के पीटीएस विभाग के कर्मचारियों की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं लेती। अगर एक खत्म हो तो दूसरी मुश्किल सामने ही खड़ी होती है। कुछ महीने पहले ही अमर उजाला में पीटीएस विभाग खत्म करने का निर्देश जारी किया गया था। उसके बाद से ही अमर उजाला के हर यूनिट से पीटीएस में कांट्रैक्ट पर रखे सभी कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ पीटीएस कर्मचारियों को बिना कारण नोएडा ऑफिस बुलाकर इस्तीफा मांग लिया गया। जब किसी कर्मी ने इस्तीफा नहीं दिया तो उन सभी कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया गया। बात यहीं खत्म नहीं होती। कुछ पीटीएस कर्मचारियों का ट्रांसफर बरेली से रोहतक यूनिट के मशीन में कर दिया गया।
अब सोचने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने साक्षात्कार (इंटरव्यू) पेज व ऐड बनाने का दिया था वो मशीन में कैसे काम कर सकते हैं। पर इससे मालिक लोगों का कोई लेना-देना नहीं। उन्हें तो सिर्फ पीटीएस विभाग के कर्मियों को परेशान कर संस्थान से बाहर निकालना है। मजीठिया वेतनमान लागू करने का दिखावा करने वाले अमर उजाला ने मजीठिया वेतनमान से पीटीएस विभाग के कर्मियों को कोसों दूर रखा। मजीठिया वेतनमान देने के नाम पर संस्थान ने पीटीएस के किसी भी कर्मी को 250 रुपये से लेकर 1200 रुपये से ज्यादा का लाभ नहीं दिया।
इस विभाग में कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अमर उजाला के एमडी रहे स्व. श्री अतुल महेश्वरी जी के साथ काम किया है। पीटीएस विभाग में वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने संस्थान में अपने जीवन का मूल्यवान समय झोंक दिया और आज उन्हें ही ओछी नजरों से देखा जा रहा है। आज उनका ही स्थानांतरण कर मशीन में काम करने को कहा जा रहा है। 10 मार्च को चंडीगढ़ यूनिट से पीटीएस विभाग के इंचार्ज प्रेम प्रकाश शर्मा का स्थानतरण यूपी के गोरखपुर अमर उजाला के मशीन में कर दिया गया। संस्थान पीटीएस विभाग समाप्त करने के मकसद से अब सभी पीटीएस कर्मचारियों को यूनिट के संपादकों के अधीन कर दिया है। पहले यह प्रोडेक्शन मैनेज़र के अधीन काम करते थे। पीटीएस विभाग का शोषण अमर उजाला में हमेशा होता रहता है। कभी मालिक के लोगों द्वारा तो कभी उच्च पद पर बैठे अधिकारियों द्वारा। यहां तक कि संपादकीय विभाग में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो पीटीएस विभाग के कर्मचारियों को नीचा दिखाने और उनकी शिकायत अधिकारियों से करने से परहेज नहीं करते।
shobhit
March 19, 2015 at 4:19 pm
Bhaiya aaj to amarujala ne gazab kar diya ab inhone last time hum sabko majithiya wage board ke hisab se 5000 ₹ badhaye they per wo badhe huye paise naye salary structured ke hisab se imsentive part me dal diya
Jaisa b hum sab jante hai ki imsentive ko kabhi b sal ka part nahi mana jata to ab amarujala ke employee kabhi b kisi aur company me jayenge bhi to unhe ab bahut nuksan ho jayenge.aur bhi bahut bula khel kiya hai jiska prof jaldi bhadas ko diya jayega.
Ye sacchai hai iska prof 2 din me mil jayega.
Ab din aa gaye amarujala ko b court me ghaseetne ka bahut inhone apni marji se wage board de diya ab inko hum employee ko de rahe hai.
But ho kuch b hum employee bahut pareshan hai.
purushottam asnora
March 20, 2015 at 5:26 pm
amar ujala shoshan ka pratik ban gya hai, malik hi nhi usaka har adhikari apne our sirf apne bare mai sochata hai,is halat mai sansthan adhik samay nhi chalega.
vasudha
March 26, 2015 at 3:08 pm
Amar ujala me ptrakarita khs ho rhi h.. up police bharti me state me baval ho rha h.. lekin amar ujala chup.. sp gov ki chamchagiri karni h prabandhan ko.. editorial kya kre uper se adesh h.. adhikari maze me desk pe kaam krne walo se mazdoori karai ja rhi h